New 145+ Tareef Shayari In Hindi [ 2024 ] | शख्सियत की तारीफ शायरी | सुंदरता की तारीफ के लिए शब्द

Tareef Shayari In Hindi : लड़कियों को उनकी तारीफ सुनना बहुत पसंद होता है, खासकर जब उनकी खूबसूरती की सराहना की जाए। तारीफ भरी शायरी का एक खास असर होता है, जिससे उनकी खुशी और भी बढ़ जाती है। इसलिए, अगर आप अपने दोस्तों या गर्लफ्रेंड को इम्प्रेस करना चाहते हैं, तो उनके लिए खूबसूरत शायरी भेजना एक बेहतरीन तरीका हो सकता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए, हम आपके लिए कुछ चुनिंदा शायरियों का संग्रह लेकर आए हैं, जिन्हें आप अपने प्रियजनों के साथ शेयर कर सकते हैं।

इन शायरियों के माध्यम से, आप अपनी भावनाओं को आसानी से व्यक्त कर सकते हैं और उनके दिल को छू सकते हैं। हमारी वेबसाइट पर आपको ऐसी कई और शायरियाँ मिलेंगी, जो हर बार कुछ नया और खास लेकर आती हैं। उम्मीद है कि ये शायरी न सिर्फ आपको, बल्कि जिनके लिए आप इसे भेजेंगे, उन्हें भी बहुत पसंद आएगी।

तो चलिए Tareef Shayari In Hindi के एक और सफर पर चलते हैं।

Kisi Ki Tarif Me Shayari | Khubsurti Ki Tareef Shayari | Ladki Ki Tareef Ke Liye Words In Hindi | Tareef Shayari In Hindi | Tareef Shayari | Tareef Shayari 2 Line | Tareef Ki Shayari Hindi Me | Best Tareef Shayari

Tareef Shayari In Hindi

हम तो उनकी तारीफ में लिखते रहे,
वो बस उन्हें पढ़ते रहे, और सुनते रहे,
हाल ए दिल कह दिया अपना हमने,
और वो अंत में वाह वाह करते रहे।

तस्वीर बना कर तेरी आसमान पर टांग कर आया हूँ,
और लोग पूछते है आज चाँद इतना बेदाग कैसे है।

तुम्हारी खुबसूरती का कोई जवाब नहीं,
इसे शब्दों में बयां करना इतना आसान नहीं।

हमें लिखनी है उन पर एक पूरी किताब…..
उनकी तारीफे चंद लफ़्ज़ों में हमसे बयां नहीं होंगी….!!!

मुझे देखकर शर्म से नजरें चुरा लेती है वो,
उसे बेवफा न समझ लूं इसलिए,
चेहरे से जुल्फों को हटा जरा सा मुस्कुरा देती है वो।

तेरे इस चेहरे के नूर के आगे बाकि सब सादा सा लगा,
था तो वो पूनम का चांद, लेकिन तेरे आगे आधा सा लगा।

मुझे मालूम नहीं है कि क्या है हुस्न,
मेरी नजरों में तो हसीन वो है जो तुम सा हो।

तितलियों सी नाजुक, परियो सी खुबसूरत हो,
ख्वाहिश तो थी ही तुम, अब मेरी जरूरत भी हो।

यही चेहरा यही आंखें यही नजाकत बस यही रंगत निकले,
तराशूं जब मैं कोई ख्वाब, तो बस तेरी सूरत निकले।

अब समझ में आया कि लोग चाँद को खूबसूरत क्यों कहते हैं,
शायद मेरी तरह वो भी उसमे तुम्हारी ही झलक को देखते हैं..

उसकी बातें दीवाना बना देती है,
उसकी मुस्कान हर गम भुला देती है,
आंखों की मासूमियत के क्या कहने,
जिधर नजर भर देख ले उसे पाक कर देती है। 

तेरी तारीफ़ क्या करूँ, शब्द नहीं मिलते,
तेरे जैसे हसीन को कहाँ सब मिलते।
रूप तेरा चाँद जैसा, दिल में जगह बना ले,
तेरे बिना ये ज़िंदगी, जैसे बिन पानी के रेत।

देखकर सूरत तेरी, 
हजारों ने दिल हारा है, 
कौन कहता है की, 
तस्वीरें जुआ नहीं खेलती..!!

