Bewafa Shayari In Hindi : बेवफाई का मतलब है किसी के साथ वादा करने के बाद उसका उल्लंघन करना या धोखा देना। यह तब होता है जब किसी रिश्ते में विश्वास टूट जाता है। बेवफाई का दर्द बहुत गहरा और कष्टदायक होता है, क्योंकि इसमें दिल की उम्मीदें और भावनाएं टूट जाती हैं। और यह भावनात्मक दर्द कई दिनों, हफ्तों या महीनों तक रहता है और इससे उबरना मुश्किल होता है।
बेवफाई एक कठिन और दर्दनाक अनुभव हो सकता है, लेकिन यह जीवन का एक हिस्सा भी है। इसके बावजूद, यह जरूरी है कि हम खुद को समझें और अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए तैयार रहें। याद रखें, हर अनुभव हमें कुछ नया सिखाता है और हमें जीवन के प्रति एक नई दृष्टिकोण प्रदान करता है। समय के साथ, बेवफाई के दर्द को दूर करना संभव है और एक नई शुरुआत करना भी संभव है।
तो दोस्तों आज के इस पोस्ट में Bewafa Shayari In Hindi का संग्रह लेकर आया हूँ जो आपके दर्द को कम करने में मदद करेगा और आपके लाइफ में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा। अगर आपको यह Bewafa Shayari In Hindi पसंद आये तो आपने दोस्तों और प्रियजनों के साथ जरूर शेयर करें।
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तेरी बेवफाई ने हमारा ये हाल कर दिया है,
हम नहीं रोते लोग हमें देख कर रोते हैं !
तेरी बेवफाई ने हमारा ये हाल कर दिया है,
हम नहीं रोते लोग हमें देख कर रोते हैं।
तुम क्या जानो बेवफाई की हद ऐ दोस्त,
वो हमसे इश्क सीखता रहा किसी और के लिए !
तुम्हारी कुछ तस्वीरों को ऐसे संभाल के रक्खी है,
जैसे वो मेरी जिंदगी भर की कमाई हो..!!!
हम इश्क़ में वफ़ा करते करते बेहाल हो गए,
और वो बेवफाई करके भी खुशहाल हो गए।
प्यार से भरी कोई ग़ज़ल उसे पसंद नहीं,
बेवफाई के हर शेर पे वो दाद दिया करते हैं !
तू बेवफा है, ये मेने अब जान लिया है,
दिल के दर्द को तूने बदनाम किया है।
तेरी बेवफाई ने हमारा ये हाल कर दिया,
हम नहीं रोते लोग हमें देख कर रोते है!
किसे खबर थी वो ऐसे भी खफा हो जायेगा,
ज्यादा चाहेंगे उसे तो बेवफा हो जायेगा..!!!
जब आपको बिना गलती के सजा मिले,
तो उसे Bewafai कहा जाता है।
दिल भी गुस्ताख हो चला था बहुत,
शुक्र है की यार ही बेवफा निकला !
दिल भी गुस्ताख हो चला था बहुत,
शुक्र है की यार ही बेवफा निकला।
प्यार में जो तूने मुझे बेवफाई की सजा दी,
मेरी वफाओ का कसूर क्या था इतना तो बता दिया होता!
जबसे वो मेरा हमदर्द रूठा है,
भरोसा भी खो बैठा हूं, दिल भी टूटा है…!!
मोहब्बत में ऐसा क्यों होता है,
बेवफाई में वो रोते हैं और वफ़ा में हम रोए हैं।
रोये कुछ इस तरह से मेरे जिस्म से लग के वो,
ऐसा लगा कि जैसे कभी बेवफा न थे वो !
जिंदगी की राहों में मिलते हैं ये धोखेबाज,
दिल को लगा कर छोड़ गए, वादे किए वादे तोड़ गए।
ये मोहब्बत करने वाले भी बहुत अजीब है,
वफ़ा करो तो रुलाते है और बेवफाई करो तो रोते है!
क्या कीजिए अब किस्सा बहुत पुराना हो गया,
उस बेवफा को देखे एक ज़माना हो गया…!!!
दुनिया वालों का भी अजीब दस्तूर है बेवफाई मेहबूब से मिलती है ,
और बेवफा मोहब्बत बन जाती है।
कैसे गलत कह दूँ तेरी बेवफाई को,
यही तो है जिसने मुझे मशहूर किया है !
मेरे दिल की धड़कनों को थामा था तुमने,
पर फिर भी तुम बेवफ़ा होकर चले गए।
हमसे न करिए बातें यूँ बेरुखी से सनम,
होने लगे हो कुछ-कुछ बेवफा से तुम!
