Aansu Shayari In Hindi : आंसू हमारी ज़िंदगी का ऐसा हिस्सा हैं, जिनका अस्तित्व हमें हर हाल में महसूस होता है। ये न केवल दुःख की घड़ियों में बल्कि खुशी के क्षणों में भी हमारे चेहरे पर बिखर जाते हैं। आंसू छिपाने की कितनी भी कोशिश कर ली जाए, ये हमेशा सामने आ ही जाते हैं।
कभी कोई दुख के समय में अपने आंसू छिपाता है, तो कभी खुशी के लम्हों में ये आंसू बेताब होकर बहने लगते हैं। यह आंसू हमारी भावनाओं का एक अनमोल हिस्सा हैं, जो हमें अपने दिल की गहराइयों को समझने में मदद करते हैं। आंसू, चाहे वो दुःख के हों या खुशी के, हर एक कीमती हैं, क्योंकि ये हमारे अंदर की सच्चाइयों को उजागर करते हैं।
अगर आप आंसू पर आधारित शायरी की तलाश में हैं, तो आप बिलकुल सही जगह पर हैं। हमने आपके लिए हिंदी में कुछ बेहतरीन Aansu Shayari In Hindi का संग्रह तैयार किया है। जिन्हे आप इंस्टाग्राम स्टेटस पर भी लगा सकते हैं और अपने साथी को भी शेयर कर सकते हैं
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मेरी आँखों में आँसू नहीं बस कुछ नमी है,
वजह तू नहीं बस तेरी ये कमी है।
जब कोई मजबूरी में जुदा होता है:
वोह ज़रूरी नहीं के बेवफा होता है:
आपकी आँखों में दे कर वह आँसू:
आपसे भी ज़्यादा अकेले में रोता है
आसरा इक उम्मीद का देके
मुझसे मेरे अश्क न छीन,
बस यही एक ले दे के बचा है
मुझ में मेरा अपना।
पलकों से जो पकड़ूं मोती नैना दे बिखराए,
नैनों में जो बात छुपाऊं पलकों से बह जाए!
तुम मुझे हँसी-हँसी में खो तो दोगे
पर याद रखना फिर आंसुओं में ढ़ूंढ़ोगे
निगाहों में उतरे आँसू, बयां करें दर्द अपना।
चुप्पी से बोले जिस्म के, दिल की कहानी रहे ना।
तुझे बचपन मेँ ही मांग लेते
हर चीज मिल जाती थी…दो आँसू बहाने से
जिनके प्यार बिछड़े है उनका सुकून से क्या ताल्लुक़,
उनकी आँखों में नींद नही सिर्फ आंसू आया करते है।
अपने ही हाथों से जला दिया अपना घर
कहना उससे और एक काम तेरा कर दिया
रेत भरी है आँखों में आँसू से तुम धो लेना,
कोई सूखा पेड़ मिले तो उससे लिपटकर रो लेना।
क्यूँ ग़ज़ब की नमी है तेरे सभी लफ़्ज़ों में,
क्या तुम ख़त भी भिगो के रखते हो अश्क़ों में!
क्या मिला प्यार में मेरी ज़िंदगी के लिए
रोज़ आँसू ही पिए हैं मैंने किसी के लिए
झलकती पलकों पर आँसुओं की बूँदें,
कह रही हैं वो दर्द की, जो हैं अनसुनी गुंजें।
आँसू आ जाते हैं आँखों में,
पर लबों पे हसी लानी पड़ती है,
यह मोहब्बत भी क्या चीज़ है यारो,
जिससे करते है उसी से छुपानी पड़ती है।
निकल जाते हैं तब आंसू जब उनकी याद आती है,
जमाना मुस्कुराता है मुहब्बत रूठ जाती है।
कुछ अंदाज़ मोहब्बत के भी होते हैं;
जागती आँखों के भी कुछ ख्वाब होते हैं;
गम में ही आँसू निकलें जरुरी नहीं ;
सैलाब मुस्कुराती आँखों में भी होते हैं।
कोई रेत की प्यास बुझाओ जन्म-जन्म की प्यासी है,
साहिल के ढलने के पहले अपने पाँव भिगो लेना।
सितम की मारी हुई वक़्त की इन आँखों में,
नमी हो लाख मगर फिर भी हम मुस्कुरायेंगे!