हम तो उनकी तारीफ में लिखते रहे,
वो बस उन्हें पढ़ते रहे, और सुनते रहे,
हाल ए दिल कह दिया अपना हमने,
और वो अंत में वाह वाह करते रहे।

तुम्हें देखकर पता नहीं चला कब सुबह से रात हो गई,
हमारी पहली ही मुलाकात में ऐसी बात हो गई।

महंगी हे तु कोहिनूर से भी ,
खूबसूरत हैं तु हूर से भी ,
दूर से दिखते हे चांद में दाग मगर ,
बेदाग हे तु दूर से भी ..!!

देखे जो तुम्हे वो हर एक दीवाना हो जाये,
खूबसूरती ऐसी है तुम्हारी कि तुम्हे देख चांद भी शर्मा जाए।

मुस्कुराहट से अपनी सबके होश उड़ा देती हो,
हम होश में कैसे आएं, तुम फिर मुस्कुरा देती हो।

कभी अदाएं दिल चुराने की, तो कभी दिल मे बस जाने की,
बनाया है आपको चांद जैसा और ख्वाहिश हमारी है चांद को पाने की।

आपकी आँखें उठी तो दुआ बन गई,
आपकी आँखें झुकी तो अदा बन गई,
झुक कर उठी तो हया बन गई,
उठ कर झुकी तो सदा बन गई

नशीली आंखो से वो जब हमें देखते हैं…!!
हम घबरा के अपनी ऑंखें झुका लेते हैं…!!
कैसे मिलाए हम उन आँखों से आँखें…!!
सुना है वो आँखों से अपना बना लेते हैं…!!

फूलों सा कोमल चेहरा तेरा,
तू संगमरमर की मूरत है,
तेरे हुस्न की क्या तारीफ़ करूँ,
तू इतनी खूबसूरत है।

तेरी तारीफ में लफ्ज़ कहाँ से लाऊं,
खुशबू जैसे कोई फूल को छू ले,
वैसे ही तेरा हुस्न दिल को छू जाए।

तू जरा सी कम खूबसूरत होती 
तो भी बहुत खूबसूरत होती

मुझको मालूम नहीं हुस्न की तारीफ,
मेरी नज़रो मैं हसीं वो है जो तुम जैसा हो।

समझ में आया लोग चाँद
को खूबसूरत क्यों कहते हैं
शायद मेरी तरह वो भी उसमे
अपनी ही झलक देखते होंगे।

ज्यादा बड़ा शायर तो नहीं हूं मैं
बस तुम्हें खूबसूरत लफ़्ज़ों में पिरो देता हूं।

क्या लिखूं तारीफ में तुम्हारी ए हुस्न की मल्लिका,
कुंआ भी अगर तुम्हें देखे, तो वो भी प्यासा हो जाये।

यह तेरा हुस्न और ये अदाएं तेरी,
मार जाते हैं इन्हें देख मुहल्ले के सारे आशिक तेरे।

यूँ तो हर कपड़े में खूबसूरत दिखती हो,
पर सूट या साडी में तो हद ही पार कर देती हो।

मांग लूंगा तुझे अब तकदीर से,
क्योंकि अब मेरा मन नही भरता है तेरी तस्वीर से!

आंखें मुझसे चुरा कर जब मुस्कुराती हो तुम,
सुंदर को और ज्यादा सुंदर बना देती हो तुम.

तेरी खूबसूरती की रोशनी कहीं जला न दे मुझको,
धीरे-धीरे बढ़ रही ये मोहब्बत कहीं डूबा न दे मुझको।

तेरी सादगी में भी कशिश है बेमिसाल,
देख कर तुझे खुदा भी कहे, वाह क्या कमाल!

