Ignore Shayari In Hindi : कभी-कभी जिंदगी में ऐसे हालात आ जाते हैं जब आपका कोई करीबी या आपके साथ हमेशा रहने वाला व्यक्ति अचानक आपको नज़रअंदाज़ करना शुरू कर देता है। ऐसे समय में आप सोच में पड़ जाते हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ, किस वजह से वो व्यक्ति आपको अनदेखा कर रहा है। इस तरह की स्थिति आपके लिए बेहद कष्टदायक होती है, क्योंकि जिस व्यक्ति के साथ आपने इतनी अच्छी यादें बांटी हों, जब वही आपको इग्नोर करने लगे, तो दिल में दर्द होना स्वाभाविक है।
अगर आप भी ऐसी परिस्थिति का सामना कर रहे हैं, तो आपके दर्द को समझते हुए हमने आपके लिए कुछ खास Ignore Shayari In Hindi और इमेजेस तैयार किए हैं। ये शायरी और इमेजेस आपको इस स्थिति में अपने दिल की बात दूसरों तक पहुंचाने में मदद करेंगी। आप इन्हें सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं और सीधे उस व्यक्ति को भेज सकते हैं जो आपको नज़रअंदाज़ कर रहा है, ताकि वो आपकी भावनाओं को समझ सके।
ये शायरी न सिर्फ आपके दिल की बात कहने का एक जरिया हैं, बल्कि आपको इस कठिन समय में थोड़ी राहत और साहस भी देंगी। जब आप इन्हें पढ़ेंगे या किसी के साथ शेयर करेंगे, तो ये आपके दर्द को थोड़ी कम जरूर कर देगी और शायद उस व्यक्ति को भी ये एहसास हो जायेगा कि आपके जीवन में उसकी कितनी अहमियत है।
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मैंने भी बदल दिए हैं रास्ते मेरी मंजिल के,
जहां तू मिले वो गली छोड़ दी हमने।
नज़र अंदाज़ करने का भी अपना ही मज़ा है,
लोग बेवजह नहीं समझते, इशारे हज़ार करते हैं।
मैं कैसा हूँ ये कोई नहीँ जानता,
मै कैसा नहीँ हूँ ये शहर का हर शख्स बता सकता है।
ऐसा नहीं है की मैं अब उन्हें और नहीं चाहता,
उनका मुझे यूँ अनदेखा करना हम से और देखा नहीं जाता।
“अगर आप सोचते हो कि कोई रूठे ना तुमसे
तो हमेशा मेहनत करो और अपना काम करो”
चाहता था जिनकी चाहत में तड़पना,
वो समझे नहीं, मेरी खामोशियों का अलापना।
अब यूँ ना जा मेरे मोहब्बत को अनदेखा कर, मेरी जबान झूठी लग रही है
तो कम से कम एक दफा तो इन सच्ची आँखों में देखा कर।
“मेरी कदर ना थी उनके दिलो मे
वो अपना दिल किसी दूसरे से लगाये बैठे है”
मेरी खुशियों का कारवां तेरी अनदेखी से रुक सा गया,
जिन्हें चाहा था दिल से, उन्होंने ही पलट कर नहीं देखा।
अब उठाएंगे हम तेरे नखरे भरे बाजार में,
भूषा बेच दिए हैं आज साढ़े छः हजार में।
ऐसा नहीं है हमने पहले नहीं देखा उन्हें यूँ धोका देते,
पर मोहब्बत ने उसे अनदेखा कर कहा चल छोड़ एक और मौका देदे।
तन्हाई में अक्सर तेरी मेहफिल सजा करते हैं,
तेरी बेरुख़ी से भी दिल को बहला करते हैं।
तुम गुजर जाओ करीब से,
वो भी मुलाकात से कम नहीं है।
ज़िन्दगी जीने का कुछ यूँ अंदाज़ कीजिए,
जिनकी नज़र में खटकते हैं आप ऐसे लोगों को नज़रअंदाज़ कीजिए।
