New 245+ Dikhawa Shayari In Hindi 2024 | दिखावे के रिश्ते शायरी | दिखावा शायरी हिंदी में

Dikhawa Shayari In Hindi : दिखावा करना हमें और दूसरों को भ्रमित कर सकता है। जब हम दिखावा करते हैं, तो हम खुद को दूसरों के सामने कुछ और बनने की कोशिश करते हैं, जो हम असल में नहीं होते। ऐसा करने से हम अपनी असली पहचान से दूर हो जाते हैं और खुद को मानसिक तनाव में डाल लेते हैं।

दिखावा अक्सर इसलिए किया जाता है ताकि लोग हमें ज्यादा पसंद करें या हमारी तारीफ करें। लेकिन सच में, जो लोग दिखावा करते हैं, वे अंदर से खुश नहीं होते और उन्हें हमेशा ये डर रहता है कि कहीं उनकी असलियत सामने न आ जाए। दिखावे से मिली तारीफ और मान्यता असली नहीं होती, और यह हमें खुशी नहीं देती।

असल में, हमें अपनी सच्चाई के साथ जीना चाहिए। अगर हम वैसे ही रहें जैसे हम हैं, तो हम अपने जीवन में सुकून और शांति पा सकते हैं। दिखावा करने की बजाय, हमें ईमानदारी से जीवन जीना चाहिए, क्योंकि यही हमारी असली ताकत होती है।

इसलिए, दिखावा करने से बचें। ऐसा करने से आप न केवल खुद को गलत साबित करते हैं, बल्कि दूसरों के सामने भी झूठी छवि पेश करते हैं। सच्चाई, सादगी और ईमानदारी से जीवन जीना ही सही रास्ता है। जब हम सच्चे और ईमानदार होते हैं, तो लोग हमें सम्मान और प्यार से देखते हैं, और हम खुद को भी ज्यादा खुश महसूस करते हैं। तो दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम आपके लिए लेकर आये हैं Dikhawa Shayari In Hindi जिसे आप अपने स्टेटस या सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सकते हैं। अगर आपको यह Dikhawa Shayari In Hindi अच्छा लगे तो अपने दोस्तों और प्रियजनों के साथ शेयर जरूर कीजियेगा।

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Dikhawa Shayari In Hindi

दिखावे की मोहब्बत का बाज़ार चलता है यहाँ
सच्चे एहसास रोज खुदखुशी करते है

“यहाँ लोग दिखते कुछ है,
दिखाते कुछ है।”

हम अब उनके साथ बैठ नहीं सकते,
दिखावा करते करते हम अपने आप को भूल गए थे।

दिखावे वाला प्यार 
कभी प्यार नहीं होता

सिर्फ दिखावे के लिए अच्छा मत बनो…!!
वह परमात्मा आपको बाह …

जो भी दिखावा करते है उनकी असलियत 
एक न एक दिन सामने आ ही जाती है

जिनके पास कुछ नहीं होता, इस दुनिया में
वो सबसे ज्यादा दिखावा करते है।

जो भी दिखावा करते है उनकी असलियत 
एक न एक दिन सामने आ ही जाती है

अपने रिश्ते को लेकर कभी भी दिखावा नहीं करना चाहिए 
क्योंकि इसका नकारात्मक प्रभाव रिश्ते पर जरुर पड़ता है

दिखावा तो यहां आजकल हर शख्स करता है
मुझे तो वो चाहिए जो मेरी सादगी पर मरता है

ये जो बहुत खुश होने का दिखावा करते हैैं न, 
उनके पास सब कुछ होता है, सिवा खुशी के! 

नकली नकली सा लगने लगा है ये जमाना
दिखावे का कितना बढ़ गया है फ़साना

दिखावटी यह जमाना है दिखावटी सपने बुनता है
दिखावटी चेहरो पर दिखावटी मुखड़ा ही खिलता है

बड़ा नकली सा हो गया है जमाना सबको है यहाँ दिखाना
दिखावट के चक्कर में मंजूर है अपनों को गवाना

हम अब उनके साथ बैठ नहीं सकते
दिखावा करते करते हम अपने आप को भूल गए थे

ये दोस्त इतना ना दिखावा कर के दोस्ती 
तो रह जायेगी लेकिन गांठ पड़ जायेगी

जहाँ जरूरत नही है मेरी
वहाँ दख़ल देना भी नही है,
जहाँ कदर नही है मेरी
वहाँ रूकना भी नही है ।

दिखावे की मोहब्बत का बाज़ार चलता है यहाँ
सच्चे एहसास रोज खुदखुशी करते है

जो आप पर भरोसा करते है
उनके सामने कभी दिखावा मत करना

गलतफहमी में जो जी रहे
उनमें वक़्त जाया करना नही है,
जहाँ गलती नही है मेरी
वहाँ झुकना भी नही है ।

