165+ Barish Shayari In Hindi | बारिश शायरी जो आपकी दिल छू लेगा | Heartfelt Barish Shayari In Hindi

Barish Shayari In Hindi : बारिश की रिमझिम और उसकी खुशनुमा धुन हमेशा हमारे दिलों को छू जाती है। इस मौसम में, जब बादल घेर लेते हैं और धरती पर पानी की बूँदें गिरती हैं, तो मन में कई इच्छा जग जाती हैं। तो इसी को ध्यान से रखते हुए आज हम आपके लिए एक खास संग्रह लेकर आए हैं, जिसमें बेहतरीन बारिश शायरी शामिल है।

जिसके हर एक पंक्ति में बारिश की खुशबू और रोमांच को महसूस किया गया हैं। इसके साथ ही, हम आपके लिए बारिश शायरी की खूबसूरत तस्वीरें भी लाये हैं , जो इस मौसम की सुंदरता को और भी बढ़ा देगी। यदि आप अंग्रेजी में भी बारिश पर शायरी पढ़ना चाहते हैं, तो हमें नीचे कमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर बताइयेगा, हम आपके लिए इंग्लिश में भी बारिस शायरी जरूर लाएंगे। यह शायरी न केवल आपको बारिश की याद दिलाएगी, बल्कि आपके दिल में छुपे रोमांटिक और भावुक पलों को भी उजागर करेगी।

हमारी कोशिश है कि हम आपको बेहतरीन शायरी के माध्यम से बारिश के मौसम की खूबसूरती का एहसास कराएं। अगर आपको हमारी ये शायरी पसंद आएं तो अपने दोस्तों और प्रियजनों के साथ शेयर जरूर कीजियेगा। तो चलिए बारिस शायरी इन हिंदी के एक सुहावने सफर पर चलते हैं।

कहीं फिसल न जाओ जरा संभल के चलने का
मौसम बारिश का भी है और मोहब्बत का भी

दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था..!!     

दिल की धरती बंजर है जाने कब से
जाने क्यूँ बरसात अधूरी होती है

ये बादल ये बिजली सिर्फ आपके लिए है,
ये मौसम ये हवा सिर्फ आपके लिए है,
कितने दिन बीते आपको नहाये हुए,
ये बेवक़्त बारिश सिर्फ आपके लिए है…

रिमझिम फुहारों में दिल की बात हो
तेरे साथ बिताए वो हसीन रात हो
हर बूंद में महसूस हो तेरी मौजूदगी
इस बारिश में बस प्यार की बरसात हो !

बारिश का मौसम मुझे इसीलिए भाता है
अंदर और बाहर का मौसम एक सा हो जाता है !!

बारिश की बूंदें गिरे, दिल की धड़कन तेज़ हो गई,
यादों की घटा छायी, दिल का हर कोने महक गयी।

सहमी हुई है झोपड़ी बारिश के ख़ौफ़ से
महलों की आरज़ू है कि तेज़ बरसात हो

सुनी निगाहों में जब तुम समाए हो तो
मौसम का हसीन होना लाज़मी है..!!     

बारिश से ज़्यादा तासीर है तेरी यादों मे
हम अक्सर बंद कमरे मे भी भीग जाते हैं

देखकर भींगता हुआ तुमको
बारिशें ख़ुद ही भीग जाती हैं

आज दिन भर बारिश होने की संभावना है.
कृपया अपने दिमाग वाली जगह को प्लास्टिक से ढक लो,
क्योकि खाली जगहों में पानी जल्दी भरता है

कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है !

किस मुँह से इल्ज़ाम लगाएं बारिश की बौछारों पर
हमने ख़ुद तस्वीर बनाई थी मिट्टी की दीवारों पर !!

कभी भीगते थे संग तेरे हम सावन की रिमझिम बारिश में
आज अकेला ही भीगता हूँ मैं अपने आंसुओं की बारिश में !!

रिमझिम बरसात में, दिल की यादों का गीत गुनगुनाए,
हर बूंद में तेरी यादों का जादू छुपाये।

कच्चे मकान जितने थे बारिश में बह गए
वर्ना जो मेरा दुख था वो दुख उम्र भर का था

बारिश की तरह आती है तुम्हारी याद,
जो मेरे दिल को छू कर दुखा देती हैं..!     

