Best New Badla Shayari In Hindi | प्रतिशोध शायरी Badla Shayari Attitude | बदला लेने वाला स्टेटस

Badla Shayari In Hindi : कई बार इंसान की जिंदगी में ऐसे हालात आते हैं जब उसके मन में गुस्सा, नफरत या बदले की भावना जाग जाती है। ऐसे समय में इंसान के दिल और दिमाग में क्या कुछ चल रहा होता है, यह समझना बहुत जरूरी है।

हमने इस पोस्ट में “Badla Shayari in Hindi” के जरिए बदले की भावना को शायरी के रूप में प्रस्तुत किया है। यह शायरी उन भावनाओं को व्यक्त करती है, जो किसी व्यक्ति के मन में चल रही होती हैं। इस शायरी के संग्रह को ध्यान से पढ़ें और यदि आपको पसंद आए, तो इसे जरूर शेयर करें। इससे न केवल आप अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकेंगे, बल्कि दूसरों के साथ भी इन्हें शेयर कर सकते हैं।

तो चलिए Badla Shayari In Hindi के एक और सफर पर चलते हैं। हमें उम्मीद हैं की आपको ये शायरी जरूर पसंद आएगी।

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Badla Shayari

बदला बदला सा है मिजाज,
क्या बात हो गई,
शिकायत हमसे है,
या किसी और से मुलाकात हो गई।

वक्त बदला लोग बदले,
नहीं बदला तो सिर्फ मेरा दोस्त !!

“बदलते” लोगों को उगते सूरज को सलाम करते देखा है,
मैंने तो वक़्त को भी अपना ‘बयान’ बदलते देखा है

किसी से “बदला” लेने का आनंद
दो चार दिन तक ही रहेगा
लेकिन किसी को माफ़ कर देने का
आनंद ज़िंदगी भर रहेगा।

अपने “दुश्मनों” से बदला ऐसे लेते है,
उनसे अपना कद बड़ा कर लेते है

‘बदला’ लेने में क्या मजा है, मजा तो तब है!!
जब तुम सामने वाले को बदल डालो..!!

नाज़ क्या इस पे जो बदला है ज़माने ने तुम्हें 
मर्द हैं वो जो ज़माने को बदल देते हैं

“बदला” लेने के नहीं,
बदलाव लाने की सोच रखो!..

न जाने किस ‘जनम’ का बदला लिया है तुमने
कि मेरा ये जनम खराब करके गए हो तुम

कश्ती भी नहीं बदली दरिया भी नहीं बदला 
और डूबने वालों का जज़्बा भी नहीं बदला 

जादू वो “लफ़्ज़” लफ़्ज़ से करते चले गए,
और हमने बात बात में हर बात मान ली।

ये अलग बात मुक़द्दर नहीं बदला अपना
एक ही दर पे रहे दर नहीं बदला अपना

बड़ी “मुश्किलों” से मुश्किलों से निकला हूँ मैं !
वक़्त लगा जरूर मगर खुद को ‘बदला’ हूँ मैं..!!

बदला लेने में क्या मजा है, मजा तो तब है 
जब तुम सामने वाले को बदल डालो

हम “बदला” लेने के चक्कर में सब कुछ खोते है,
क्षमा “जिसने” कर दिया वो लोग बड़े महान होते है.

इश्क़ का खेल है शतरंज नहीं है साहिब
मात खाई है मगर घर नहीं बदला अपना

कश्ती है पुरानी मगर दरिया “बदल” गया,
मेरी तलाश का भी तो जरिया बदल गया,
ना “शक्ल” ही बदली न ही बदला मेरे किरदार
बस लोगों केदेखने का नजरिया बदल गया.