“तेरी बेरुखी से बेचैन हुये हम
ना जाने कब कहां खोये हम”
हर रोज़ गुजरते हैं वो मेरी गली से,
नजरअंदाज करने का उनका तरीका निराली से।
हम मर्द है हमारी हस्ती का इतना तो रौब हो,
गुजरे जिस औरत के पास से तो वो बे खौफ हो।
ख्वाइश थी की वो मुझे याद करे मेरी,
तरह ख्वाइश थी ख्वाइश ही रह गई।
हमे ज़ख्म देकर उसने हम से हमारा हालचाल पूछा,
दिल ने दिल से कहा वाह जनाब क्या सवाल पूछा।
“तुझी से सीखा था जीने का सलीका
वरना लोग तो हमे कब का भुलाये बैठे है”
वो मेरे हाल पे रोज़ खामोश गुज़र जाते हैं,
जैसे मेरी ख़ुशी उनके लिए कोई बात न हो,
बस यूँ ही नज़रअंदाज कर जाते हैं।
किसी दिन हाथ धो बैठोगे हम से,
तुम्हें चस्का बहुत है बे-रुखी का।
जो आपकी खूबियां छोड़ आपकी कमियों पर गौर करें,
बेहतर यही होगा की आप उन्हें Ignore करें।
“जब भी निकलते है मेरी गली से वो
ना इधर देखते, उन्हे देख रोते है हम”
दिल से खेलना तो उनकी आदत बन गई है,
इग्नोर करना उनका शौक, हमारी मोहब्बत तन्हाई बन गई है।
“मै बेवफा नही था कभी तेरे लिए ना जाने
क्यो मुझे इगनोर करते हो तुम”
वो मेरी मोहब्बत को तरसे बिना नहीं रह सकते,
फिर भी इग्नोर करने का दिखावा करते हैं बड़े शौक से।
जब ज़िन्दगी में मुसीबतों के मुकाम आते हैं,
अपने उस वक़्त औरो से ज्यादा काम आ जाते हैं।
“दिल तोडना तो उनकी आदत सी हो गई है
आज हमे देखा तो अनदेखा करके चले गये वो”
मैंने तो खुद को तेरे हवाले किया था,
तूने मुझे इग्नोर किया जैसे मैं कोई सवाले दिया था।
देखा है सब ने मुझे गहरे गम में चूर होते हुए,
मदद न मांग लूँ इस वजह से कोई मेरा हाल नहीं पूछता।
“हाले दिल बयां कैसे करे हम
जिनके अपना समझते थे
वो बेगाना कर गये हमे”
इग्नोर करके हमें वो दिखाते हैं अपनी अहमियत,
अनजान बनके हर रोज़ तोड़ते हैं दिल की खुद्दारियत।
खुश नसीब होते है जिस पर हमारा दिल आता है,
नही तो मुद्दतो गुजर जाती है हमे खयाल नही आता है।
ये हवस की मोहब्बतें है साहब
यहाँ सच्चे दिल को नज़रअंदाज़ कर झूठे चेहरे को प्यार मिलता है।
“अकेले रहने की आदत डालो
दुनिया नसीहत देती है साथ नही”
दिल की बातें दिल में ही रह गईं,
उनकी नज़रों में हम हमेशा अनदेखे रह गए।
हम हंसने की आरजू में फिरते रहे दरबदर,
हाल खुद का देखा तो खुद पर हंसी आ गई।
हमे गम दे कर वो हम से नाराज़ हो गए,
हम भी खुदको भुला कर उनसे माफ़ी मांगने लगे।
किसी को इतना भी अनदेखा मत करो की
उसे तेरे परछाई भर से नफरत हो जाए।
चाहत की महफिल सजाई थी, इश्क़ फरमाना था,
वो इग्नोर कर गए हमें, जैसे कोई पहचाना न हो।
“अंधेरी रात थी याद किये उनको
पर वो मुझे अनदेखा करते रहे”
ख्वाबों में भी वो मेरा हाथ छोड़ देते हैं,
हकीकत में तो इग्नोर करना उनकी फितरत में शुमार है।
तू मेरे साथ होगा तो क्या कहेगा जमाना,
मेरी यही एक तमन्ना और तेरा यही एक बहाना।
हँसी आती है मुझे अपनी नादानियों पर,
