Khamoshi Shayari In Hindi : दोस्तों, जीवन के सफर में कई बार ऐसा होता है कि हम किसी को अपनी ज़िन्दगी से भी ज्यादा चाहने लगते हैं। जब हम किसी को बेइंतहा प्यार करते हैं, तो उसे खोने का ख्याल ही दिल को चीर देने वाला होता है। लेकिन कभी-कभी, नियति के खेल में हम अपने सबसे प्यारे इंसान को खो देते हैं। वो शख्स जिसे हमने अपनी धड़कनों में बसा रखा होता है, वो अचानक हमसे दूर चला जाता है। इस दूरी के साथ हमारी जिंदगी में एक सूनापन और खामोशी घर कर जाती है।
उस व्यक्ति की यादें हमें खामोश कर देती हैं। हम चाहकर भी कुछ कह नहीं पाते, बस उसकी तस्वीरें, उसकी यादें और उसके लौट आने की फरियाद ही बचती हैं। इस खामोशी में छिपे हुए दर्द को शायरी के माध्यम से बयां करना बेहद आसान हो जाता हैं। अगर आपके जीवन में भी ऐसा कोई पल आया है जब आपको अपने प्यार की यादों ने खामोश कर दिया है, और आप उन खामोश पलों को शायरी के माध्यम से व्यक्त करना चाहते हैं, तो आप सही जगह पर हैं। “खामोशी शायरी” एक ऐसा माध्यम है, जिससे आप अपने दर्द को, अपनी खामोशी को शब्दों का रूप देकर खुद को हल्का महसूस कर सकते हैं।
आप इस खामोशी शायरी को पढ़िए, इसमें छिपे हुए गहरे दर्द को महसूस कीजिए और अगर दिल करे तो इन्हें अपने करीबियों के साथ भी शेयर कीजिए। इससे न केवल आपके दिल का बोझ हल्का होगा, बल्कि हो सकता है कि कोई और भी इन भावनाओं से खुद को जोड़ सके। आपकी खामोशी की यह आवाज़, आपकी उम्मीद की लौ को जलाए रखेगी और शायद एक दिन आपका वो खोया हुआ प्यार फिर से लौट आए।
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खामोशी की ये अदा भी कमाल होती है,
आंखें बोलती हैं, जुबां सवाल होती है।
मेरा चुपचाप रहना यह मेरी खामोशी है
मुझ पर क्या-क्या बीती इस बात की निशानी है..!!
तेरा चुप रहना मेरे ज़हन में क्या बैठ गया
इतनी आवाज़ें तुझे दीं कि गला बैठ गया
एक उम्र ग़ुज़ारी हैं हमने
तुम्हारी ख़ामोशी पढते हुए…
एक उम्र गुज़ार देंगे
तुम्हें महसूस करते हुए…
ख़ामोश फ़ज़ा थी कहीं साया भी नहीं था
इस शहर में हमसा कोई तनहा भी नहीं था
किस जुर्म पे छीनी गयी मुझसे मेरी हँसी
मैंने किसी का दिल तो दुखाया भी नहीं था..
तुम्हारी खामोशी मुझे सता रही है,
मेरी दिल की बेचैनी को बढ़ा रही है,
तुम्हें क्या हुआ है मुझे ये नहीं पता,
क्या मैंने की है कोई खता,
जिसकी खामोश रहकर दे रही हो मुझे सजा।
खामोशी तेरी मज़बूरी है
तो रहने दे इश्क़ कौन सा तेरे लिए जरूरी है
खामोश रह कर भी कह सकते हैं बहुत कुछ,
क्योंकि खामोशी का अपना एक अंदाज होता है।
ज्यादा अच्छा होना भी गुनाह होता है
पता ही नहीं चलता कि
लोग कदर कर रहे हैं या इस्तेमाल..!!
उससे फिर उसका रब फ़रामोश हो गया
जो वक़्त के सवाल पर
ख़ामोश हो गया।
वो है ख़ामोश तो यूँ लगता है,
हम से रब रूठ गया हो जैसे ।
खामोशी की वजह जानना जरूरी है,
उसके बिना दुनिया मेरी अधूरी है,
मुझे उसे हर हाल में मानना है,
क्योंकि जिंदा रहने के लिए वो जरूरी है।
मेरी खामोशी से नाराज न होना,
ये तो बस मेरे दिल का एक अंदाज है।
कबर और कदर में कोई फर्क नहीं
दोनों मरने के बाद ही मिलती है..!!