पढ़ने वालों की कमी हो गयी है आज इस ज़माने में
नहीं तो गिरता हुआ एक-एक आँसू पूरी किताब है
बरसते आँसुओं में लिपटी है ज़िंदगी मेरी,
रोते हुए ही सुनाई देती है कहानी संघर्षों भरी।
क्या बताऊँ मैं तुझको, दिल की व्यथा कैसे?
आँखों से बहते आँसू ही हैं गवाह इस तरह के।
नींद में भी गिरते हैं मेरी आँखो से आँसू,
जब भी तुम ख्बाबो मे मेरा हाथ छोड़ देते हो
कच्ची दीवार हूँ ठोकर ना लगाना मुझे,
अपनी नज़रों में बसा कर ना गिराना मुझे,
तुमको आँखों में तसव्वुर की तरह रखता हूँ,
दिल में धड़कन की तरह तुम भी बसाना मुझे।
अस्के लहू मेरी आंखो से नहीं दिल से बहती है,
क्योंकि हमने तुम्हे अपनी आंखो में नहीं दिल में बसाया था,
मैंने दरिया से सीखी है पानी की पर्दादारी,
ऊपर-ऊपर हँसते रहना गहराई में रो लेना।
कैसे रोकूँ जो अश्क़ आँखों से ढल जाते हैं,
दिल के कुछ दर्द हैं आँखों से निकल जाते हैं!
आँख भर आई किसी से जो मुलाक़ात हुई,
ख़ुश्क मौसम था मगर टूट के बरसात हुई!
बहुत रोया हूँ मैं जब से ये मैंने ख्वाब देखा है
कि आप आँसू बहाते सामने दुश्मन के बैठे है
रातों की तन्हाइयों में, आँसू बनते हैं मेरे साथी।
कहते हैं वो बेझिझक, जो कहानी रही अनकही।
बेबसी तेरी इनायत है कि हम भी आजकल
अपने आँसू अपने दामन पर बहाने लग गये
जब कोई मजबूरी में जुदा होता है,
वोह ज़रूरी नहीं के बेवफा होता है,
आपकी आँखों में दे कर वह आँसू,
आपसे भी ज़्यादा अकेले में रोता है।
कुछ तो तेरे मौसम ही मुझे रास कम आए,
और कुछ मेरी मिट्टी में बग़ावत भी बहुत थी।
हमारे आंखो ने कभी आंसू ना देखे थे ,
और तुम आये हमारी जिंदगी में आंसुओं की बरसात हो गई ,
और भी ज्यादा भड़काते हो
तुम तो आग मोहब्बत की,
सोजिश-ए-दिल को ऐ अश्को,
क्या ख़ाक बुझाना सीखे हो।
सिसकती रही भीगती तकियों में
करवट बदल ये रो न सकीं,
हार गए सब आंसू थक कर
आँखें ये फिर भी सो न सकींं!
बहते आँसुओं में टपकती है दिल की वो दर्द भरी दास्तान।
जिसे शब्दों में बयां करना, होता है बहुत ही मुश्किल काम।
कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा ख़याल भी,
दिल को ख़ुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी।
दिले नादान को समझाए कैसे मोहब्बत में ये तो होना ही था,
तूने दिल लगाया अमीरों से आंखो को तो गीला होना ही था,
मंज़र अभी आंसुओं का चल रहा है,
लफ्ज़ खामोश ही रहे तो अच्छा होगा।
जिन आँखों में काजल बन कर तैरी काली रात,
उन आँखों में आंसू का इक कतरा होगा चाँद!
अश्क़ों से तर है फूल की हर एक पंखुड़ी,
रोया है कौन थाम के दामन बहार का!
आँसू की कीमत जो समझ ली उन्होने
उन्हे भूलकर भी मुस्कुराते रहे हम
आँसू हमारे गिर गए उनकी निगाह से,
इन मोतियों की अब कोई क़ीमत नहीं रही
जिसके आने से मेरे जख्म भरा करते थे,
अब वो मौसम मेरे जख्मों को हरा करता है।
इन आंखो की दुनिया भी अजीब है आंखो ही आंखो में प्यार कर बैठते हैं,
आंसू निकलते हैं आंखो से पर दर्द इस मासूम दिल को दे जाते हैं,
समंदर में उतरता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं,
तेरी आँखों को पढ़ता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं,
तुम्हारा नाम लिखने की इजाज़त छिन गई जबसे,
कोई भी लफ्ज़ लिखता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं।
बाद तुम्हारे सब अपनों के मनमाने व्यवहार हुए,
मुस्कानें क्या आँसू भी सालाना त्योहार हुए!