वो बारिश की ही तो पहली याद थी ,
जो तुम्हारा कहा मुझे कुछ सुनाने आयी थी।

तेरी फ़ितरत भी पहली की तरह है
वो बारिश थी तू बिजली की तरह है

भीगे मौसम की भीगीसी शुरुआत..
भीगीसी याद भूली हुई बात..
वो भीगीसी आँखे..
वो भीगा हुआ साथ..
मुबारक हो आपको..
आज की खूबसूरत बरसात…

दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था !

बारिश से ज़्यादा तासीर है तेरी यादों मे
हम अक्सर बंद कमरे मे भी भीग जाते हैं !!

बादल गरजे, बिजली चमके, और बारिश का रक्स शुरू हो,
दिल की हर एक बात, बारिश की आवाज़ बनके डूबा।

बारिश के मौसम में तेरी यादें सब कुछ
भुला देती हैं फिर भी मेरी आँखों
से बहते हुए आँसू नहीं रुकते…    

उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नही…
भीगने वालो को क्या क्या परेशानी हुई…

तन्हा हैं सफ़र में हम खोने से नहीं डरते
जो भीगे हुए हैं वो बारिश से नहीं डरते

क्या मौसम आया है हर तरफ पानी ही पानी लाया है,
एक जादू सा छाया है,
तुम घरसे बहार मत निकलना
वरना लोग कहेंगे बरसात हुई नहीं
और मेंढक निकल आया है..

तेरी यादों की बारिश में भीगते हैं हम
हर बूँद में तेरा अक्स देखते हैं हम
ये मौसम, ये बारिश, तेरी याद दिलाए
हर पल में तुझसे मिलने की चाहत जगाए !

कोई तो बारिश ऐसी हो जो तेरे साथ बरसे
तन्हा तो मेरी ऑंखें हर रोज़ बरसाती है !!

बादलों की चादर ओढ़े, ज़मीन पर बरसात का सिलसिला शुरू हो,
दिल में तेरी यादों का तूफान उठे, और ख्वाब सजने लगे प्यार के।

आज मौसम कितना खुश गंवार हो गया ख़तम सभी का
इंतजार हो गया.. बारिश की बूंदे गिरी कुछ इस तरह से
लगा जैसे आसमां को ज़मीं से प्यार हो गया..!!   

मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ,
मेरे रू को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ !

तुम्हारे साथ बारिश की कोई यादें नहीं फिर भी
कभी जब होती है बारिश क्यों रोना फूट पड़ता है

काश आप जिनको चाहते हो उनसे मुलाकात हो जाये,
ज़ुबान से न सही आँखों से बात हो जाये,
आप का हाथ उनके हाथ में हो,
और रिमझिम सी बरसात हो जाये…

उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं
भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई !

खुद भी रोता है मुझे भी रुला देता है
ये बारिश का मौसम उसकी याद दिला देता है !!

बारिश के रिमझिम में, दिल की बातें कुछ और सी होती हैं,
हर एक बूंद में तेरी यादों की खुशबू छुपी होती है।

बारिश का मौसम मुझे इसीलिए भाता है
अंदर और बाहर का मौसम एक सा हो जाता है..!!   

मत झटका करो गीले बालों से पानी की वो बूंदे,
ये कंबख्त बादल भी बरसने से इनकार कर देते है।

कोई तो बारिश ऐसी हो जो तेरे साथ बरसे
तन्हा तो मेरी आँखें हर रोज़ बरसाती है !

इसी सौदाई में देखो, वो क्या क्या करने लगती है
हुई बारिश तो जो लड़की, पकौड़े तलने लगती है

इस बरसात में हम भीग जायेंगे,
दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे,
अगर दिल करे मिलने को तो याद करना..
बरसात बनकर बरस जायेंगे!

बारिश और मोहब्बत दोनों ही यादगार होते हे
बारिश में जिस्म भीगता हे और मोहब्बत में आँखे !

जब बारिश की बूंदें तुम्हारी यादों के साथ गिरती हैं,
तो दिल में तन्हाई की आहट सी सुनाई देती है…!   