तुम झूठ कहना हम सच मान लेगे
तुम हमदर्दी का दिखावा करना
हम उसे मोहब्बत समझ लेगे

दिखावे की दुनिया में दिखाते ही रह गये 
जो सादगी में थे वो हमसे आगे निकल गये

अच्छे बुरे जैसे भी है
दिखावा मुझे करना नही है,
रूठे है तो रूठे रहे
मुझे उनको मनाना भी नही है ।

जो भी दिखावा करते है, उनकी असलियत
एक न एक दिन सामने आ ही जाती है

इस फरेबी दुनिया से हम दूर जा रहे है 
जिंदगी की कठिन राहो पर हम चलते जा रहे है

बोलते हैं मीठे जो
उनकी चापलूसी मुझे करनी नही है,
कड़वें हैं हम तो
इसलिए मिश्री बनना भी नही है ।

किसी चीज का दिखावा करना हमें नहीं आता, 
लोगों से झूठ बोलना हमें नहीं आता

झूठ को सच साबित करने के लिए दावा मत किया करो
चाहते नहीं हो अगर तो चाहने का दिखावा मत किया करो

लायक नही है सम्मान के जो
उनके पैरों में गिरना नही है,
खोट जिनके मन में है
उनके क़रीब मुझे जाना भी नही है ।

इतना भी दिखावटी मत बन इंसान की
हकीकत से तू कभी मिल ही ना सके

नकली नकली सा लगने लगा है ये जमाना
दिखावे का कितना बढ़ गया है फ़साना

बनावटी दुनिया में इंसानियत का तमाशा देखा
आज हाथ उठे भी मदद को तो दिखावे के लिए

पीठ पीछे जो बक बक करते हैं
ध्यान उस ओर देना ही नही है,
अगर सही हैं हम तो
किसी से डरना भी नही है

दिखावे की दुनिया में दिखाते ही रह गये 
जो सादगी में थे वो हमसे आगे निकल गये

जो नाजुक दिखते है बाहर से पत्थर से 
वास्ता पड़ा तो अंदर से पत्थर ही निकलते हैं

यह बात हमेशा याद रखना सिर्फ दुनिया को दिखाने 
के लिये अच्छा बनना बुरे बनने से भी बुरा है

ये बोझ धोकेबाज़ी का उठाया नहीं जाता पहला धोका 
तो पहले धोका होता है भूले से भी भुलाया नहीं जाता

कुछ ख़ास तो लूट गए तुम्हें दिखावे’ ही करते हुए 
मुझ आम के दिखावे से गरीब का चुल्हा तो जलता है

इस दिखावे की दुनिया में मोहब्बत ना दिखा
तेरी फितरत में आज भी मतलब का खंजर होगा

दुनिया के तानों की परवाह न कर
निरंतर आगे हमें बढ़ना है,
जब है काबिलियत हम में
तो किसी भी दम पर पीछे हटना नही है ।।

इस दुनिया में हर तरह के लोग है, कोई दिखाने 
के लिए खाता है, और कोई खाने के लिए दिखता है

जिन में सादगी होती है वो अक्सर 
दिखावे वालों से आगे निकल जाते

कभी किसी के साथ प्यार का दिखावा मत करना क्योंकि यह 
दिलों को हीं नहीं बल्कि लोगों को भी पूरी तरह से तोड़ देता है

क्या उम्मीद रखना उन दिखावटी हमदर्द से
जो दर्द में असली रंग दिखाया करते है

तू देख दिखावा दुनिया है,
हर कदम छलावा दुनिया है।
इसकी बातें तू आज न कर,
ये आग उगलती लावा है।

उसका मुझसे दूर होना सिर्फ एक बहाना था उसे तो कभी 
मुझसे मोहब्बत थी ही नहीं मैंने तो सच्चे दिल से उसे 
माँगा था मगर उसका मुझे चाहना सिर्फ एक दिखावा था

इसने किसको कब छोड़ा है,
हर साँस भरोसा तोड़ा है।
चेहरे पर चेहरे देखो,
जो दिख रहा वो थोड़ा है।

जिनके पास पैसा है वो इस 
दुनिया में इश्क़ भी खरीद सकता है

दिखावा ही करना है तो फिर बड़ा कर
तू शायर नहीं ख़ुद को आशिक़ कहा कर

हर किसी को मैं खुश रख सकूं वो सलीका मुझे नहीं आता
जो मैं नहीं हूँ वो दिखने का तरीका मुझे नहीं आता 

उनमें सादगी होता है जो रहते हैं गाँव में 
दिखावा बढ़ जाता है जो रहते है पैसों की छाँव में