न जाने किस जनम का बदला लिया है 
तुमने कि मेरा ये जनम ‘खराब’ करके गए हो तुम

जाने किस वक़्त अचानक उसे याद आ जाए
मैंने ये सोच के नम्बर नहीं बदला अपना

“बदला” नहीं हूँ मैं मेरी भी कुछ कहानी है,
बुरा बना गया हूँ कुछ अपनों की मेहरबानी है…

सुना है तुम ले लेती हो हर बात का बदला..
आजमाएंगे कभी तुम्हारे होठो को चूम कर

उसको हर चंद अंधेरों ने निगलना चाहा,
बुझ न पाया वो “मोहब्बत” का दीया है शायद।

रंग बदला यार ने वो प्यार की बातें गईं
वो मुलाक़ातें गईं वो चाँदनी रातें गईं

प्यार का ‘बदला’ कभी चुक्का ना सकेंगें
चाहा कर भी आपको भुला नहीं सकेंगें
आप ही हो मेरे लबो की हसी
आप से बिछड़े तो कभी “मुस्करा” ना सकेंगें

जुबान कड़वी और दिल काला रखता हूँ।
कौन कहा “बदला” जाता है
में सबका हिसाब रखता हूँ।

न जाने किस ‘जनम’ का बदला लिया है
तुमने कि मेरा ये जनम खराब करके गए हो तुम

ना मैं “बदला” हूँ,ना आदतें बदली हैं
बस वक़्त बदला है और तुम नजरिया बदल लो…

वक़्त बदला सोच बदली बात बदली 
हम से बच्चे कह रहे हैं हम नए हैं 

“बदला” न अपने आप को जो थे वही रहे,
मिलते रहे सभी से मगर अजनबी रहे.

मेरा‪ वक़्त बदला है रुतबा‬ नही
और तेरी‪ किस्मत बदली है औकात ‬नही

वक़्त ने “बदला” रुख, कुछ इधर ‘कुछ’ उधर हो गए
ज़िन्हे परवाह रही सबकी, वो दर-बदर हो गए
हमने दी ‘बहोतो’ को जगह अपनी दुनिया में
शायद इसी लिए अंततः हम खुद बे-घर हो गए !

नाज़ क्या इस पे जो “बदला” ज़माने ने तुम्हें,
हम हैं वो जो ज़माने को बदल देते हैं।

दिल की नफरतों में भी आग होती है,
बदले की चिंगारी से कभी बुझी नहीं।

खामोशियों में जो आग छुपा रखी है,
वो बदला लेने का इरादा बता रही है।

जिस दिन हमने भी ठान ली बदला लेने की,
यकीन मानो, हसरतें उनकी जल जाएंगी।

तूने जो किया है, उसका हिसाब होगा,
वक्त के साथ बदला भी बेहिसाब होगा।

हमारी खामोशी को हमारी कमजोरी मत समझ,
वक्त आने पर बदले का अंजाम तुझे भी समझ आएगा।

रातों को जागकर तुझसे बदला लेने की दुआ की है,
देखना, तुझे तन्हाई से ही डर लगने लगेगा।