आग लगे मेरे ऐसे खयालों में,
जो उस बेवाफा की यादों से होकर गुजरे थे…!!!
जिससे हमने Bewafai पायी,
वो हमसे वफ़ा की उम्मीद करते हैं,
दिल पर जख़्म देके,
निशान शरीर पर ढूंढ़ते हैं।
तुम्हारी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की,
में बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगा !
अब कोई उम्मीद नहीं बची दिल में,
तुम तो बस एक बेवफ़ा ही निकले।
वो दिन याद आते जब तू कहती मोहब्बत है
अब वो दिन याद आते हैं जब तू बेवफा है।
तेरी चाहत में रुसवा यूँ सरे बाजार हो गए,
हमने ही दिल खोया और हम ही गुनेहगार हो गए !
वो भी बदल गई जो कहती थी,
मैं सबके जैसी नही हू..!!!
मुझे बेवफाई नहीं चाइये थी,
मुझे धोका नहीं चाइये था,
मुझे तो बस थोड़ा सा प्यार चाइये था !!
एक बेवफा को हमने दिल में जगह दी थी,
ख़्वाबों की दुनिया अपनी उससे ही सजा दी थी।
कैसे गलत कह दूँ तेरी बेवफाई को,
यही तो है जिसने मुझे मशहूर किया है।
क्यों महसूस नहीं होती उसे मेरी तकलीफ,
जो कहती थी अच्छे से जानती हूँ तुम्हे!
दिवारे सुन लेती है चीखे मेरी,
बस कुछ अपने बहरे बने बैठे हैं..!!!
एक दौर था वो हर वक़्त मेरी फ़िक्र करने वाली ,
हर समय मेरे बारे मैं सोचने वाली कहाँ चली गई,
वफ़ा करने वाली,
bewafai करके चली गयी !
अभी पास है तो ठोकर मारकर bewafa बना देते हो,
जब दूर हो जाएंगे,
तो प्यार जाताओगे!
वो बेवफा है तो क्या हुआ उसे बेवफा ही रहने दो,
हमने तो सच्ची मोहब्बत की थी हमे उनकी मोहब्बत का सताया ही रहने दो।
तुम्हारी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की,
में बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगा।
एक बेवफा को हमने दिल में जगह दी थी,
ख़्वाबों की दुनिया अपनी उससे ही सजा दी थी।
फोन में नंबर सेव है मगर बात नहीं होती,
तुझे याद ना करू ऐसी कोई रात नहीं होती!
खुलकर रोने की भी आजादी ना मिली,
खुश रहने का इतना दबाव था हम्पर..!!!
कितनी भी Care कर लो,
Bewafai करने वाले बेवफा बन ही जाए हैं !
तेरी बेवफाई ने मेरा ये हाल कर दिया है,
मैं नहीं रोती, लोग मुझे देख कर रोते है।
एक तेरा ही नाम था जिसे हज़ार बार था लिखा,
जिसे खुश हुए थे लिख कर, उसे मिटा मिटा के रोये।
तू भी आईने की तरह बेवफा निकली,
जो भी सामने आया बस उसी की हो गई!
चाहत देख कर लगता था कभी बिचड़ेगा नही,
नज़र ऐसी लगती के नजर भरके भी नही देखता..!!!
मैंने अपनी ज़िन्दगी के रस्ते बदल दिए हैं अब जो हमारे साथ खड़े हैं,
वही हमारे साथ चलेंगे !
क्यों इस तरह से मुझे अकेला छोड़ दिया
इतनी बुरी तरह मेरा दिल तोड़ दिया।
वैसे तो इश्क़ उन्हें भी हो जाता मगर,
दौलत की आंधी चली तो ये मोहब्बत भी इकतरफ़ा हो गयी।
सच्चे प्यार की ना तो कदर होती है
और ना ही कोई समझता है इसलिए
सच्चा प्यार अक्सर अधूरा रह जाता है!
चिंता मत कर बहुत दूर चला जाऊंगा तुझसे,
वैसे भी तू परेशान बहुत है मुझसे..!!!
हमने ये सोचा वो वापिस आए हमारी मोहब्बत के लिए,
मगर वो बेवफा वापिस आए सिर्फ अपने काम के लिए!
दिल तोड़ देती हैं यह खूबसूरती की परियां,
इसलिए जरुरी है बना कर रखें इनसे दूरियां।
क्यों इस तरह से मुझे अकेला छोड़ दिया
इतनी बुरी तरह मेरा दिल तोड़ दिया।
मत पूछो शीशे से उसके टूटने की वजह,
उसने भी मेरी तरह किसी पत्थर को अपना समझा होगा!