मीठी यादों से गिर रहा था ये आँसू
फिर भी न जाने क्यों यह खारा था
आंखों में मेरे इस कदर छाए रहे आंसू,
कि आईने में अपनी ही सूरत नहीं मिली।
मौसम की मिसाल दूँ या नाम लूँ तुम्हारा,
कोई पूछ बैठा है बदलना किसको कहते हैं।
अगर आंसू दिखते पहाड़ों के तो उन्हें कोई तोड़ता ही नहीं,
अगर परख होती तुम्हे सच्चे प्यार की तुम हमारा दिल तोड़ते ही नहीं,
मेरे अश्क़ तेरी बेरुखी का एहसास हैं,
तेरी याद में ये फिर बेगाने हो चले।
मेरी आँखों से गिरे हैं यह जो चंद कतरे
जो समझ सको तो आँसू न समझो तो पानी
हर आँसू एक कहानी लिए, बहता है चुपके से आँखों से।
जिसे शब्द कभी नहीं समेट पाते, दर्द को बयां करता है वैसे ही।
कैसे रोकूँ अश्क जो आँखों से ढल जाते हैं,
दिल के कुछ दर्द हैं आँखों से निकल जाते हैं
आपकी सूरत मेरे दिल में,
ऐसे बस गयी है,
जैसे छोटे से दरवाजे में,
भैंस फंस गयी है।
चलता फिरता बेजान जिस्म है मेरा,
ना जाने तेरे याद में इन आंखो से आंसू कहां से निकाल जाते हैं,
जब जब तुमसे मिलने की उम्मीद नजर आई,
तब तब मेरे पैरों में ज़ंजीर नजर आई,
निकल पड़े इन आँखों से हजारों आँसू,
हर आँसू में आपकी तस्वीर नजर आई।
सितम ख़ुद पे कितना ज़्यादा कर रहे हैं,
मेरे आंसू मुस्कुराने का वादा कर रहे हैं!
जाने कितने आँसू बहाते हैं हम इश्क में हर रोज
इतने आँसू पीकर भी ये इश्क प्यासा क्यूँ है खुदा
आँसुओं के मोती बिखरते हैं मेरी आँखों से,
कहते हैं वो बेबाक अंदाज़ में, जो छुपा है मेरे दिल में।
ये तड़प ये आंसू मेरे रातों के साथी है
बस तेरी यादें मेरे जीने के लिए काफी है
कैसी बीती रात किसी से मत कहना,
सपनों वाली बात किसी से मत कहना,
कैसे उठे बादल और कहां जाकर टकराए,
कैसी हुई बरसात किसी से मत कहना।
लफ्ज़ बड़े ही सदे हैं पर बहुत ही प्यारे हैं,
तुम किसी और के हो गए और हम आज तक तुम्हारे हैं,
बस इस ख्याल से आँसू छुपा लिए हमने
उदास रह कर किसी को उदास क्या करना
चुप्पी तोड़ते आँसू मेरे, बयां करते हैं दर्द अपना।
शब्दों की मोहताज नहीं, जीवन की कहानी खुद ही गवाह है उनका।
चल मेरे हमनशीं अब कहीं और चल,
इस चमन में अब अपना गुजारा नहीं,
बात होती गुलों तक तो सह लेते हम,
अब काँटों पे भी हक हमारा नहीं।
ताज महल भी अकेला था सालों से मैने उसे पूरा कर दिया,
जाके ताजमहल पे तेरा नाम लिख दिया,
तकलीफ़ भी मिटी नहीं दर्द भी रह गया,
पता नहीं फिर आँसूओं के साथ क्या बह गया!
रूठा था जिस गुरुर से वो भी तो याद कर
आँखों में तेरी आज यह आँसू फजूल हैं
फिर आज आँसुओं में नहाई हुई है रात,
शायद हमारी तरह ही सताई हुई है रात।
मुझे पता था वो भरी महफ़िल में भी अकेले हैं,
वो मुझसे खफा थे पर धड़कन ने उन्हें ही खुदा बनाया है,
अब ये आलम है कि ग़म की भी ख़बर होती नहीं,
अश्क बह जाते हैं लेकिन आंख तर होती नहीं!
