Krishna Shayari in hindi : भगवान श्रीकृष्ण का प्रेम, उनकी लीलाओं और जीवन में हर जगह दिखाई देता है। उनके प्रेम की कहानी सिर्फ राधा और गोपियों तक सीमित नहीं है, बल्कि हर जीव और हर प्राणी से जुड़ी हुई है। श्रीकृष्ण का प्रेम निराकार, असीम और बिना किसी शर्त के है।
भगवान् श्री कृष्ण, जिन्हें भगवान् विष्णु का अवतार माना जाता है तथा भारतीय धर्म और साहित्य में प्रेम के प्रतीक माने जाते हैं। उनके जीवन के हर पहलू में प्रेम की महत्ता दिखाई देती है। कृष्ण का प्रेम केवल राधा के साथ सीमित नहीं है, बल्कि उनका प्रेम सभी जीवों, गोपियों, मित्रों और अपने भक्तों के प्रति है।
कृष्ण का प्रेम केवल राधा तक ही सीमित नहीं था, बल्कि उनकी माखन चुराने की लीलाओं में भी उनके प्रेम की झलक मिलती है। गोपियों के साथ उनकी रासलीला, उनकी मित्रता सुदामा के साथ, और अर्जुन को गीता का उपदेश देना, सभी उनके व्यापक और असीम प्रेम के उदाहरण हैं।
श्री कृष्ण की शायरी पढ़ने और उनकी भक्ति करने से जीवन के सारे दुख-दर्द दूर हो जाते हैं और हमें सुख की अनुभूति होती है। कृष्ण की भक्ति से हमारा मन शांत होता है और यह हमारे जीवन को नई दिशा देता है। तो दोस्तों आज के इस पोस्ट में Krishna Shayari in hindi का संग्रह लाया हूँ तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढियेगा और आपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजियेगा।
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पाने को ही प्रेम कहे जग की ये है रीत.!!
प्रेम का अर्थ समझायेगी राधा-कृष्णा की प्रीत.!!
राधा की चाहत है कृष्णा,
उनके दिल की विरासत है कृष्णा।
चाहे कितना भी रास रचा लें कृष्णा,
दुनिया तो फिर भी यही कहती है राधे-कृष्णा।
मेरे गुरु भी कान्हा है….
मेरे गुरुर भी कान्हा है…!!
सबकी अपनी दुनिया है,
मेरी दुनिया आप हो कृष्णा
मन की आँखों को जब तेरा दीदार हो जाता है.!!
मेरा तो हर दिन प्रिय मोहन त्यौहार हो जाता है.!!
राधा की धड़कन, कृष्णा की तान,
इनकी प्रेम कहानी है सबके लिए महान।
जानते हो फिर भी अंजान बनते हों
इस तरह क्यों हमें परेशान करते हों
पुछते हो तुम्हें क्या क्या पंसद है
जबाब खुद हो फिर भी सवाल करते हों
ये मतलब की दुनिया हैं
साथ कोई क्यों देगा।
कान्हा पर विश्वास करो
साथ बस वही देगा
एक तरफ साँवले कृष्ण, दूसरी तरफ राधिका गोरी.!!
जैसे एक-दूसरे से मिल गए हों चाँद-चकोरी.!!
राधा के बिना अधूरे हैं कृष्णा,
उनके प्रेम के रंग में रंगे हैं कृष्णा।
कोई मुझसे मेरा सब कुछ
छीन सकता है
पर “श्री कृष्ण” की दीवानगी
मुझसे कोई नहीं छीन सकता
पीर लिखो तो मीरा जैसी
मिलन लिखो कुछ राधा सा
दोनों ही है कुछ पूरे से
दोनों में ही वो कुछ आधा सा
जय श्री कृष्णा
मेरे आज में मेरे कल में तुम।
मेरे साथ मेरे हर पल में हो तुम।
तुम से सुबह तुम से श्याम।
मेरे होठों पर हे कृष्ण बस तुम्हरा ही नाम।
यदि प्रेम का मतलब सिर्फ पा लेना होता.!!