दो आंखो में दो ही आसू,
एक तेरी वजह से, एक तेरी खातिर..!!!
कोमल,
दयालु लगते थे जो हसीन लोग,
वास्ता पड़ा तो कठोर और पत्थर के निकले…
याद वही आते हैं जो अक्सर दर्द देते हैं,
बनाकर अपना सफर में, अकेला छोड़ देते हैं।
याद वही आते हैं जो अक्सर दर्द देते हैं,
बनाकर अपना सफर में, अकेला छोड़ देते हैं।
मेरे पास तो सिर्फ तेरी फोटो है,
खुशनसीब तो वो है जिसके पास तू है..!!!
तुम खफा होकर देख लो,
लोग तुरंत बेवफा हो जायेंगे..!!!
दूरी और बेरुखी का जब उनसे जवाब माँगा गया ,
तो हमें Bewafa बना के हमसे रिश्ता तोड़ने का जवाब दिया ।
एक बेवफा से मैंने प्यार क्या,
दिल देकर उस पर एतेबार क्या,
हमने तो समझ था उसे हम दर्द अपना,
मगर बनकर बेदर्द उसने, दिल पर मेरा वॉर किया।
दिल किसी से तब ही लगाना जब दिलो को पढ़ना सिख लो,
वरना हर एक चहरे की फितरत में इमानदारी नहीं होती!
दफन थी उसमे पहले से ही किसी की मोहब्बत,
हां मुझे इश्क हुआ था किसी कब्र से..!!!
ये मैं अक्सर सोचता हूँ की वो हमें कैसे भूल गए होंगे,
शायद हमें बेवफा मान कर,
भूलने की वजह मिल गयी होगी ।
जिनकी चैन से गुजरतीं हो रातें
वो हमसे बात क्या करेंगे
जिनके हो हजारो चाहने वाले
वो भला हमें याद क्या करेंगे
ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक हैं,
तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक हैं,
वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी,
हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक हैं।
किसी से बेहिसाब मोहब्बत करली मैंने,
समझ गया था अब वो मेरी किस्मत में नहीं आयेगा!
क्यों तुमने जिद करी मेरी जिंदगी में आने की,
जब हिम्मत ही नहीं थी साथ निभाने की!
मत करना इश्क, बहुत झमेले है,
हस्ते साथ ही है और रोते अकेले है..!!!
अब मैंने खुद का धयान रखना शुरू कर दिया है,
क्योंकि धयान रखने वाले अब बदल चुके है।
चले जाने दो बेवफा को किसी और की बाहों में,
जो मेरा ना हो सका वो किसी और का क्या होगा।
मेरे अलावा उसे ख़ुद से भी मोहब्बत है
और ऐसा करने से वो बेवफ़ा नहीं होती
अगर दुनिया में जीने की चाहत ना होती,
तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती,
लोग मरने की आरज़ू ना करते,
अगर मोहब्बत में बेवाफ़ाई ना होती।
यूँ बदलने का अंदाज जरा हमें भी सिखा दो,
जैसे हो गए हो तुम बेवफा वैसे हमें भी बना दो!
होठों पर हसी, आंखो में नमी है,
हर सांस कहती है बस तेरी कमी है..!!!
तुम किसी के भी हो नहीं सकते
तुम को अपना बना के देख लिया
वफ़ा के नाम से मेरे सनम अनजान थे,
किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे,
हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला,
हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे।
वक्त भर चला है जिन जख्मो को,
उन्ही को हवा दिए जा रहे हो!
बिछड़ने की जल्दी थी उसे,
और सारे इल्जाम हमपर लगा दिए..!!!
दिल लगा के दिल तोड़ गयी वो,
प्यार का पाठ पढ़ा कर भूल गयी हमें,
ओ बेवफा,अब किसी से भी दिल मत लगाना ,
क्यूंकि वो भी मेरी तरह चैन की सांस ना ले पाएगी!!
काम आ सकीं न अपनी वफ़ाएँ तो क्या करें
उस बेवफ़ा को भूल न जाएँ तो क्या करें
चले जाने दो बेवफा को किसी और की बाहों में,
जो मेरा ना हो सका वो किसी और का क्या होगा।
कुछ लोग खाने के इतने शौकीन होते है,
की वो दूसरो की खुशियाँ भी खा जाते है!