तुम्हारी याद में आंसू बहाना यूँ भी जरूरी है
रुके दरिया के पानी को तो प्यासा भी नहीं छूता
निकलते हैं आँसू दिल से, कहानी लिए हुए साथ।
दर्द बयां करते घायल, मानों मिलता जख्मों को आराम।
हर आँसू एक कहानी है, पुरानी और नई।
उनमें समाई दास्तान है, जिंदगी की सच्ची और खरी।
मेरी आँखों में आसूं तुझसे हमदम क्या कहूं क्या है
ठहर जाये तो अंगारा है, बह जाये तो दरिया है
रोए भी तो हम किस के लिए रोए अब हमारा कोई नहीं,
बस तू मेरा एक सहारा थी अब हमारा सहारा कोई नहीं,
तेरी मुस्कुराहट, तेरे कहकहे किसी और के थे
जो तेरी आँखों से टपका वो मैं था
किसी की आरज़ू कब तक किसी को बख्श देती है,
कभी तो अश्क आंखों से गिले इजहार करेंगे!
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प्यास इतनी है मेरी रूह की गहराई में,
अश्क गिरता है तो दामन को जला देता है!
जिसकी किस्मत मे लिखा हो रोना दोस्तो
वो मुस्कुरा भी दे तो आँसू निकल आते है
इन आंखो ने देखा जो आंसुओं का मंजर तो मोहब्बत की हकीकत पता चला,
इश्के यार जब तक साथ है खुशी है नहीं तो पूरी दुनिया वीरानी है,
उबलते हुए आंसुओं के प्याले लेकर लौटे हैं,
निवाले कमाने गये थे छाले लेकर लौटे हैंं!
कम नहीं हैं आँसू मेरी आँखों में मगर
रोता नहीं कि उनमें उसकी तस्वीर दिखती है
बहता आँसू एक झलक में कितने रूप दिखाएगा,
आँख से होकर गाल भिगोकर मिट्टी में मिल जाएगा।
अगर आंसुओ की कीमत होती जिंदगी में तो इन्हे कोई उन्हीं नहीं बेहने देता,
और मेरे लिए चाहत होती तेरे दिल में तो तू मुझे यूंही तहना ना रहने देता,
रख न आँसू से वस्ल की उम्मीद,
खारे पानी से दाल गलती नहीं!
रोने वाले तो दिल में ही रो लेते हैं
आँखों में आँसू आयें ये ज़रूरी तो नहीं
हमारे आंखो ने कभी आंसू ना देखे थे ,
और तुम आये हमारी जिंदगी में
आंसुओं की बरसात हो गई।
जलती हुई आग और बहती आंसू में बस फर्क है इतना,
आग से हर चीज जल जाती है और आंसुओ से हर गलती माफ हो जाती है,
उस एक आँसू का काम कितना मुश्किल था,
एक हँसीं से गुजरते हुए जाना था जिसे!
इन आँखों को उनसे ना जाने कैसी हमदर्दी लग गई,
मेरे अश्को से भीगते-भीगते मेरे तक़ियों को सर्दी लग गई!!
वापसी का सफ़र अब नमुमकिन होगा
हम निकल चुके हैं आँख से आँसू की तरह
अनसुनी दास्तानें लिए, आँसू बहते हैं चुपके से।
रिझाते हैं वो दर्द को, कहते हैं बेबाक अंदाज में।
पढ़ने वालों की कमी हो गयी है आज इस ज़माने में
नहीं तो गिरता हुआ एक-एक आँसू पूरी किताब है
चल देखते है आज तेरे बाएमान आंसू या मेरे सच्चे प्यार में कितना जोर है,
तू मुझसे दूर रह में तुझसे दूर हूं देखते हैं कौन पहले दम तोड़ता है,
हंसने की जुस्तजू में दबाया जो दर्द को
हमारी आँसू आँख में पत्थर के हो गए।
दरया भले आँखों से मेरे उतरे पर,
काजल तेरे नाम का कभी ना बिखरे!