हमारी भी तमन्ना थी किसी को
हमारी याद आती बारिशों में

आसमान में काली घटा छायी है,
आज फिर गर्लफ्रेंड ने 2 बातें सुनाई है,
दिल तो करता है सुधर जाऊं मगर,
बाजूवाली आज फिर भीग के आई है..

खुद भी रोता है मुझे भी रुलादेता है
ये बारिश का मौसम उसकी याद दिला देता है !

ये बारिश का मौसम और तुम्हारी याद
चलो फिर मिलते हैं एक कप चाय के साथ !!

उफ्फ फिर ये बरसात की रात आई है
ख्वाबों में उसकी फिर से याद आई है..!!    

पहले बारिश होती थी तो याद आते थे,
अब याद आते हो तो बारिश होती है

बारिश और मोहब्बत दोनों ही, यादगार होते है
बारिश में जिस्म, भीगता है और मोहबत में आंखे..!!    

बारिश जैसे है फूलों के लिए, वैसे ही मेरे लिए हो तुम।
कि तुम्हारे आने से खिल सी जाती हूँ मै।

ऐसे सहरा से न रिश्ता बन जाए
एक बारिश में जो दरिया बन जाए

बेसन की रोटी, निम्बू का अचार,
दोस्तों की ख़ुशी, अपनों का प्यार,
सावन की रैन, किसी का इंतज़ार,
मुबारक हो आपको, बारिश की बहार,

कोई इस तरह भी वाकिफ हो मेरी जिंदगी से
की मैं बारिश में भी रोऊँ और वो मेरे आँसूं पढ़ ले !

कोई रंग नहीं होता बारिश के पानी में
फिर भी फ़िज़ा को रंगीन बना देता है !!

कभी भीगते थे संग तेरे हम सावन की रिमझिम बारिश में,
आज अकेला ही भीगता हूँ मैं अपने आंसुओं की बारिश में।   

बादल गरजे, ज़मीन से मिलके, प्यार की दस्तक देने आये,
बारिश की बूंदें गिरे, दिल की हर एक धड़कन में तेरा नाम गूंज उठे।

तकलीफ तो होती होगी उन बादलों को,
जिनसे बून्द बिछड़ कर ज़मीन पर आ गिरती है।      

बारिश जैसे है फूलों के लिए, वैसे ही मेरे लिए हो तुम।
कि तुम्हारे आने से खिल सी जाती हूँ मै।

शब बारिश की बूँदें बनकर
कोई तो हम पर बरसा है

आज तो बोहोत खुश हो गए आप?
क्योकि, बारिश जो हो रही है,
और बारिश मैं तो, सभी मेंडक खुश होते हैं…..
हैप्पी मानसून 

मुझे ऐसा ही जिन्दगी का हर एक पल चाहिए
प्यार से भरी बारिश और संग तुम चाहिए !

मासूम मोहब्बत का बस इतना फसाना है
कागज़ की हवेली है बारिश का ज़माना है !!

बारिश का पहला कतरा, दिल की हर एक दास्तान सुनाए,
प्यार भरी यादों का सिलसिला, बारिश के साथ बह जाये।

तेरा इश्क़ मेरे जीवन में आंधी सी आई,
आंसू बूंदें बन कर सैलाब बनी और सब बहा कर ले गई।    

उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं
भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई

जिसमें तुम सब भीग रहे थे बारिश अच्छी बतलाकर
आँखों के आँसू थे सब वो कोई बरसात नहीं थी

साथ तुम होते अगर तो बारिशों में भीगते
यानी हम तुम मौसमों की साजिशों में भीगते

न जाने क्यू अभी आपकी याद आ गयी,
मौसम क्या बदला बरसात भी आ गयी,
मैंने छुकर देखा बूंदों को तो,
हर बूंद में आपकी तस्वीर नज़र आ गयी…

बारिश की बूंदें जब जमीं पे गिरें
हर बूँद में सजें, सपनों के घिरे
इस मौसम की मिठास, दिल को भाए
हर धड़कन में नई उमंग जगाए !

ज़रा ठहरो, बारिश थम जाए तो फिर चले जाना
किसी का तुझको छू लेना मुझे अच्छा नहीं लगता !!