इस पार हु या उस पार हु,
संभला हुआ हु या तार तार हू,
कुछ भी कहा नहीं जा सकता,
किसी काम का हु या बेकार हु..!!!
उसने Bewafai में सभी हदें पार कर दी,
मोहब्बत का नाटक हमारे साथ और वफ़ा किसी गैर के साथ।
ये क्या कि तुम ने जफ़ा से भी हाथ खींच लिया
मिरी वफ़ाओं का कुछ तो सिला दिया होता
बेवफा वक़्त था, तुम थे, या मेरा मुकद्दर,
बात इतनी ही है कि अंजाम जुदाई निकला।
वो हर बार खतम होती रही,
मैं फिर भी पिता रहा,
वो हर कश में सांसे कम करती रही मैं फिर भी जीता रहा..!!!
दिल भर ही गया है तो मना करने में डर कैसा,
मोहब्बत में बेवफाओ पर कोई मुकदमा थोड़े होता है..!!
हम ने तो ख़ुद को भी मिटा डाला
तुम ने तो सिर्फ़ बेवफ़ाई की
एक अजीब सा मंजर नज़र आता है,
हर एक आंसू समंदर नज़र आता हैं,
कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना,
हर किसी के हाथ मैं पत्थर नज़र आता हैं।
आज खुद को इतना तन्हा महसूस किया,
जैसे लोग दफना के छोड़ गए हो!
बदलते इंसानों की बात हमसे ना पूछो,
हमने अपने हमदर्द को, हमारा दर्द बनते देखा है..!!!
आसान नहीं है मुझे पढ़ लेना,
लफ्जों की नही जज्बातों की किताब हू मैं..!!!
मुझे अपने किरदार पर इतना तो यकीन है साहब,
कोई मुझे छोड़ तो सकता है पर भुला नहीं सकता!
कैसे जिएंगे ऐसे ही कबतक,
तुम बदल गए, हमे भी बदल दो..!!!
यूं तो जख्मों का आदि हूं मैं,
पर तूने जो वार किया कबीले तारीफ था..!!!
आखिर उसने किसी गैर के दिल की सुनी,
मेरी हक़ीकत जाने बिना बेवफा बना दिया हमें,
मगर याद करना मेरी वफ़ाएं याद कर पछताओगे और रोओगे !!
जाओ भी क्या करोगे मेहर-ओ-वफ़ा
बार-हा आज़मा के देख लिया
मत ज़िकर कीजिये मेरी अदा के बारे में,
मैं बहुत कुछ जानता हूँ वफ़ा के बारे में,
सुना है वो भी मोहब्बत का शोक़ रखते हैं,
जो जानते ही नहीं वफ़ा के बारे में।
तूने हमें अपना समझा नहीं कभी भी,
बेवफा तुझे याद करना छोड़ा नहीं अभी भी!
मेरी हक़ीकत जाने बिना वो मुझसे जुदा हो गयी,
मेरी सुनाने की जब बारी आयी तो उसने अपना फैसला बता दिया !!
गिला लिखूँ मैं अगर तेरी बेवफ़ाई का
लहू में ग़र्क़ सफ़ीना हो आश्नाई का
लम्हा लम्हा सांसें खत्म हो रही हैं,
जिंदगी मौत के पहलू में सौ रही है,
उस बेवफा से ना पूछो मेरी मौत की वजह,
वो तो ज़माने को दिखाने के लिए रो रही है।
रोती हुई आँखे कभी झूठ नहीं बोलेगी,
ये आंसूं तभी आते है जब अपना कोई दर्द दे जाए !
मैं अपनी कहानी में तुम्हे,
अपनी जिंदगी की आखिरी खुशी लिखूंगा..!!!
पहले हम लोगो से मिलते नही थे,
फिर हम लोगो में मिलकर रह गए..!!!
उमीद उन से वफ़ा की तो ख़ैर क्या कीजे
जफ़ा भी करते नहीं वो कभी जफ़ा की तरह
पलकों के किनारे हमने भिगोये ही नहीं,
वो सोचते हैं कि हम रोये ही नहीं,
वो पूछते हैं कि सपनो मैं किसे देखते हो,
हम हैं कि इतने सालो से सोये ही नहीं।
गम ही गम है जिंदगी में ख़ुशी मुझे रास नहीं,
मोहब्बत उसीसे से हुई जिससे मिलने की कोई आस नहीं!
किसी में इतना उलझ गया हु मै,
के अब खुद को ढूंढ पाना मुस्किल है..!!!
