Best 324+ Khuda Shayari In Hindi | खुदा की इबादत शायरी | खुदा पर शायरी | ख़ुदा के लिए लिखे शायरी

khuda Shayari In Hindi : हम आपके लिए लाए हैं एक खूबसूरत संग्रह, जिसे हम ‘Khuda Shayari’ के नाम से जानते हैं। इस संग्रह में हम ‘खुदा’ यानी भगवान की महिमा और उनके प्रति श्रद्धा को व्यक्त करने वाली शायरी प्रस्तुत करेंगे। खुदा की शायरी हमारे दिल की गहराइयों से निकलकर सीधे ईश्वर तक पहुंचती है।

इन शायरी से हम खुदा की अनंत कृपा और उसकी उपस्थिति को खूबसूरत शब्दों में बयां करने की कोशिश करेंगे। यह शायरी हमें आत्मिक शांति और खुदा के प्रति हमारी श्रद्धा को और भी गहरा बना देगी। तो आइए, इन दिल को छूने वाली पंक्तियों को पढ़ें और अपने अनुभवों को अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें।

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Khuda Shayari

“कर लेता हूँ बर्दाश्त तेरा हर दर्द इसी आस के साथ..
की खुदा नूर भी बरसाता है, आज़माइशों के बाद”.!!!

हवा खिलाफ थी लेकिन चिराग भी खूब जला
खुदा भी अपने होने का क्या क्या सबूत देता है

तुम अपना रंज-ओ-ग़म अपनी परेशानी मुझे दे दो
तुम्हें ग़म की क़सम इस दिल की वीरानी मुझे दे दो

खुदा बुरी नज़र से बचाए आप को,
चाँद सितारों से सजाए आप को,
गम क्या होता है ये आप भूल ही जाओ,
खुदा ज़िन्दगी मे इतना हँसाए आप को।

यहाँ खुदा है, वहां खुदा है, आस-पास हर जगह खुदा ही खुदा है,
और जहाँ खुदा नहीं है, वहां कल जरूर खुदेगा “गड्ढा ” !!

बख्श देता है खुदा उनको जिनकी किस्मत ख़राब होती है
वो हरगिज नहीं बक्शे जाते जिनकी नियत ख़राब होती है।

खुदा करे वो मोहब्बत जो तेरे नाम से है
हज़ार साल गुजरने पे भी जवान ही रहे !!

और भी बनती लकीरें दर्द की
शुक्र है खुदा तेरा जो हाथ छोटे दिए !!

बस ये कहकर टाँके लगा दिये उस हकीम ने कि
जो अंदर बिखरा है उसे खुदा भी नहीं समेट सकता

ये माना मैं किसी क़ाबिल नहीं हूँ इन निगाहों में
बुरा क्या है अगर ये दुख ये हैरानी मुझे दे दो

न मेरा एक होगा न तेरा लाख होगा
न तारीफ़ तेरी होगी न मजाक मेरा होगा
गरूर न कर इस शरीर का
मेरा भी खाक होगा तेरा भी खाक होगा।

मुझे खुदा के इन्साफ पर उस दिन यकीन हो गया
जब मैंने अमीर और गरीब का एक जैसा कफ़न देखा

वो खुदा ही है जो एक सजदे से अपना बना लेता है
वरना ये इंसान तो जान लेकर भी राज़ी नहीं होते

मैं देखूँ तो सही दुनिया तुम्हें कैसे सताती है
कोई दिन के लिए अपनी निगहबानी मुझे दे दो..

जिन्दगी भर ब्रांडेड ब्रांडेड करने वालो
याद रखना कफ़न का कोई ब्रांड नहीं होता।

सलीक़ा ही नहीं शायद उसे महसूस करने का
जो कहता है ख़ुदा है तो नज़र आना ज़रूरी है

सजदे भले ही हों किसी के नाम से
पर मेरे ख़ुदा तो सिर्फ तुम ही हो

अब मोहब्बत नही रही इस जमाने में,
क्योंकि लोग अब मोहब्बत नही मज़ाक किया करते है इस जमाने में।

कोई रो कर दिल बहलाता है कोई हँस कर दर्द छुपाता है
क्या करामात है कुदरत का
जिन्दा इन्सान पानी में डूब जाता है और मुर्दा तैर के दिखता है।

बाद मरने के मिली जन्नत ख़ुदा का शुक्र है 
मुझको दफ़नाया रफ़ीक़ों ने गली में यार की 

उदास बच्चे के आंसू में रह गया खोकर
जो कह रहा था मुझको खुदा नहीं मिलता

चिंगारी का ख़ौफ़ न दिया करो हमे,
हम अपने दिल में दरिया बहाय बैठे है,
अरे हम तो कब का जल गये होते इस आग में,
लेकिन हमतो खुद को आंसुओ में भिगोये बैठे है।

मौत को देखा तो नहीं पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी
कमबख्त जो भी उससे मिलता है जीना छोड़ देता है।

गजब की एकता देखी लोगों की ज़माने में
जिन्दो को गिराने की और मुर्दों को उठाने की।

तेरा ज़िक्र..तेरी फ़िक्र..तेरा एहसास..तेरा ख्याल…
तू खुदा तो नहीं…. फिर हर जगह क्यों  है…!!