कितना बेहतर होता हैं
खामोश हो जाना,
ना कोई कुछ पूछता है,
ना किसी को कुछ बताना पड़ता है।
कौन कहता है ख़ामोशियां ख़ामोश होती हैं!!
कभी ख़ामोशियों को ख़ामोशी से सुनो!!
ख़ामोशियां वो कह देंगी जिनकी लफ़्ज़ों में तलाश होती है!!
वो बोलते हुए अच्छी लगती है,
खामोशी उसपर नहीं जचती है,
उसे देखकर दिल खुश हो जाता है,
जब वो खिलखिला कर हंसती है।
मेरी खामोशी तुम समझ नहीं सके
दिल की बात तुमसे हम बयां कर ना सके
कभी-कभी खामोशी भी बहुत कुछ कह जाती है,
जिसे सुनने वाला ही खास होना चाहिए।
मेरी खामोशियां अब तुम्हें बताएगी
सच्ची मोहब्बत से खेलने
का अंजाम क्या होता है..!!
ख़ामोशी की तह में
छुपा लीजिए सारी उलझनें,
शोर कभी मुश्किलों को आसान नहीं करता
कैसे कह दूँ मैं सपनों को जीने की ख़्वाहिश नहीं,
हाँ मैं ख़ामोश रहती हूँ पर मन ही मन बोलती हूँ ।
लोगों की परवाह नहीं,
तेरी खामोशी का डर है,
तू ही मेरी दुनिया है,
तू ही मेरा घर है।
उसकी भी शायद कोई मज़बूरी थी
तभी हमारी कहानी अधूरी रह गई
मेरी खामोशी में छुपे हैं कई राज़,
सुन सको तो सुन लो, ये दिल की आवाज़।
खामोशियां बहुत कुछ बोलती है
पर इन्हें कोई सुन पाए
ऐसा खास आज तक मिला नहीं..!!
कुछ हादसे इंसान को
इतना खामोश कर देते हैं कि
जरूरी बात कहने को भी
दिल नहीं करता
अग़र मोहब्बत नही थी तो फक़त एक बार बताया तो होता,
ये कम्बख़त दिल तुम्हारी ख़ामोशी को इश्क़ समझ बैठा…!!
दिल ने ठानी है तुम्हें मानाने की,इसे परवाह नहीं है जमाने की,
तेरी खामोशी मुझसे सही नहीं जाती है,
ये तुझे पता है मुझे जरूरत नहीं बताने की।
रात खामोशी है, चाँद खामोश है
कही ऐसा तो नही उदास मेरा यार है
खामोशी का अपना ही एक रंग है,
जो समझे वो दिल के करीब है।
जब इंसान हर वक्त खामोश रहने लगता है
तब वह इंसान अपने रिश्तों से हरा हुआ होता है..!!
यानी ये खामोशी भी
किसी काम की नही
यानी मैं बयां कर के बताऊं के उदास हूं मैं…
घाटे में खुशियां दुखों की शिरकत हो गई
यार तेरे नाम वालों से खामखा नफरत हो गई..!!
शब्द, मन, जज्बात,
एक एक करके सब खामोश हो गए।
अपने दिल के जज्बात को छुपा नहीं सकता,
तुझे जानकर कभी रूला नहीं सकता,
अनजाने में हुई गलती को माफ कर दो,
तेरी खामोशी को मैं सह नहीं सकता।
कभी कभी दर्द इतना बढ़ जाता है
दर्द छुपाने के लिए तब
खामोशी का सहारा लेना पड़ता है
मेरी खामोशी को मेरी कमजोरी मत समझना,
खामोश रहते हैं वो लोग जो अपने दम पर जीते हैं।
तकलीफ कि सुरंग से जब जिंदगी गुजरती है
तो सबसे पहले अपनों का साथ
और हाथ छूट जाता है..!!
लफ़्जों का वज़न उससे पूछो…
जिसने उठा रखी हो ख़ामोशी लबों पर…
कैसी है ये मोहब्बत कैसा ये प्यार है
एक तरफ है ख़ामोशी एक तरफ इंतज़ार है
तुझे पाने के लिए दिल जिद करता है,
पर तेरी खामोशी से ये दिल डरता है,
तू मेरे लिए बहुत ज्यादा खास है,
इसलिए तेरी परवाह करता है।
आज क्यों खामोशी से बैठी हो
कही मेरी बात दिल से तो नही लगा बैठी हो
खामोशी में भी एक शान होती है,
अक्सर ये बेवजह नहीं होती।
मौत का कोई OTP नहीं आता
इसलिए बात कर लिया करो
क्या पता तुम याद करो
और हम ना रहें इस दुनिया में..!!