मेरा सब्र तोड़ मत, ये मेरा वादा है,
जब बदला लूंगा, तो तेरा दिल भी कांपेगा।

तेरे हर एक सितम का हिसाब होगा,
इंतजार कर, मेरा बदला खुदा का इनाम होगा।

खामोश रहने का मतलब ये नहीं कि मैं कमजोर हूँ,
बदला लेने का हुनर मुझे भी आता है।

जिसने जलाया है मेरे दिल को,
उस आग की तपिश को वही महसूस करेगा।

वक्त का इंतजार कर,
तेरा हर एक इल्ज़ाम मुझ पर भारी पड़ेगा।

तू समझता है कि मैं हार गया हूँ,
देख, वक्त आने पर बदला भी तूझे ही मिलेगा।

जो आज हंस रहा है मेरे हालात पर,
कल उसे मेरे बदले का सामना करना होगा।

बदले की आग में जल रहा है मेरा दिल,
वो वक्त दूर नहीं जब मैं सबकुछ बदल दूंगा।

जिनके दिल में बदले की आग होती है,
उनके लफ्ज़ों में भी चिंगारी होती है।

चुप हूँ, इसका मतलब ये नहीं कि भूल गया हूँ,
बदला लेने का समय अब भी मेरे पास है।

तूने मेरे दिल को ठेस पहुंचाई है,
अब वक्त आएगा जब मैं तुझे रुलाऊंगा।

बदला लेने का अंदाज़ मेरा कुछ अलग है,
मैं वक्त की मार से तुझसे हिसाब लूंगा।

हर एक ज़ख्म का हिसाब तुझसे लूंगा,
मैं भी देखूंगा कि तू कितनी बार गिरता है।

तेरे सितम का हिसाब वक्त करेगा,
और मैं बस तमाशा देखूंगा।

बदला लेने का इंतज़ार मत कर,
क्योंकि जब वक्त आएगा, तो सब बदल जाएगा।

जिसने मुझे दर्द दिया,
वो भी एक दिन अपने आंसू से नहाएगा।

जिसे तू समझा था अपनी जीत,
वो तेरे ही हार की शुरुआत होगी।

मेरे सब्र का इम्तहान मत ले,
वक्त आने पर तुझे भी मेरा बदला देखने को मिलेगा।

तूने जो किया, वो भूल जाऊंगा मैं नहीं,
तुझे सबक सिखाऊंगा, बस वक्त का इंतजार कर।

बदला लेने का मजा तभी है,
जब वक्त की मार तुझ पर पड़े।

जिस दिन मेरा वक्त बदलेगा,
उसी दिन तुझे भी अपनी गलती का एहसास होगा।

तूने जो बोया है, वही काटेगा,
बदला लेने का वक्त बहुत करीब है।

तेरी हर एक चाल का हिसाब लूंगा,
और तुझे भी समझ आएगा कि बदला क्या होता है।

जिस दिन मेरा सब्र टूटेगा,
उस दिन तुझे भी दर्द का एहसास होगा।

बदला लेना मेरा हक है,
और वो हक मैं तुझसे छीनूंगा।

मेरे सब्र का जवाब तुझे वक्त देगा,
और तेरा हर एक सितम तुझ पर ही भारी पड़ेगा।

तेरे हर एक इल्ज़ाम का हिसाब लूंगा,
और तुझे भी समझ में आएगा कि बदला क्या होता है।

बदला लेने की चाहत मेरी दिल में है,
और वो दिन दूर नहीं जब मैं अपना हक लूंगा।

तूने जो किया है, उसका हिसाब लूंगा,
और तुझे भी समझ आएगा कि बदला क्या होता है।

मेरे दिल में बदले की आग है,
और वो दिन दूर नहीं जब मैं तुझे जलाऊंगा।

जिसने मेरे दिल को तोड़ा है,
वो भी एक दिन अपने ही टुकड़ों में बिखर जाएगा।

बदला लेने का वक्त आएगा,
और तुझे भी समझ में आएगा कि दर्द क्या होता है।

तेरे हर एक सितम का हिसाब लूंगा,
और तुझे भी समझ में आएगा कि बदला क्या होता है।

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जिसने मुझे धोखा दिया है,
वो भी एक दिन अपने ही जाल में फंस जाएगा।

बदला लेना मेरा हक है,
और वो हक मैं तुझसे छीन लूंगा।

तूने जो किया, वो भूल जाऊंगा मैं नहीं,
तुझे सबक सिखाऊंगा, बस वक्त का इंतजार कर।

जिसने मुझे दर्द दिया है,
वो भी एक दिन अपने ही आंसू से नहाएगा।

बदला लेने का मजा तभी है,
जब वक्त की मार तुझ पर पड़े।

मेरे दिल की आग बुझाने का वक्त आ गया है,
अब तुझे भी उस आग में जलना होगा।

जिसने मेरे दिल को दुखाया है,
वो भी एक दिन अपने ही आंसू से रोएगा।

बदला लेने की चाहत मेरी दिल में है,
और वो दिन दूर नहीं जब मैं अपना हक लूंगा।

तूने जो किया है, उसका हिसाब लूंगा,
और तुझे भी समझ में आएगा कि बदला क्या होता है।

जिसने मुझे धोखा दिया है,
वो भी एक दिन अपने ही जाल में फंस जाएगा।

तूने जो भी किया है, उसे मैं भूला नहीं हूँ,
दिल के हर जख्म को मैंने सहेजा हुआ है।
जब वक्त आएगा बदला लेने का,
तब तुझे भी हर गुनाह का हिसाब चुकाना होगा।