खुदा महफ़ूज़ रक्खे हम को इन तीनों बलाओं से
वकीलों से,हकीमों से,हसीनों की निगाहों से

तूझे इश्क हो खुदा करे, कोई तूझेको उससे जुदा करे
तेरे लब हंसना भूल जायें,और तेरी आंख पुरनम रहा करे

जिन्दगी में न जाने कौन सी बात आखिरी होगी
न जाने कौन सी रात आखिरी होगी
मिलते जुलते बातें करते रहो यारों
एक दूसरे से न जाने कौन सी मुलाकात आखिरी होगी।

खुदा को ना मान कर काफिर हूं मैं,
जैसे बिना मंजिलों का मुसाफिर हूं मैं

नजर नमाज नजरिया , सब कुछ बदल गया
एक रोज इश्क़ हुआ और खुदा बदल गया

दिल भी तूने बनाया और नसीब भी ए खुदा
फिर वो क्यों दिल में है जो नसीब में नहीं

मोहब्बत कर सकते हो तो खुदा से करो
मिट्टी के खिलौनों से कभी वफ़ा मिलती नहीं

वो आए घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है
कभी हम उन को कभी अपने घर को देखते हैं

न था कोई हमारा न हम किसी के हैं
बस एक खुदा है और हम उसी के हैं

मुझ को ख़्वाहिश ही ढूढ़ने की न थी
मुझ में खोया रहा ख़ुदा मेरा

ख़ुदा की रहमतें हर सू नज़र आती हैं,
वो ही तो है जो हर दिल में समा जाती हैं।

जब तक ख़ुदा की मर्जी नहीं होती,
इंसान की हर कोशिश अधूरी रह जाती है।

ख़ुदा के दर पर जब सिर झुका लिया,
हर मुश्किल ने खुद-ब-खुद रास्ता दिया।

ख़ुदा से जो भी मांगा दिल से,
मिला है हर बार एक नई राह से।

ख़ुदा के फैसले कभी गलत नहीं होते,
बस हमें वक्त का इंतजार करना पड़ता है।

जब भी कोई मुश्किल राह सामने आई,
ख़ुदा ने अपने करम से हमेशा राह दिखाई।

ख़ुदा की रहमत जब साथ होती है,
तो हर मुश्किल आसान होती है।

ख़ुदा की इबादत से जो दिल भर जाता है,
हर दर्द खुद-ब-खुद मिट जाता है।

ख़ुदा से दुआ करो तो दिल से करना,
उसकी रहमत से कभी कोई खाली नहीं जाता।

ख़ुदा के दर पर जो झुके हैं,
उनकी तकदीरें चमकी हैं।

ख़ुदा की रहमत का हाथ सिर पर हो,
तो हर तूफ़ान भी छूने से डरता है।

ख़ुदा का नाम जो दिल से लिया,
उसने हर ख्वाहिश को पूरा किया।

ख़ुदा की रहमत से बढ़कर कुछ नहीं,
उसकी मर्जी के बिना कुछ होता नहीं।

ख़ुदा के दर पर जो मांगा,
वो हर दुआ कबूल हुआ।

ख़ुदा से बड़ा कोई नहीं,
उसकी रहमत से कुछ छिपा नहीं।

ख़ुदा की राहों पर चलने वाला,
कभी गुमराह नहीं होता।

ख़ुदा के करम का जो असर है,
वही सच्ची जिंदगी का सफर है।

ख़ुदा की रहमत का जब हाथ सिर पर हो,
तब हर इंसान खुशहाल होता है।

ख़ुदा की रहमत हर जगह फैली है,
बस उसे देखने की नजर चाहिए।

ख़ुदा के दरबार में हर दुआ कबूल होती है,
बस उसकी रहमत पर यकीन होना चाहिए।

ख़ुदा की रहमत में वो ताकत है,
जो नामुमकिन को मुमकिन बना देती है।

ख़ुदा की इबादत में जो लीन हो गए,
उनके हर गम खुद-ब-खुद मिट गए।

ख़ुदा के दर से जो भी खाली जाता नहीं,
उसकी रहमत से कुछ भी छिपा नहीं।

ख़ुदा की इबादत का जो सिला मिला,
वो हर मुमकिन को मुमकिन कर गया।

ख़ुदा के करम से जो मुकद्दर बदला,
उसने हर नामुमकिन को मुमकिन कर दिया।

ख़ुदा की इबादत में वो ताकत है,
जो हर गम को खत्म कर देती है।

ख़ुदा की रहमत से जब जिंदगी सजती है,