जैसे बदले मौसम वैसे बदली तुम,
नयी हसरतों के सेज पर नया फूल सजा लिए तुमने,
बजाए बेवफा तुम जिसका मुझे दर था..!!
दिल टूटेगा तो शिकायत करोगे तुम भी,
हम ना रहे तो हमे याद करोगे तुम भी,
आज कहते हो हमारे पास वक़्त नहीं हैं,
पर एक दिन मेरे लिए वक़्त बर्बाद करोगे तुम भी।
बदलते तो सिर्फ प्रेमी है,
प्रेम तो हमेशा प्रेम रहता है..!!!
मेरी प्यार की कहांनी तो उसने ख़तम करदी,
मुझे मेरी बर्बादी का कोई गम नहीं है ,
हशर यही तो होता है दीवानो का!!
जनाजा मेरा उठ रहा था,
तकलीफ थी उसको आने में,
बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी,
और कितनी देर है इसको दफनाने में।
ढूंढ तो लेते अपने प्यार को हम शहर में भीड़ इतनी भी न थी,
पर रोक दी तलाश हमने क्योंकि वो खोये नहीं बदल गए थे!
हमदर्दियां ज़हर हैं मेरे लिए,
मुझे उजाड़ा है इन्ही हमदर्दियों ने..!!!
तेरी बेरुखी देख कर दिल करता है तुजसे बहुत दूर चला जाऊँ,
आसमान के इन तारो मे कही खो जाऊँ,
मेरे प्यार की कदर नहीं है उस पत्थर दिल को ,
हमारी वफाओं को याद करके रोयेगी!!
वो हमें भूल कर खुश हो पाएंगे,
साथ नहीं तो मेरे जाने के बाद मुस्कुराओगे,
दुआ है ईश्वर से की उन्हें कभी दर्द ना देना,
हमने सहन किया है लेकिन वे टूट जाएंगे।
सिर्फ एक ही बात सीखी इन हुस्न वाले से हमने,
हसीन जिसकी जीतनी अदा है वो उतना ही बेवफा!
कुछ बाते और कुछ यादें,
अक्सर नींद उड़ा देती है..!!!
मेरी आँखों से बहने वाले न थमने वाले ये आँसूं ,
बार बार तुमसे तुम्हारी बेवफाई का कारण पूछ रहे हैं।
नादान और नासमझ से कभी दिल ना लगाना,
वरना फालतू में पड़ेगा तुमको पछताना,
नहीं जानते वो प्यार की कीमत क्या होती है,
उनकी तो आदत ही होती है हर किसी से दिल लगाना।
वो कभी बसता था मेरी आँखों में पर अब कही और महकता है,
उसे खाली पलकें झुका देने से सुकून ऐ नींद कहाँ नसीब होगी!
इश्क भी एक अजीब बीमारी है,
ज़िन्दगी हमारी है, पर तलब तुम्हारी है..!!!
कैसी से रूठो तो सोच समझ कर रूठना,
आजकल मनाने का नही, छोड़ देने का रिवाज है..!!!
वफा करने वाला बरबाद हो गया,
ओ बेवफाई करने वाले तू आबाद रहे..!!!
जिसको सबसे ज्यादा चाहा था,
उसने ही बेवफाई की,
नादान थी वो कुछ भी न समझी,
प्यार को बदनाम किया,
खुद बना के खुद ही उजाड़ दिया हमारा आशियाना..!!
बेवफ़ाई का दर्द है अनकहा,
कहने को कुछ भी नहीं रहा।
आँसू छलके, दिल रोता है,
कितना प्यार किया, ये उसे पता ही नहीं।
सूना था प्यार अंधा होता है मगर इस
प्यार ने तो मुझे पूरी दुनिया दिखा दी!
तेरे बारे में पूछूं भी तो किस्से पूछूं,
कोई था ही नहीं शहर में तेरे सिवा मेरा..!!!!
अब दोस्तो के दिलो में,
दोस्ती के फूल नहीं खिलते,
दिल में नफ़रत लिए हसकर मिलते हैं।
वो मेरे जज़्बात समझे या ना समझे,
मुझे उनकी हर बात पर विश्वास करना होगा,
हम इस दुनिया को छोड़ देंगे,
लेकिन वे हर रात आंसू बहाएंगे।
जो नजर से गुजर जाया करते है,
वो सितारे अक्सर टूट जाया करते है,
कुछ लोग दर्द को बयाँ नहीं होने देते,
बस चुपचाप बिखार जाया करते है!
एक रोज रो पड़ी वो गुस्सा करते करते,
फिर कभी मैने झगड़ा नहीं किया उससे..!!!