तेरे हर धोखे का हिसाब होगा,
जो जख्म तूने दिए, वो तेरे ही पास लौट आएंगे।
तू समझता है कि मैं हार गया हूँ,
पर मेरे सब्र का फल तुझे तड़पाएगा।

वक्त की मार बहुत तेज होती है,
तेरे हर गुनाह का हिसाब चुकाया जाएगा।
मैंने तुझसे मोहब्बत की थी,
पर अब बदला लेना मेरा हक़ होगा।

जब तूने दिल दुखाया था,
तब मैंने सिर्फ आंसू बहाए थे।
अब जब वक्त आएगा बदला लेने का,
तब तुझे भी वही दर्द महसूस कराऊंगा।

तेरे हर एक जुल्म का हिसाब होगा,
मेरे दिल की जलन तुझे भी महसूस होगी।
तूने जो दर्द दिया है मुझे,
वो वक्त आने पर तुझे भी रुलाएगा।

तेरे हर झूठ का एक दिन सच सामने आएगा,
मेरी खामोशी का जवाब तुझे वक्त देगा।
तूने जो बोया है, वही तू काटेगा,
और तुझे भी अपने कर्मों का फल मिलेगा।

जिस दिन मेरी खामोशी बोलेगी,
तेरा हर गुनाह तुझे याद आएगा।
बदले की आग जब जलेगी दिल में,
तब तुझे भी मेरे दर्द का एहसास होगा।

तूने मेरी वफाओं का मजाक उड़ाया,
मेरे प्यार को ठुकराया,
अब जब वक्त आएगा बदला लेने का,
तुझे भी अपनी हार का एहसास होगा।

मेरे सब्र का इम्तहान लेना छोड़ दे,
जिस दिन ये सब्र टूटेगा, तू भी नहीं बचेगा।
बदला लेने की ताकत मेरे दिल में है,
और वो दिन दूर नहीं जब तुझे इसका एहसास होगा।

तेरे हर सितम का हिसाब लूंगा,
मेरी खामोशी को तूने गलत समझा है।
बदला लेने की बारी आएगी जब,
तब तुझे भी अपने गुनाहों की सजा मिलेगी।

तूने जो बीज बोए हैं नफरत के,
वो फल बनकर तेरे सामने आएंगे।
मेरा बदला भी उसी दिन पूरा होगा,
जब तुझे अपने कर्मों का फल मिलेगा।

जिस दिन तूझे अपनी गलती का एहसास होगा,
मेरे दर्द का हिसाब तुझसे लिया जाएगा।
तूने जो भी किया है, सब लौटकर आएगा,
और तुझे भी बदले की आग में जलना होगा।

जिस दिन तूझे तन्हाई से डर लगेगा,
समझ लेना कि मेरे बदले का वक्त आ गया।
तूने जो जख्म दिए हैं दिल को,
अब वो तुझे भी चुभने लगेंगे।

जब तक मैं चुप हूँ, तू खुश रह,
जिस दिन मैंने बोलना शुरू किया,
तेरे हर झूठ का हिसाब लूंगा,
और तुझे भी अपने गुनाहों की सजा दूंगा।

तेरी हर गलती का हिसाब वक्त करेगा,
तूने जो दिया, वही लौटकर तुझे मिलेगा।

मेरी खामोशी को कमजोरी मत समझ,
जब बदला लूंगा, तो वक्त भी थम जाएगा।

तेरे दिए जख्म की याद आज भी है,
मेरा बदला तुझे किसी रोज़ बर्बाद करेगा।

जिन लफ्ज़ों में तूने मुझे तोड़ा था,
उन्हीं लफ्ज़ों से तुझे अब दर्द मिलेगा।

जिस दिन मैंने हिसाब लिया,
तुझे भी हर चोट का एहसास होगा।

तेरे हर झूठ का सच मिलेगा,
मेरा बदला तुझे रुला जाएगा।

तेरी फरेबी मुस्कान का जवाब दूंगा,
वक्त आने पर तुझे तन्हा छोड़ दूंगा।

जिस दर्द को तूने दिया था मुझे,
वही दर्द तुझे वापस लौटेगा।

तेरी हर चाल को समझा है मैंने,
बदले की आग में तुझे भी झुलसा दूंगा।

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