बारिश की हर एक बूंद, दिल की हर एक ख्वाहिश को पुकारे,
यादों का समुंदर भर दे, और प्यार की कहानी सुना दे।

उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नही…
भीगने वालो को क्या क्या परेशानी हुई…

कितना अधूरा लगता है तब,
जब बादल हो पर बारिश ना हो,
जब जिंदगी हो पर प्यार ना हो,
जब आँखे हो पर ख्वाब ना हो,
और जब कोई अपना हो पर साथ ना हो…

बारिश से ज़्यादा तासीर है तेरी यादों मे
हम अक्सर बंद कमरे मे भी भीग जाते हैं !

आज मौसम कितना खुशगवार हो गया
ख़तम सभी का इंतजार हो गया
बारिश की बूंदे गिरी कुछ इस तरह से
लगा जैसे आसमां को ज़मीं से प्यार हो गया !

भीगा रही है बारिशें इश्क़ में मुझे
ये मौसम दुआओं सा कहीं बदल न जाए !!

बारिश की रिमझिम में, दिल की धड़कनें ताल देने लगती हैं,
तेरी यादों का सावन, दिल में गहराइयाँ तक बह जाता है।

शान्त बैठा था खुले आसमान के नीचे तभी बारिश होने लगी,
मैं समझ गया मेरे दर्द को सुनकर येबादल भी रोने लगा।   

सारे इत्रों की खुशबू आज मन्द पड़ गयी,
मिट्टी में बारिश की बूंदे जो चंद पड़ गयी।

बहुत दिनों से थी ये आसमान की साजिश,
आज पुरी हुई उनकी ख्वाहिश,
भीग लो अपनों को याद कर के,
मुबारक हो आपको साल की ये पहली बारिश…

बारिश और “मोहब्बत” दोनों ही यादगार होते हे
बारिश में जिस्म भीगता हैं और मोहब्बत में आँखे !       

तमाम रात नहाया था शहर बारिश में
वो रंग उतर ही गए जो उतरने वाले थे !

बादल गरजे, ज़मीन से मिलके, प्यार की कहानी शुरू हो,
बारिश की हर एक बूँद, दिल की हर एक बात कह जाये।

ये बारिश का मौसम और तुम्हारी याद
चलो फिर मिलते हैं एक कप  चाय के साथ ! 

मेरे दिल की जमीन बरसों से बंजर पडी है
मै तो आज भी बारिश का इन्तेजार कर रहा हूँ

मौसम भी है सुहाना, बारिश भी हो रही है,
बस एक कमी है जाना, तेरी याद आ रही है,
रिम जिम बरसती बारिश, टीम टीम टपकता पानी,
ये शोर कह रहा है, बस एक कमी है जाना,
तेरी याद आ रही है, तेरी याद आ रही है…

किस मुँह से इल्ज़ाम लगाएं बारिश की बौछारों पर
हमने ख़ुद तस्वीर बनाई थी मिट्टी की दीवारों पर !

सुनी निगाहों में जब तुम समाए हो तो
मौसम का हसीन होना लाज़मी है !

कोई इस तरह भी वाकिफ हो मेरी जिंदगी से
की मैं बारिश में भी रोऊँ और वो मेरे आँसूं पढ़ ले !!

कहीं फिसल न जाऊं तेरे खयालों में चलते चलते
अपनी यादों को रोको मेरे शेहेर में बारिश हो रही है

कही फिसल ना जाओ,ज़रा संभल के रहना
मौसम बारिश का भी है और मोहब्बत का भी है

सांस बन कर तुम मेरे दिल में समा जाते हो
जब भी तुम्हे याद करता हूं बरसात बन के आ जाते हो !

हवा भी रूक जाती है कहने को कुछ तराने
बारिश की बूंदे भी उसे छूने को करती है बहाने !!