तो हर हृदय में राधा-कृष्ण का नाम नही होता.!!
कृष्णा की बंसी में जब राधा का नाम आता है,
हर गोपी का मन मचल जाता है।
अधर पे तेरे बंसुरिया मोर मुकुट मस्तक सुहाई,
कर संघार दैत्यों का तूने अद्भुइत लीला रचाई।
मृत्यु का भय तो उनको होगा
जिनके कर्मो में दाग हे
हम तो कान्हा जी के भक्त हे
हमारे खून में भी आग हे
बड़ी उम्मीद से तेरी गलियों की और
फिर बढ़ चले हे हम
हे मेरे श्री कृष्ण तेरे सिवा हमारा कोई नही है।
इस लिए तेरे दर पर आ खड़े है हम।
अधुरा हैं मेरा इश्क तेरे नाम के बिना.!!
जैसे अधूरी हैं राधा श्याम के बिना.!!
राधा का प्रेम कृष्णा की बंसी की धुन है,
इनके बिना जीवन जैसे सूना आंगन है।
मैं क्या छिपाऊ अपने कान्हा से
मेरी हंसी खुशी वो सब जानते हैं,
कृष्णा का प्रेम, राधा की प्यास,
दोनों के बिना अधूरी है ये प्रेम की मिठास।
राधा कृष्ण की दर्द भरी शायरी
प्रेम की भाषा बड़ी आसान होती हैं.!!
राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी ये पैगाम देती हैं.!!
राधा की मूरत है कृष्णा,
उनके दिल की सूरत है कृष्णा।
इस मतलबी दुनिया में
मेरे श्री कृष्ण का ही सहारा है अब
मेरे दिन में तू, मेरी रात में तू
मेरे कल में तू, मेरे आज में तू।
हे कृष्णा मेरी जिंदगी के हर पल में तू।
राधा की कृपा, कृष्णा की कृपा, जिस पर हो जाए.!!
भगवान को पाए, मौज उड़ाए, सब सुख पाए.!!
राधा का प्रेम है सबसे प्यारा,
कृष्णा के बिना जीवन है सूना सारा।
जब कोई हाथ और साथ दोनों ही
छोड़ देता है जनाब
फिर कृष्णा जिंदगी में किसी अच्छे
इंसान को फिर से भेज देता है।
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आएंगे.!!
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे.!!
कृष्ण की बंसी में है राधा की रागिनी,
प्रेम की मिसाल है ये दिवानी प्रेम कहानी।
राधा तुम जहां भी हो जैसे भी हो
तुम वैसे ही रहना…
तुम्हे पाना जरूरी नहीं है
बल्कि तुम्हरा हो जाना ही काफी है…!!
सावन की बारिश और भादों की बहार.!!
नन्द के लाला को हमारा बार-बार नमस्कार.!!
कृष्णा की बंसी जब बजती,
राधा का मन मचल उठता।
प्रेम की मुरली जब गूंजती,
हर दिल को मोहित कर देती।
मेरे दिन में तू, मेरी रात में तू
मेरे कल में तू, मेरे आज में तू।
हे कृष्णा मेरी जिंदगी के हर पल में तू।
प्रीत में तेरी कान्हा मैं अब पागल सी होने लग गयीं हूँ
बंसी की धुन सुनके मधुर मैं दिन रात थिरकने लग गयीं हूँ।
श्री कृष्ण की भक्ति करा कीजिए साहब
जीवन का अंदाज खुद ब खुद आ जाएगा
कृष्णा की रासलीला में राधा का नाम,
प्रेम की गाथा में अमर उनका प्रणाम।
राधा के बिना कृष्णा की कहानी अधूरी,
प्रेम की दुनिया में राधा ही कृष्णा की धुरी।
जब कोई हाथ और साथ दोनों ही
छोड़ देता है जनाब
फिर कृष्णा जिंदगी में किसी अच्छे
इंसान को फिर से भेज देता है।
हर सच्ची मोहब्बत
यदि मुकम्मल होती…
तो निःसंदेह राधे भी
श्री कृष्ण की होती…!!