उसने महबूब की तारीफ कुछ इस कदर की, 
रात भर आसमान में चाँद भी दिखाई न दी.

यूँ ना निकला करो आज कल रात को,
चाँद छुप जायगा देख कर आप को।

तेरी खुबसूरती पर हम इस तरह मर मिटे,
अपना सब कुछ भुल बैठे।

आते हो जब तुम सामने मेरे,
देख पाते हैं तुम को हम फिर कहां,
दिल फिर कहीं होता है और होश फिर रहता कहां।

आंखों में तेरी कोई जादू जरूर है,
जो भी देख ले वो लड़खड़ाता जरूर है।

गुलाबी सूट में ये कातिलाना मुस्कान,
क्या सच में ले लोगी मेरी जान।

नाकाम थीं मेरी सब कोशिशें, उस को मनाने की,,,
पता नहीं कहां से सीखी, जालिम ने अदाएं रूठ जाने की…

एक लाइन में क्या तेरी तारीफ़ लिखूं
पानी भी जो देखे तुझे तो प्यासा हो जाये। 

कितना खूबसूरत चेहरा है तुम्हारा, 
ये दिल तो बस दीवाना है तुम्हारा। 
लोग कहते है चाँद का टुकड़ा तुम्हें, 
पर मैं कहता हूँ चाँद भी टुकड़ा है तुम्हारा।

तुझ सा अगर कोई ज़रा भी खूबसूरत हो जाए,
तो तुझ सा तो नहीं पर वो भी बहुत खूबसूरत हो जाए।

तुम्हारे खूबसूरत चेहरे की मेरी आंखों में तस्वीर बन गई,
न जाने कब तुम मेरी तकदीर बन गई।

तुम खूबसूरत हो, जानती हो
हम तारीफ ना करें, तो क्या करें
आंखे कातिलाना हैं तुम्हारी, जानती हो
हम जां निसार ना करें, तो क्या करें..!

खूबसूरती में उनकी कोई कमी तो होती,
खुदा कसम वो फिर और ज्यादा खूबसूरत होती।

कुछ नशा उनकी बात का, कुछ चांदनी रात का,
शराबी न समझना मुझे ये असर है उनकी मुलाकात का।

क्या लिखूं तारीफ में तुम्हारी ए हुस्न की मल्लिका,
कुंआ भी अगर तुम्हें देखे, तो वो भी प्यासा हो जाये।

मिलना था इतेफाक, बिछड़ना नसीब था,
वो उतना ही दूर हो गया, जीतना करीब था
जिसने कभी मुँह हमसे फेरा न था,
वो आज सामने बैठा था पर हमारा ना था…

तेरे चेहरे की रौनक दिल को सुकून दे जाती है,
तेरी मुस्कान की चमक सब कुछ भुला जाती है।

तुम्हारे गालों पर एक तिल का पहरा भी जरूरी है,
डर है की इस चहरे को किसी की नज़र न लग जाए।

जितनी तारीफ करू उतनी ही कम है,
सबसे खूबसूरत मेरा सनम है।

हजारों गुलाब है महफिल में
पर मेरे वाला गुलाब
सबसे खूबसूरत है…

जब यह चांद अधूरा आता है,
मुझे बस एक ही ज़िक्र याद आता है,
कि यह चांद इस चांद से कितना शर्माता है।

लोग कहते हैं, उनका महबूब चांद का टुकड़ा है,
कौन उन्हें समझाए कि खुद चांद मेरे महबूब का टुकड़ा है।

तारीफ़ करता था मैं उसकी जुल्फों की,
मेरे लफ़्ज कम पड़ गये जब उसने साड़ी पहन ली।

तुम्हारे चेहरे की सुंदरता ऐसे ही सजती रहे,
तुझसे मिलने को हम यूं ही तरसते रहे..

सुरमे से लदी उनकी आंखें कत्ले आम करती हैं,
जिसे देख ले मुस्कुरा कर उसे अपना गुलाम बना लेती हैं। 

तेरी तारीफ में शायरी करने का मन करता है,
तू फूलों की खुशबू है, जो हर दिल में बसता है।

तुम ज़रा सा कम खूबसूरत होते 
तो भी बहुत खूबसूरत होते !