ये रात क्यों गुजरती नहीं, अब ये तेरी याद मुझे क्यों सताती नहीं,
और ऊपर से ये बरसात क्यों जाती नहीं।  

हम भीगते हैं जिस तरह से तेरी यादों में डूबकर
इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे ख्यालों जैसी

अब के सावन मे पानी बरसा बहुत,
पानी की हर बूँद मे वह आये याद बहुत,
इस सुहाने मौसम मे साथ नही था कोई,
बादलों के साथ इन आँखों से पानी बहा बहुत…

बूँदों की सरगम, हवाओं का गीत
बारिश में खो जाए दिल की हर प्रीत
हर बूंद कहे एक नई कहानी
बारिश में बिखरे, दिल की रवानी !

जब भी होगी पहली बारिश तुमको सामने पाएंगे
वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम देख तो पाएंगे !!

सांस बन कर तुम मेरे दिल में समा जाते हो
जब भी तुम्हे याद करता हूं बरसात बन के आ जाते हो !!

जैसे-जैसे यह बारिश का मौसम आ रहा है,
वैसे-वैसे हम तेरे दीवाने होते जा रहे हैं।

गुजारिश करता हूं कि उससे अकेले में मुलाकात हो,
ख्वाहिश ए दिल है जब भी हो बरसात हो !

कितने अजब रंग समेटे है ये बे-मौसम बारिश खुद में
अमीर पकौड़े खाने की सोच रहा है तो किसान जहर।

भीगा रही है बारिशें इश्क़ में मुझे
ये मौसम दुआओं सा कहीं बदल न जाए !

मुझे ऐसा ही ज़िन्दगी का एक पल चाहिए
प्यार से भरी बारिश और संग तू चाहिए !!

कौन है वह, कैसा है, यह नहीं पता, पर जो भी है,
इस बारिश की तरह है, पूरे माहौल को खुशनुमा कर जाता है।

कहीं फिसल न जाओ जरा संभल के चलना
मौसम बारिस का भी है और मोहब्बत का भी

मैं वो सहरा जिसे पानी की हवस ले डूबी
तू वो बादल जो कभी टूट के बरसा ही नहीं !

गुजारिश करता हूं कि उससे अकेले में मुलाकात हो
ख्वाहिश ए दिल है जब भी हो बरसात हो !!

शान्त बैठा था खुले आसमान के नीचे तभी बारिश होने लगी,
मैं समझ गया मेरे दर्द को सुनकर येबादल भी रोने लगा।

पता था मुझे बारिश होंगी,
बादलो को दुख जो सुनाया था मैंने।

जब बारिश की बूंदें तुम्हारी यादों के साथ गिरती हैं
तो दिल में तन्हाई की आहट सी सुनाई देती है !

अब बारिश में तेरे संग नहाना है
सपना ये मेरा कितना सुहाना है
बारिश की बूंदे जो गिरे तेरे होठो पे
उन्हें अपने होठो से उठाना है !!

कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है !!

तेरा जुनून भी क्या गजब का है, हर बार आती है
और बारिश की तरह मुझे बहाले जाती है।

हवा भी रूक जाती है कहने को कुछ तराने
बारिश की बूंदे भी उसे छूने को करती है बहाने !

टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख कर
वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए !

तेरे प्रेम की बारिश हो मैं जलमग्न हो जाऊं
तुम घटा बन के चली आओ मैं बादल बन जाऊं !!

कभी जी भर के बरसना,
कभी बूंद बूंद के लिए तरसना,
ये बारिश तेरी आदते मेरे यार जैसी क्यों है    

किया न करो मुझसे इश्क़ की बाते 
बिन बारिश के ही भीग जाती हैं राते !

बारिश का मौसम मुझे इसीलिए भाता है
अंदर और बाहर का मौसम एक सा हो जाता है !

उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं
भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई !!

बारिश और प्यार दोनों ही यादगार होते हे
बारिश में जिस्म भीगता हैं और प्यार में आँखे

ये बारिश का मौसम भी फीका सा लगता है
तुम बिन ये सावन भी अधूरा सा लगता है !

बाहर आकर देखिए बारिश का नजारा
हवा है ठंडी और मौसम भी है प्यारा !!

तपिश और बढ़ गई इन चंद बूंदों के बाद
काले सियाह बादलो ने भी बस यूँ ही बहलाया मुझे   

कभी भीगते थे संग तेरे हम सावन की रिमझिम बारिश में
आज अकेला ही भीगता हूँ मैं अपने आंसुओं की बारिश में !

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