सुनो मुझे अब सुकून चाहिए
इस दुनिया के झंझट से दूर
मेरे कान्हा के चरणों में स्थान चाहिए।
कृष्णा का प्रेम, राधा का अहसास,
दोनों के बिना अधूरी है प्रेम की मिठास।
ना कोई साथ था मेरे ना कोई पास था मेरे
मुझे श्री कृष्ण पर विश्वास है बस अब वही साथ है मेरे।
श्री कृष्ण को समझने की कोशिश ना करो।
अगर करनी ही है तो श्री कृष्ण की भक्ति करो।
राधा कृष्ण का प्रेम अमर,
इनके जैसा और कोई नहीं है सुंदर।
राधा की चाहत में बसा है कृष्णा,
दोनों का मिलन है सबसे अनोखा।
कन्हैया को राधा ने प्यार का पैगाम लिखा,
पूरे खत में सिर्फ कान्हा का ही नाम लिखा !
राधा के दिल की चाहत है कृष्णा,
राधा की विरासत है कृष्णा,
कितने भी रास रचा ले कृष्णा,
फिर भी दुनिया कहेगी – राधे_कृष्णा
देख कर भूल जाता हु सारे दर्द
मेरे श्री कृष्ण के दर्शन का यही कमाल है।
राधा के संग कृष्ण की बंसी,
इनकी प्रेम कहानी है सबसे प्यारी।
राधा के बिना कृष्णा,
और कृष्णा के बिना राधा की आराधना अधूरी।
तेरा हर फैसला है मंजूर मुझे
हे मेरे कान्हा मुझे तुझ पर विश्वास है।
गोकुल में राधा रानी ही केवल
यादों में सुध बुध नहीं भूली हैं
बिन राधा के बंसी कान्हा भी
मथुरा में बजाना भूल गए ।
मधुवन में भले ही कान्हा किसी गोपी से मिले.!!
मन में तो राधा के ही प्रेम के फूल खिले.!!
राधा की तपस्या, कृष्ण की मधुर बंसी,
इनकी प्रेम कहानी है सबके दिल की हंसी।
राधा के बिना कृष्ण अधूरे,
दोनों का प्रेम है सबसे प्यारा और सच्चा।
सुकून भी तुममें ही है मेरे कान्हा।
सब कुछ भी तुम्ही से है मेरे कान्हा।
तुम हर धड़कन में धड़कते हो
हे मेरे कान्हा तुम मेरे दिल में बसते है।
मटकी तोड़े, माखन खाए
फिर भी सबके मन को भाये,
राधा के वो प्यारे मोहन,
महिमा उनकी दुनिया गाये |
प्यार में कैसी थकन कह के ये घर से निकली.!!
कृष्ण की खोज में वृषभानु-लली मीलों तक.!!