उदास है मेरी ज़िंदगी के सारे लम्हे एक तेरे खामोश हो जाने से
हो सके तो बात कर ले ना कभी किसी बहाने से ….
अच्छा करते है वो लोग जो मोहब्बत का इज़हार नहीं करते
ख़ामोशी से मर जाते है मगर किसी को बदनाम नहीं करते !
क्या उसे खबर नहीं हुई मेरे आने की,
या उन्होंने नहीं सोची मुझे मनाने की,
मुझे तो परवाह नहीं थी जमाने की,
फिर क्यों पढ़ गई जरूरत खामोशी छुपाने की।
खामोशी बेवजहा नहीं होती
कुछ रिश्ते ऐसे भी हो जाते हैं जो
दर्द की आवाज़ छीन लिया करते है
जब हम खामोश होते हैं, तो लोग और भी ज्यादा सोचते हैं,
क्योंकि खामोशी के पीछे भी एक कहानी होती है।
मैंने अपनी खामोशी से,
कई बार सुकून खरीदा है…!
जरा ख्याल की जिए मर न जाऊँ कहीँ,
बहुत जहरीली है तेरी ख़ामोशी मैं पी न जाऊँ कहीँ।
उदास रहता है मन मेरा,
बदल गया है जीवन मेरा,
जब से वो खामोश हुई है,
तब से रूठ गया है दिल मेरा।
कभी हम भी कहते फिरते थे इश्क की बातें ,
आज खुद पे एहसास हुआ तो हमें खामोशियाँ रास आ गयी
उसकी जुबान खामोश है,
पर दिल में बेचैनी है,
उसके रूठ जाने की,
वजह मुझे पता नहीं है।
खामोशी की ताकत को समझो,
ये वो हथियार है, जो हर किसी के पास नहीं होता।
देखना तेरे प्यार में कुछ ऐसा कर जाएंगे हम
अगर तुम ना मिले तो सच में
मर जाएंगे हम..!!
आंखों में दबी खामोशी को…..
पढ़ नहीं पाओगे तुम…
कि मैंने सलीके से…..
इन पलकों में सब छुपा रखा है।
ख़ामोशी से जब तुम भर जाओगे ,
चीख लेना थोडा वरना मर जाओगे
प्यार में खामोशी जरूरी होती है,
कभी-कभी दोनों में दूरी जरूरी होती है,
इससे ही तो विश्वास बढ़ता है,
प्यार है तभी तो प्रेमी लड़ता है।
खामोशी एक ऐसा एहसास है
जो समझे वही दिल के पास है
खामोश रहकर भी मैं असरदार हूँ,
ये मेरा अंदाज है, जिसमें मैं खुद्दार हूँ।
ख़ामोश समझ कर
किसी को हल्के में ना लेना साहब,
राख में फूंक मारने से कई बार
मुंह जल जाया करता है..ll
कुछ बातों का जवाब सिर्फ ख़ामोशी होती है ,
ख़ामोशी बहुत खूबसूरत जवाब होती है
उसकी कई बात चुभती है तीर की तरह,
पर चुप रहती हूं मैं बेजान तस्वीर की तरह।
अजीब है मेरा अकेलापन ,
न खुश हु, न उदास हूँ ,
बस अकेला हु और उदास हूँ
मेरी खामोशी को मजबूरी न समझना,
खामोशी दूरी बढ़ाती है, ये याद रखना,
प्यार करती हूं, इसलिए तू मुझे सताती है,
क्यों तू बिल्कुल भी प्यार नहीं जताती है।
खामोशी की आवाज़ बहुत गहरी होती है
पत्थर क्या दिल को भी चिर कर रख देती है
जब हम खामोश रहते हैं, तो लोग सोच में पड़ जाते हैं,
क्योंकि खामोशी भी एक तरह का एटीट्यूड है।
तुमसे दिल की बात कहनी है,
तेरे साथ ही मुझे जिंदगी बितानी है,
अब खामोश न रहो तुम,
दिल की बात तुम्हें भी कहनी है।
मुस्कान सभी के चेहरे में होती है
खामोशी किसी किसी के दिल मे होती है
मेरी खामोशी को मेरी मजबूरी मत समझना,
ये वो अंदाज है, जिससे तुम वाकिफ नहीं।
वो सुना रहे थे
अपनी वफाओं के किस्से
हम पर नज़र पड़ी तो
खामोश हो गए।
ख़ामोशी से सब कह दिया ये सलीका था मेरा
तुम सुन कर समझ न पाया वो तरीका था तेरा
कुछ वक्त खामोश होकर भी देख लिया हमने,
फिर मालूम हुआ कि
लोग सच मे भूल जाते हैं।
जितनी मुझे सजा मिल रही है
मुझे नहीं लगता मैने
कभी इतने पाप किए होंगे..।।
मौत के बाद कि ख़ामोशी देखी है दोस्त,
अपने अंदर वही महसूस कर रहा हूँ अब !