आसमां में एक अजीब खलबली मची हुई है,
लोग पूछ रहे हैं की ये ज़मीं पे कौन घूम रहा है,
एक चाँद सा खूबसूरत चेहरा लिए हुए।

क्या कहुं तेरे बारे में मेरे पास कुछ अल्फाज नहीं,
तुझे देखकर दिल में न जगे ऐसे कोई अरमान नहीं।

मेरी ज़िंदगी में रौनक़ों की वजह हो तुम ।
मेरे ख़्वाबों में पारियों की जगह हो तुम।
जिस आईने में ख़ुद को रोज़ सवारती हो तुम ।
उस आईने की खूबसूरती की वजह हो तुम ।

नींद से क्या शिकवा करूं मैं जो रात भर आती नहीं,
कसूर तो उस चेहरे का है, जो रात भर सोने देता नहीं।

मैं तुम पर नहीं तुम्हारी सादगी पर मरता हूं,
यह फर्क नही पड़ता कि तुम मुझे चाहो या न चाहो,
मैं तो सिर्फ तुम पर ही मरता हूं।

तेरी तस्वीर देखकर ही होती है अब सुबह मेरी,
तुझसे ही जुड़ी है अब जिंदगी और तकदीर मेरी।

लोग आईने में अपना चेहरा देखकर खुश होते है,
पर आपको तो आईना देखकर खुश होता होगा !

तेरे हुस्न की हर एक झलक कयामत है,
तेरे बिना ये महफ़िल अधूरी है, ये हकीकत है।

सोचता हूँ हर कागज पे तेरी 
खूबसूरती की तारीफ करु, 
फिर ख्याल आया कहीं पढ़ने वाला भी 
तेरा दीवाना ना हो जाए।

ममता की तारीफ न पूछिए साहब,
वक्त आने पर चिड़िया सांप से लड़ जाती है।

तेरी खुबसूरती पर हम ऐसे मर मिटे है
कि अब भुख तो क्या प्यास भी नही लगती।

Kisi Ki Tarif Me Shayari | Khubsurti Ki Tareef Shayari | Ladki Ki Tareef Ke Liye Words In Hindi | Tareef Shayari In Hindi | Tareef Shayari | Tareef Shayari 2 Line | Tareef Ki Shayari Hindi Me | Best Tareef Shayari

आंखों में उनकी हमने क्या क्या देखा,
कभी कातिल देखा तो कभी खुदा देखा।

इस डर से कभी गौर से देखा नहीं तुझको​,​
​​कहते हैं कि लग जाती है अपनों की नज़र भी​।

लगता है मेरी आंखों को तेरा नशा हो गया है,
जब से तुम्हें देखा है इन्हें कुछ और खूबसूरत लगता ही नहीं है।

खूबसूरत हो तुम
दिलकश मुस्कुराहट है तुम्हारी
एक झलक पाकर ही
धड़कने बढ़ जाती हैं हमारी

तेरे चेहरे की सुंदरता ने हमें दीवाना बना दिया,
खुलेआम परवाना बना दिया।

हमारा क्या है हम तो जी लेंगे उनके बगैर,
दुख तो इन आंखों को, जो तड़पती हैं उन्हें देखे बगैर।

करता हूं ऐसी दुआ, जो बस खुदा को सुनाई दे,
दुनिया को दिखे चांद और मुझे बस तू दिखाई दे।

छुपाकर दिल में हमें दुनिया में ढूंढती हो,
तब और भी ज्यादा हसीन लगती हो,
जब मासूमियत से ‘कहां हो’ पूछती हो।

क्या लिखूं तेरी तारीफ-ए-सूरत में यार,
अलफ़ाज़ कम पड़ रहे हैं तेरी मासूमियत देखकर

तुम हक़ीकत नहीं हो हसरत हो,
जो मिले ख़्वाब में वही दौलत हो।
किस लिए देखती हो आईना,
तुम तो खुदा से भी ज्यादा खूबसूरत हो।