तब हर मुश्किल भी आसान हो जाती है।

ख़ुदा की रहमत पर जो भरोसा करता है,
उसकी जिंदगी में कभी कोई कमी नहीं।

ख़ुदा से बढ़कर कोई आसरा नहीं,
उसकी रहमत के बिना कोई सहारा नहीं,
जो झुका है उसके दर पर सच्चे दिल से,
उसकी दुआ का कभी कोई किनारा नहीं।

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ख़ुदा की मर्जी के बिना पत्ता भी नहीं हिलता,
उसके करम से ही हर दिल खिलता,
जो भी मांगो दिल से वो मिलता है,
ख़ुदा के दर से कोई खाली नहीं लौटता।

ख़ुदा का नाम है दिलों की सुकून,
उसकी इबादत से मिट जाते हैं ग़म और जूनून,
जो भी जुड़ता है उसके रहमत से,
उसकी ज़िन्दगी में रहती है हमेशा खु़शबू।

ख़ुदा के करम का कोई हिसाब नहीं,
उसकी रहमतों का कोई जवाब नहीं,
जो झुका है सच्चे दिल से उसके आगे,
उसके लिए कोई सवाल अधूरा नहीं।

ख़ुदा से बड़ा कोई सहारा नहीं,
उसकी रहमतों से बढ़कर कुछ प्यारा नहीं,
जो झुके उसके दर पर, वो कभी हारा नहीं।

ख़ुदा की इबादत में जो लीन होता है,
उसका हर गम दूर होता है,
उसकी राहों में हमेशा नूर होता है।

ख़ुदा की रहमत का जो असर हो,
हर मुश्किल राह आसान हो,
उसकी दुआ से हर दिल में करम हो।

जब खुदा की मर्जी होती है,
हर मुश्किल राह सजी होती है,
उसका नाम लेने से ही दिल खुशियों से भरी होती है।

ख़ुदा की इबादत में जो खो गया,
उसने हर ग़म से नाता तोड़ लिया,
उसकी दुनिया में बस सुकून रह गया।

ख़ुदा की मर्जी में जो यकीन रखता है,
हर मुश्किल को वो आसान समझता है,
उसकी इबादत में हर इंसान सुकून पाता है।

ख़ुदा की मर्जी जब साथ होती है,
हर मुश्किल भी एक राह होती है,
उसकी दुआ से हर ग़म दूर होती है।

ख़ुदा की रहमत में जो यकीन है,
उसकी जिंदगी में कोई कमी नहीं,
उसकी इबादत से हर राह रौशन होती है।

ख़ुदा की रहमत का असर हर दिल में होता है,
उसकी इबादत में सुकून ही सुकून होता है,
जो झुका उसके आगे, उसकी तकदीर बदल जाती है।

ख़ुदा की मर्जी में जो यकीन रखता है,
उसकी जिंदगी में कभी कोई ग़म नहीं होता,
उसकी रहमत से हर राह रौशन होती है।

ख़ुदा के करम का असर हर दिल में होता है,
उसकी इबादत में सुकून ही सुकून होता है,
जो झुके उसके आगे, उसकी तकदीर बदल जाती है।

ख़ुदा की रहमत से बढ़कर कुछ नहीं,
उसकी मर्जी के बिना कुछ भी नहीं,
जो झुके उसके दर पर, वो कभी अधूरा नहीं।

ख़ुदा की इबादत में सुकून मिलता है,
उसकी रहमत से ग़मों का नामो-निशान मिटता है,
जो भी दिल से मांगे, उसे खुदा का करम मिलता है।

ख़ुदा के दर पर जो मांगा,
उसने हर मुराद को पाया,
उसकी रहमत से हर दिल को चैन आया।

ख़ुदा की इबादत से जो प्यार किया,
उसने हर मुश्किल को पार किया,
उसकी रहमत से हर राह आसान हो गया।

ख़ुदा के करम का जो सहारा मिला,
उसने हर मुश्किल को पार कर लिया,
उसकी रहमत से हर राह आसान हो गई।

ख़ुदा की इबादत में जो सुकून है,
उसकी रहमत में वो करम है,
जो झुके उसके दर पर, उसकी तकदीर में बस नूर है।

खुदा करे ये जिंदगी में मकाम आये ,
तुजे भूलने की दुआ करू और दुआ में तेरा नाम आये ।

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