हमारे दिल में न आओ वर्ना डूब जाओगे
गम के आँसू का समंदर है मेरे अन्दर
कितनी ही कहानियां लिए, ये आँसू बहते हैं मेरी आँखों से।
दिल की पीड़ा बयां करते, शब्दों से बहुत ही आगे निकलकर।
ये तड़प ये आंसू मेरे रातों के साथी है
बस तेरी यादें मेरे जीने के लिए काफी है
काश कोई ऐसा दिन भी आए वक़्त टहरा हो हम दोनों के दरमियान,
अकेले पन का लम्हा ख़तम हो रहे ना दूरियां,
मेरे आसुंओ को तुमने कभी पढ़ लिया होता,
किसी दिन पाँव तुम्हारा आगे बढ़ लिया होता,
मेरी आँखों में भी मोहब्बत की कहानी थी,
उसे कुछ अर्थ मिल जाता जो तुमने पढ़ लिया होता!
मेरे आंसुओं की कीमत, तुम चुका न पाओगे
मोहब्बत न ले सके, तो दर्द क्या खरीदोगे
आँसुओं की बरसात हुई तो समझना, दिल दुखी है मेरा।
उनमें छिपी कहानियां हैं, जिनसे दर्द मिटता नहीं मेरा।
जैसे दुनिया में अकेलेपन के ताने मिलते हैं,
काश तुम भी हमें वैसे ही मिल जाते,
उनके नाम के आंसू डूबा देते हैं एहसासों के मझधार में,
यादों की कश्ती का सहारा नामंज़ूर था दिल को साहिल पाने में!
वही हम थे कि रोते हुओं को हंसा देते थे,
वही हम हैं कि थमता नहीं एक आँसू अपना।
कुदरत का अजब हाल है
कैसा ये ज़माना है
रोना भी ज़रूरी है
आंसू भी छिपाना है।
बेश-क़ीमत है ये मोती से मिरी पलकों पर चंद आँसू हैं
मिरे पास निशानी उस की
हाँ एक बार रोया था उसके लिए जरूर,
मगर फिर ताउम्र ये गलती दोबारा न हुई!
ज़माने से ना पूँछों हाल-ए-दिल
आँसू बयान करते हैं ज़ख़्मों की गहराई
हर बूँद आँसू में छिपी है, अनगिनत कहानियां पुरानी।
लिखती हैं वो दर्द को, जिंदगी की पूरी दास्तान।
वो नदियाँ नहीं आँसू थे मेरे, जिस पर वो कश्ती चलाते रहे
मंजिल मिले उन्हें ये चाहत थी मेरी इसलिए हम आँसू बहाते रहे
आँखों से आँसू यूं रुखसत ना होते…
गर मिलने से पहले हम बिछड़े ना होते!
आँसू पीकर भी जो मुस्कुराए
वही तो ज़माने को जीत पाए
जब बरसते हैं आँसू ये, तो समझना खुल गई है दिल की किताब।
बयां करते हैं वो उस दर्द को, जिसकी नहीं है कोई शब्दों में गिनती।
कुछ के साथ तो आंसू झलकते हैं
दूसरों के साथ आँसू अदृश्य हैं
आँखों में आँसू लेके होठों से मुस्कुराये,
हम जी रहे हैं जैसे कोई जी के तो बताये!
बहते आँसू हैं बेबाक, दर्द का पुरखा इज़हार।
रिझाते हैं वो पीड़ा को, लिखते हैं जिंदगी का इतिहार।
क्या कहूँ किस तरह से जीता हूँ।
गम को खाता हूँ, आंसुओं को पीता हूँ।
सुनकर बात मेरे जाने की उसकी आँखों में अश्क उमड़ता है,
सच कहूँ यारों मेरे जाने से भी किसी को फर्क पड़ता है…
मत पूछ हम छिपे छिपे से हैं क्या राज़ है…
बस यूं समझ ये अश्क़ की बग़ावत का अंदाज़ है!
तेरी जुबान ने कुछ कहा तो नहीं था
फिर न जाने क्यों मेरी आँख नम हो गयी
बह जाती काश यादें भी आँसुओ के साथ,
तो एक दिन हम भी रो लेते तसल्ली से बैठ कर।
निकलते हैं आँसू इस तरह, मानो दिल की बोली बनकर।
कहते हैं वो अनकही दास्तान, जिसे शब्द नहीं कह पाते उतरकर।
हजारों मिठाइयाँ चखी हैं जमाने में…
खुशी के आंसू से मीठा कुछ भी नही!