राधा की आंखों में कृष्ण की मूरत,
उनकी हंसी में बसी है प्रेम की सूरत।
राधा और कृष्ण की प्रेम कहानी,
दुनिया के हर प्रेमी के दिल में बसी है ये कहानी।
तुम जैसा न कोई है न कोई हो पायेगा,
जय श्री कृष्णा यह तुम्हरा नाम हर बार दिया जायेगा।
अगर तुमने राधा के कृष्ण के प्रति समर्पण को जान लिया,
तो तुमने प्यार को सच्चे अर्थों में जान लिया।
राधा कृष्ण का मिलन तो बस एक बहाना था,
दुनियाँ को प्यार का सही मतलब जो समझाना था।
कृष्ण की बंसी जब राधा का नाम ले,
हर गोपी का मन मचल जाए।
राधा और कृष्ण की प्रेम कहानी,
सबके दिल में बसी ये प्रेम गाथा।
ज़िन्दगी में रोज़ नए ग़म
आते है जनाब पर श्री कृष्ण का नाम लेते ही
सब चले जाते है।
राधा-राधा जपने से हो जाएगा तेरा उद्धार,
क्योंकि यही है वो नाम जिससे कृष्ण को है प्यार |
तुम कृष्ण जैसे हो सबके दिल को भाते हो।
मैं राधा जैसी हूं सिर्फ तुमसे दिल लगाती हूं।
कृष्ण की प्रेम बाँसुरिया सुन भई वो प्रेम दिवानी,
जब-जब कान्हा मुरली बजाएँ दौड़ी आये राधा रानी।
हर रात एक नाम याद आता है, कृष्णा
कभी सुबह कभी शाम याद आता है, कृष्णा।
कितनी खूबसूरत है राधा के ख्यालों की दुनिया,
माखन चोर से शुरू होती है और कृष्ण पर खत्म।
राधा के बिना कृष्णा जैसे बिना रंग के रंगोली,
इनके प्रेम की गाथा सबसे अनोखी और अलबेली।
राधा के प्रेम में कृष्णा खो जाते,
दोनों का प्रेम सबके दिलों को भा जाते।
अब मुझे महफिलों की
जरूरत नहीं रही
क्योंकि हम में श्री कृष्ण की
भक्ति करने लगा हूं।
जैसे सीता भी अधूरी थी राम के बिना
वैसे ही राधा भी अधूरी थी कृष्ण के बिना |
प्यार मे कितनी बाधा देखी,
फिर भी कृष्ण के साथ राधा देखी”..!!
कृष्ण की बंसी का राग है राधा,
उनकी प्रेम की मूरत है सबसे प्यारी।
राधा और कृष्ण का प्रेम,
दुनिया के हर प्रेमी के दिल में बसा है ये प्रेम।
झूठी ये दुनियां सारी झूठा ये जमाना
मेरे कान्हा का हूं में दिवाना..!!
प्यार सबको आजमाता हैं,
सोलह हज़ार एक सौ आठ रानियों से मिलने वाला श्याम,
एक राधा को तरस जाता हैं।
राधा की भक्ति में कृष्ण की शक्ति,
उनके प्रेम की बांसुरी में बसी है मस्ती।
राधा और कृष्ण की प्रेम कहानी,
सबके दिल में बसी ये प्यारी कहानी।
ये प्यार व्यार छोड़ो
मेरे श्री कृष्ण कि भक्ति से नाता जोड़ो।
ब्रज का कण-कण आज भी राधा-कृष्णा की प्रेमकथा सुनाता है,
प्रेम तो वही है जो सीमाओं को लांघकर अमर हो जाता है।
हर शाम हर किसी के लिए सुहानी नहीं होती,
हर प्यार के पीछे कोई कहानी नहीं होती,
कुछ असर तो होता है दो आत्मा के मेल का,
वरना गोरी राधा, सांवले कृष्णा की दीवानी नहीं होती…
राधा की सूरत में कृष्ण की मूरत,
उनके प्रेम की गाथा है सबसे प्यारी।
राधा और कृष्ण की प्रेम कहानी,
सबके दिल में बसी ये प्रेम गाथा।
मंज़िले मुझे छोड़ गयी
वह तो सुकर है मेरे श्री कृष्ण का
जो उन्होंने मुझे समाल लिया।
कृष्ण राधा के निश्चल प्रेम को
ये दुनिया क्या समझ पाएगी…
जो खुद को शरीरों में बांधती है
वह आत्मा को क्या समझ पाएगी…