मेरी आँखों को जब उनका दीदार हो जाता है,”
दिन कोई भी हो मेरे लिए त्यौहार हो जाता है।

तेरी खुबसूरती को देखकर चांद भी कतरा रहा है,
तुम बहुत ही प्यारे हो यही फरमा रहा है।

इन्ही को सुकून
इन्ही को कहर लिखा है
हमने तेरी आंखों को
खूबसूरत शहर लिखा हैं।

देख कर खूबसूरती आपकी चांद भी शर्मा रहा है,
तू कितनी खूबसूरत है यही फरमा रहा है।

धीरे से तुम्हें मुस्कुराते देखा है,
दिल से तुम्हें अपना कर देखा है,
जिंदगी खिलखिलाने लगती है मेरी,
कुछ लम्हे तुम्हारे साथ बिता कर देखा है।

तरस गये आपके दीदार को,
दिल फिर भी आपका इंतज़ार करता है।
हमसे अच्छा तो आपके घर का आईना है,
जो हर रोज़ आपका दीदार करता है।

तेरी आँखों में बसी मोहब्बत की गहराई है,
तेरी तारीफ में हर शब्द कम पड़ता है, यही सच्चाई है।

पिये हमने हज़ारों जाम पर तेरी आंखों का नशा ही अलग है,
देखे हमने भी हज़ारों जलवे पर तेरी अदा की बात ही कुछ और है।

तुम्हारी क्या तारीफ करू 
क्यूंकि तुम्ही तारीफ हो..

इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा,
लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं।

मुझे अच्छा नहीं लगता तेरे सिवा किसी और का चेहरा,
मुझे तो सिर्फ तुझे ही अपनी निगाहों में बसाकर रखना है।

ज़िन्दगी का सबसे खूबसूरत ख्याल हो तुम
इश्क़ और इबादत
दोनों में बेमिसाल हो तुम 

ये जो करती हैं जुल्फें पहरा तेरे चेहरे पर आकर,
छुपा लेते हैं बादल जैसे चांद को जाकर।

इसी खूबसूरत से नाम ने ही
बरबाद कर रखा है वरना,
इश्क के पहले जख़्मी ही कौन था।

जब तेरा ख्याल मेरा दामन चूमता है,
हर तरफ फ़िज़ाओं में सावन झूमता है।

निगाह उठे आपकी तो सुबह और झुके तो शाम हो जाए,
जो गर मुस्कुरा दो, तो आज कत्लेआम हो जाए।

आम हो गया है यूं महफिलों में बवाल होना,
एक तो कयामत सा हुस्न उनका, उसपर नजरों का झुका होना।

सुर्ख आँखो से जब वो देखते है,
हम घबराकर आँखे झुका लेते है।
क्यू मिलाए उन आँखो से आखे,
सुना है वो आखो से अपना बना लेते है।

सादगी भी कमाल है उनकी, 
बिना सँवरें चमकना जानती है।

ना जाने तू किस कदर मेरे दिल पे छाई है,
मैंने हर तारीफ में सिर्फ तेरी ही बाते सुनाई है।

आसमान में चांद पर तारों का पहरा,
कितना खूबसूरत चांद सा चेहरा।

इश्क के फूल खिलते हैं
तेरी खूबसूरत आँखों में,
जहाँ देखे तू एक नजर वहाँ खुशबू बिखर जाए….