आंखों ने आंखों से बात कही,
दोनों की जुबां चुप रही,
अब तो खामोश न रहो तुम,
दिल की बातें बोल दो तुम।
खामोशी खामोश रहती है
आवाज़ करकर वो किसी को नाराज़ नही करती
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तेरी खामोशी को समझूं या तेरा इशारा,
ये दिल भी कभी-कभी खुद को ठहरा पाता नहीं।
मेरी खामोशी भी पनाह मांगती है
बया कर सकू खुद को
एक ऐसा जहां मांगती है..!!
कुछ दर्द खामोश कर देते हैं,
वरना मुस्कुराना कौन नही चाहता….
बहुत अलग सा है मेरे इश्क़ का हाल!!!
तेरी एक ख़ामोशी और मेरे लाखों सवाल
हमने अब आपसे बोलना छोड़ दिया है,
आपके सामने मुंह खोलना छोड़ दिया है,
आपको तो हमारी खामोशी अच्छी लगती है,
इसलिए आपके सामने चुप रहना सीख लिया है।
उस इंसान की खामोशी तो समझो
जिसका दिल तुमने दुखाया
तेरी खामोशी में भी एक साज़ है,
जिसे सुनकर ही दिल को आराम आता है।
दी हुई जुबान और काम आया इंसान
यह दो चीजें कभी भूलना मत..!!
शुरुआत में खामोशी पढ़ने वाले ,
अंत में चीखें भी अनसुनी कर देते हैं ।।
मेरी ख़ामोशी में सनाटा भी है शोर भी है,
आपने देखा ही नहीं आँखो में कुछ और भी है
दोस्त किस बात पर खामोश है,
किस बात पर ये आक्रोश है,
मैंने आपका दिल नहीं दुखाया,
फिर इसमें मेरा क्या दोष है।
तेरी खामोशी का मतलब हम समझते हैं,
तेरे दिल के जज्बातों को हम महसूस करते हैं।
चेहरे पर मुस्कान जचती है,
खामोशी तुम पर नहीं फबती है,
तुमसे बातें करने का जब मन करता है,
दिल खुद को बिल्कुल रोक नहीं पाता है।
चेहरे से मायूस लग रही,
जुबां से खामोश लग रही,
कहीं इसकी वजह मैं तो नहीं।
अकेले में आंसू बहा लेता हूं,
रूठे दिल को मना लेता हूं,
तुम्हें तो परवाह नहीं मेरी,
इसलिए मैं खुद को समझा लेता हूं।
इश्क़ वो भी करते है जिनकी मुलाकात नही होती
खामोशी से वही रहते है जो तुम्हें प्यार करते है
जिंदगी की खामोशी को समझना आसान नहीं,
इसमें छुपे हैं कई अनकहे राज़ और कहानियाँ।
दिल टूटने के बाद एक बात समझ आ गई
खामोश रहना बोलने से कहीं
ज्यादा बेहतर होता है..!!
बैठकर ख़ामोश, आजमाएंगे
देखते हैं कब तुमको याद आएंगें..!!
कोई तो गिनती होगी
मेरी भी कहीं सनम
किसी के नाम के बाद, हम भी आएंगें….!!!!
हम तो यूँ ही ख़ामोश थे पर तुम खफ़ा मान बैठे
हमें फासला नहीं दिखता और तुम जुदा मान बैठे
हर वक्त दोस्तों ने खूब हंसाया,
जब दोस्तों से मिलकर घर आया,
तब अकेलापान ने मुझे फिर सताया,
हंसते चेहरे पर खामोशी का ढेरा छाया।
तेरे बिना यह ज़िन्दगी भी जी लेगे हम
खामोशी क्या है
दुनिया वालो को भी खामोश रहकर बता हम
दिल को छलनी खुशी का नाश
करती है यह खामोशी तो सीधा
दिल पर वार करती है..!!