रंग बदलती दुनिया देखी, देखा जग व्यवहार,
दिल टूटा तब मन को भाया ठाकुर तेरा दरबार।
गोकुल की गलियों में जमुना किनारे
वो तो है कनिया छुप छुपके मारे
नटखट अड़े सूरत है भोले
होली में मेरी भीगये वो छोले।
वो मिले तो हमें कुछ बाकी ना लगा,
उनसे बेहतर कोई साथी ना लगा,
वह मेरे श्री कृष्ण ही है
जिन से बेहतर मुझे कोई अपना न मिला।
राधा मुरली-तान सुनावें
छीनि लियो मुरली कान्हा से
कान्हा मंद-मंद मुस्कावें
राधा ने धुन,प्रेम की छेड़ी
कृष्ण को तान पे,नाच नचावें
फिक्र मत करो जिस
श्री कृष्ण ने दिल ,
मिलाया है वो नसीब भी मिला देंगे।
कोई प्यार करे तो राधा-कृष्ण की तरह करे जो एक बार मिले,
तो फिर कभी बिछड़े हीं नहीं |
यदि प्रेम का मतलब सिर्फ पा लेना होता,
तो हर हृदय में राधा-कृष्ण का नाम नही होता।
मेरे आज मैं मेरे कल मैं तुम।
मेरे साथ मेरे हर पल में हो तुम।
तुम से सुबह तुम से श्याम।
मेरे होठों पर हे श्री कृष्ण बस तुम्हरा ही नाम।
हर शाम सुहानी नही होती,
हर प्यार के पीछे कोई कहानी नही होती,
कुछ तो असर होता है दो आत्मा के मेल का,
वरना गोरी राधा,
सावले कान्हा की दीवानी नहीं होती |
राधा के सच्चे प्रेम का यह ईनाम है,
कान्हा से पहले लोग लेते राधा का नाम है।
जिस पर राधा को मान हैं,
जिस पर राधा को गुमान हैं,
यह वही कृष्ण हैं जो राधा
के दिल हर जगह विराजमान हैं…
जब भी कोई पूछता है आज कल कहां है
मेरा एक ही जवाब रहता है श्री कृष्ण कि भक्ति में।
संसार के लोगों की आशा न किया करो,
जब-जब मन विचलित हो, राधा-कृष्ण नाम लिया करो।
हर शाम हर किसी के लिए सुहानी नहीं होती,
हर प्यार के पीछे कोई कहानी नहीं होती,
कुछ असर तो होता है दो आत्मा के मेल का
वरना गोरी राधा, सांवले कृष्णा की दीवानी न होती।
खुशियों भरी जिंदगी जीनी है तो एक काम किया कीजिए।
रोजाना अपने होंठो से श्री कृष्ण का नाम ले लीजिये।
बहुत सुंदर तेरे नैन ओ राधा प्यारी,
इन्ही नैनों के हो गए बांके बिहारी।
यदि प्रेम का मतलब सिर्फ पा लेना होता,
तो हर ह्रदय में राधा-कृष्णा का नाम नहीं होता।
इन आँखो को जब जब
श्री कृष्ण का दीदार हो जाता है,,,
दिन कोई भी हो लेकिन मेरे
लिए त्यौहार हो जाता है….
जब भी राधा की आंख में
आंसू आते है।
तब तब कृष्ण का सहारा
उनके पास ही होता है।
किसी के पास ego है किसी के पास attitude है
मेरे पास तो मेरा साँवरा है वो भी बड़ा cute हैं
हे मेरे कान्हा तेरे अलावा मेरा हर शख़्स से झगड़ा हैं
इस दुनिया में सिर्फ तूही मेरा अपना है।
अगर आपने राधा और कृष्ण के प्रति समर्पण जान लिया
तो समझो अपने सच्चे प्रेम का अर्थ जान लिया !
नन्दलाल की मोहनी सूरत दिल में बसा रखे हैं,
अपने जीवन को उन्ही की भक्ति लगा रखे हैं,
एक बार बाँसुरी की मधुर तान सुनादे कान्हा,
एक छोटी से आस लगा रखे हैं…
आज परेशानी है तो सुकून भी आएगा,
मुझे मेरे श्री कृष्ण पर विश्वास है।
मुझे परेशानी से दूर ले जायेंगे।
श्याम तेरी बंसी में कोई बात है,
जो मीरा है तेरी दीवानी और…
राधा भी तेरे साथ है।