एक ज्ञानी व्यक्ति कभी भी अपने 
ज्ञान का दिखावा नहीं करता है

हमे नहीं आता दर्द का दिखावा करना
बस अकेले रोते हैं और सो जाते हैं

इस फरेबी दुनिया के फसाने बहुत है 
और आजकल के लोगो के चेहरे पर मुखोटे बहुत है

दिखावे की जिन्दगी दिखावे की मुस्कान खुद 
को आईने में तू देख कितना बदल गया इंसान

पैसों का दिखावा करना 
आजकल आम बात हो गई है

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दिखावा मत कर मेरे शहर में शरीफ होने 
का हम खामोश तो है लेकिन ना-समझ नहीं

अक्सर दिखावे का प्यार ही ज्यादा शोर करता है 
वरना सच्ची मोहबत तो इशारो मे ही सिमट जाती हैं

जिन्हें अपने बारे में पता नहीं वो औरों को जानने का दावा करते है 
लोग उतने अच्छे है नहीं जितना होने का दिखावा करते हैं

दिखावा मंजूर है मगर हकीकत नहीं 
लोगों को इसमें भी कोई दिक्कत नहीं

तुझे तो मोहब्बत भी तेरी औकात से ज्यादा की थी
अब तो बात नफरत की है सोच तेरा क्या होगा

ऐ दुनिया वालों दिखावा करना बंद करो क्योंकि
यह दुनिया की खूबसूरती को कम करती है

जिस दिन आप दिखाना छोड़ 
देंगे लोग देखना शुरू कर देंगे

यक़ीन मानो शक्ल ज्यादा नहीं बदलेगी बस 
तुम ना पहचानने का दिखावा मत करना

जो लोग दिखावे में विश्वास करते हैं 
वे हमेशा बेचैन फिरते हैं 

मुझसे की है मोहब्बत बे-मतलब की ऐसा तू दावा मत कर 
जो चाहे गर तो ना हो मेरा मेरा होने का तू दिखावा मत कर

दिखावे के लिए अच्छा बनना बंद करो असलियत एक 
ना एक दिन सबको पता चल ही जाती है क्योंकि 
आजकल लोग सीरत भी देखकर पसंद किया करते हैं

जिन्दगी में दिखावा इतना भी न करें कि 
जिन्दगी के आख़िरी पल अफ़सोस में गुजारना पड़े

दिखावा करने वालो को कोई कुछ क्यों नही कहता हैं 
अक्सर लड़कियों के सामने लड़का ज्यादा दिखावा करता हैं

आओ लौट चले फिर से
अपनी ख्वाबो की दुनिया
में हमे नही रहना इस
दिखावे भरी दुनिया में

दिखावे की ज़िन्दगी की इतनी कहानी हैं 
हकीकत एक दिन सबके सामने आनी हैं

दिखावे की मोहब्बत तो जमाने को है हमसे लेकिन 
ये दिल तो वहाँ बिकेगा जहाँ ज़ज्बातो की कदर होगी

बड़ा नकली सा हो गया है जमाना सबको है यहाँ दिखाना 
दिखावट के चक्कर में मंजूर है अपनों को गवाना

यक़ीन मानो शक्ल ज्यादा नहीं बदलेगी बस 
तुम ना पहचानने का दिखावा मत करना

दिखावा करने का शौख उन्हें होता है 
जिनो ने दुनिया में कुछ हांसिल नहीं किया है

झूठी शान के परिन्दें ज्यादा ही फड़फड़ाते है
सादगी की उड़ान बाज की तरह ऊँचा उड़ कर दिखाते हैं

मेरे लिए सबसे अच्छे वो लोग है 
जो मुझे पसंद नहीं करते 
कम से कम वो दिखावा नहीं करते

बाहरी दिखावे से पहले अपने घर में झाँक कर 
देखो ये खोखली नुमाइशें घर में सुख नहीं लायेंगी

स्मार्टफोन सी आदतें इंसान की हो गयी
एक ऊँगली के कुरेद से कितनी परतें खुल गई

जिस्म सवार कर दिखावा करने का तरीका सबको मालूम है 
यहाँ अपने आप से अपना हाल पूछने ना जाने क्यू शर्म आती है

इतनी तो औकात भी नहीं तुम में जितना 
तुम Attitude ले कर चलते हो

दिखावा इतना भी ना कर 
कि अपने ही दूर हो जाए

इस दुनिया में हर तरह के लोग है
कोई दिखाने के लिए खाता है
और कोई खाने के लिए दिखता है

शून्य को छोड़ संख्याओं से दोस्ती की 
संख्याओं ने फिर से न्य ही बना डाला

रिश्ता अब दुनिया से दुनिया की ही तरह निभाना पड़ता है 
अंदर से कुछ और बहार से कुछ और बन कर दिखाना पड़ता है

जिनके पास कुछ नहीं होता इस दुनिया 
में वो सबसे ज्यादा दिखावा करते 

प्यार में तो दिखावे के लिए 
बिल्कुल जगह नहीं होती है

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