उन्हें चाहना हमारी कमजोरी हैं,
उन से कह नही पाना हमारी मजबूरी हैं,
वो क्यूँ नही समझते हमारी ख़ामोशी को
क्या प्यार का इज़हार करना जरुरी है।
कुछ दिनों से बेज़ार होते जा रहा हूँ मैं,
यार बहुत हुआ अब ख़ामोश होने जा रहा हूँ !
खामोशी में दिन बीतता है,
ज्यादा बोलना छोड़ दिया है,
उन्होंने मुझे दर्द दिया है,
इसलिए मैंने मुंह मोड़ लिया है।
हाल नहीं समझ आ रहा है खुद अपना
मैं किसी और को क्या समझाऊं
कि मुझे क्या हुआ है..!!
अधूरी कहानी पर खामोश
होठों का पहरा है,
चोट रूह की है
इसलिए दर्द जरा गहरा है !
सोचा था की ख़ामोश रहकर हर जंग जीत लेंगे,
क्या पता था कि लोग उसका भी गलत मतलब निकाल लेंगे !
तुम खामोश हो पर तुम्हारा दिल बोल रहा है,
तुम्हारे खामोश होने का हर राज खोल रहा है।
जिसने मेरी दिल की बात नही सुनी
वो खामोशी क्या समझेगा
खुशी है चेहरे पर दिल में खामोशी भरी है
याद में तेरे यह आंखें हर पल रो पड़ी है..!!
में कोई खामोश सी ग़ज़ल जैसा हूं,
या हूं कोई नज़्म जैसा धीमे से गुनगुनाता हुआ…
तभी तो वो भी मुझे पढ़ते हैं आहिस्ते आहिस्ते से….
मेरे रूठ जाने से अब उनको कोई फर्क नहीं पड़ता,
बेचैन कर देती थी कभी जिस को ख़ामोशी मेरी।
अक्सर खामोश बैठकर गुनगुनाते हैं,
फिर तेरे ही ख्यालों में खो जाते हैं,
तब तुम्हारे साथ बिताए लम्हें याद आते हैं
जिसकी वजह से आंखों में आंसू आ जाते हैं।
मेरे प्यार ने उसे हर खुशी दे दी
बदले में उसने मुझे खामोशी दे दी
हमारा चुप रहना भी किसी को खले
भगवान ने हमें इतना
किस्मत वाला नहीं बनाया..!!
हालातों ने कर दिया हमें खामोश वरना
हमारे रहते हर महफिल में रौनक रहती थी..!!
ख़ामोशी मेरा मिजाज़ भी तो हो सकता है
तुमने क्यूँ समझ लिया मेरा ग़ुरूर इसे .
तुम्हें भुलाने का प्रयास किया है,
अपने ही आंसूओं को खूब पिया है,
पहले मेरी जुबां रुकती नहीं थी,
इन्हें खामोश तुमने किया है।
मांगी थी दुआ ऊपरवाले से मौत की
उसने खामोशी की ज़िंदगी दे दी जीने की
सुबह की पहली पसंद रात की आखिरी तलब है
जनाब इस खामोशी की बात ही अलग है..!!
मेरी खामोशी देखकर मुझसे ये जमाना बोला कि…!!
तेरी संजीदगी बताती है तुझे हँसने का शोक था कभी…!
बहुत अलग सा है…मेरे इश्क़ का हाल,
उसकी ख़ामोशी और मेरे लाखों सवाल…!
घर के हालात देख खामोश हो जाता हूं,
घर में सबको खुश रखना चाहता हूं,
पर अक्सर इस काम में फेल हो जाता हूं
इस बात को मैं बिल्कुल सह नहीं पाता हूं।
खामोशी ही अच्छी है वरना कुछ बातें
बाहर आ जाए तो मजाक बन जाता है
इंसान का भी और बातों का..!!
तुझे भूल नहीं सकता,
दूर नहीं हो सकता,
तेरी खामोशी देखकर
चैन से नहीं रह सकता।
तुमसे मिलने शहर में आया,
साथ में तेरे लिए तोहफा लाया,
फिर भी खामोश हो तुम
ऐसा क्यों है, ये मुझे समझ नहीं आया।