धीरे से सकती है रात उसके आंचल की तरह,
दिखता है फिर चांद उनके चेहरे की तरह।

तेरी पलकों की छांव में मेरी शाम गुज़र जाए,
एक बार देखा जो फिर मुस्कुरा कर यूँ,
कहीं इससे मेरी धड़कने न रुक जाए।

कितना हसींन चाँद सा चेहरा है,
उसपे शबाब का रंग गहरा है।
खुदा को यक़ीन ना था वफा पे,
तभी तो एक चाँद पे हजारों तारों का पहरा है।

सोचता हूँ हर कागज पे तेरी
खूबसूरती की तारीफ करु
फिर ख्याल आया कहीं पढ़ने वाला भी
तेरा दीवाना ना हो जाए।

तुम्हारी आँखों की चमक में, दिल की हर बात छुपी है,
तुम्हारी तारीफ करने में, हर लफ्ज़ खुद को खोती है।

कुछ इस तरह से वो मुस्कुराते हैं,
कि परेशान लोग उन्हें देख कर खुश हो जाते हैं,
उनकी बातों का अजी क्या कहिये,
अल्फ़ाज़ फूल बनकर होंठों से निकल आते हैं।

दिन को चैन कहां रातों को सुकून कहां,
तेरी खुबसूरती में हम खो गये अपना सुध बुध।

तुझे पलकों पर बिठाने को जी चाहता है,
खूबसूरती की इंतेहा है तू,
तुझे जिंदगी बनाने को जी चाहता है।

कजरारी आंखों से जब वो देखते हैं,
हम भी अपने होश यू खो बैठते हैं,
कैसे मिलाएं उनकी आंखों से आंखें,
वो तो आंखों से ही मदहोश कर देते हैं।

तेरे बारे में लिखना तो हम बहुत कुछ चाहते हैं,
अदाएं तुममें इतनी हैं कि लफ्ज कम पड़ जाते हैं।

तो चर्चा शुरू हुआ उनकी खूबसूरती का,
कहा गया नूर ऐसा है उस नूरानी चेहरे का,
मोम की बात तो छोड़िए,
किस्सा है आइने तक के पिघलने का।

मत मुस्कुराओ इतना कि
फूलों को खबर लग जाये
के वो करे तारीफ तुम्हारी
और तुम्हें उनकी नज़र लग जाये।

चांद से हसीन है चांदनी,
चांदनी से हसीन है रात,
रात से हसीन है चांद,
और चांद से हसीन है आप।

तेरी हँसी के जलवों का क्या कहना,
ये दिल हर बार तुझमें ही खो जाता है।

तेरे चेहरे को मैं रोज देखता है,
तेरी हर अदा में खो जाता हूं।

तुमको लिख पाना , कहाँ मुमकिन है..
इतने खूबसूरत तो लफ्ज़ भी नहीं मेरे पास..

वह बहुत खुबसूरत है इससे कोई परहेज नहीं,
और कत्ल करती हैं जिस कदर वह मेरा,
नजर तेज धार है उतनी जितनी तलवार भी तेज नहीं।

शर्म से सिर झुका लेना, फिर धीरे से मुस्कुरा देना,
तुम्हारे लिए कितना आसान है, हम पर बिजली गिरा देना।

आपके दीदार को निकल आए हैं तारे
आपकी खुशबू से छा गई है बाहर
आपके साथ दिखते हैं कुछ ऐसे नज़ारे
कि चुप छुप के चाँद भी बस आपको निहारे

तेरी पलकों की छांव में मेरी शाम गुज़र जाए,
एक बार देखा जो फिर मुस्कुरा कर यूँ,
कहीं इससे मेरी धड़कने न रुक जाए।

तुम हक़ीकत नहीं हो हसरत हो,
जो मिले ख़्वाब में वही दौलत हो,
किस लिए देखती हो आईना,
तुम तो खुदा से भी ज्यादा खूबसूरत हो।

तेरी खुबसूरती का भी क्या कहना,
तुम तो हो मेरे जन्म जन्मांतर का गहना।

पूछो मेरे दिल से तुम्हें पैगाम लिखता हूं
साथ गुजरी बातें तमाम लिखता हूं,
दीवानी हो जाती है वो कलाम भी
जिस कलाम से तुम्हारा नाम लिखता हूं।

हर बार इल्ज़ाम लगा देते हो तुम हम पर मुहब्बत का,
कभी देखा है आईना कि कितनी खूबसूरत हो तुम।

Scroll to Top