जो समझा था उन्हें दोस्त, वो तो अजनबी निकले,
इग्नोर करके मुझे, वो मुझे दर्द का एहसास दिलाते रहे।
दिल की हर बात कहने से कतराते है,
हम लड़के भी कभी कभी शरमाते है।
तेरा मुझे नज़रअंदाज़ करने से कुछ नहीं बदला,
देख बादल भी वही है ये रात भी वही हैं और चाँद भी वही है।
कहा अब वो पहले जैसी यारियां है,
सब के सर पर सिर्फ जिमेदारिया है।
नहीं चाहते तो बताया भी करो,
यूँ नजर अंदाज़ कर हमे ऐसे सताया मत करो।
“दिल की बाते बोल नही पाये
वो हमे अनदेखा करने के सिवा
कुछ सोच नही पाये”
दोस्ती का रिश्ता भी अजीब होता है,
पास होकर भी कोई दूर होता है,
इग्नोर करने की उनकी आदत ने,
सोचा था साथ चलेंगे, पर राह अलग होता है।
मैने रंग दिया है हर पन्ना तेरी यादों से,
मेरी डायरियों से पूछ इश्क़ किसे कहते हैं।
“जब आये वो सामने अनदेखा कर दिये हमे
मेरी बातो को अनसुना कर गये वो
सोचा था चाहत मे लाने के लिए उन्हे
वो समझे नही मुझे इगनोर कर गये हमे”
दोस्त बनाकर भूल गए, दोस्ती निभाने का तरीका,
इग्नोर करना उनका मुझे, बन गया रोज का सिलसिला।
देखने के लिए पूरी कायनात भी कम है,
चाहने के लिए सिर्फ एक चेहरा भी बहुत है।
जिनका हमे देखे बिना दिन नहीं होता था,
आज हमे रास्ते में सरेआम अनदेखा कर रहे हैं ।
कभी जो थे मेरे सबसे करीब,
आज उनकी बेरुखी में मेरा दिल घायल है,
कैसे बताऊं उन्हें कि उनका इग्नोर करना,
मेरे लिए कितना पैनफुल है।
सच्चे रिश्ते कुछ नहीं मांगते,
सिवाय वक्त ओर इज्जत।
सियासत बहुत बुरी चीज है यहां कोई किसी का नही है,
बाते सबकी बड़ी-बड़ी है आदमी काम का कोई नही।
ये जो अकड़ है तुम्हारी हमे अनदेखा करने की,
ये तब कहाँ चली जाती है जब तुम्हे मेरी ज़रुरत पड़ती है।
“ख्वाहिस थी अपना बनाने की उन्हे
सारे मंजर खिलाफ हो गये
एक पल भी ना देखा मुझे
ना देखकर अनजाना कर गये हमे”
सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम,
कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं।
एक बात समझ लो अगर इस दुनिया में जीना है तो,
तुम तब तक ही ज़रूरी हो जब तक उन्हें तुम्हारी ज़रुरत है।
“दुख होता है अपनी पसंद पर
जिन्हे अपना समझा था वर्षो से
आज वो हमे अकेले छोडकर चल दिये”
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मेरी जान मै ये नही कहता के मुझसे वफा कीजिए,
आइए हमसे से दिल लगाइए और तबाह कीजिए।
कुछ यूँ बदला है की पहले मुझे देखे बिना तुम्हारी सुबह नहीं होती थी,
और अब कई रातें बीत जाती हैं पर तुम मुझे देखने नहीं आती।
“अपना बनाकर भूल गये अपनेपन का
इग्नोर करना उनका बन गया रोज का तरीका
कभी रहते थे मेरे दिल के बहुत करीब
आज भूल गये मेरे साथ रहने का वो तरीका”
मजबूरी की दीमक लग गयी अब मेरी किताबों में,
मेरे हिस्से का इल्म अब यतीम हुआ जा रहा है।
ना जाने क्यों वो अब हमें इतना नजरअंदाज करने लगे हैं,
लगता हैं शायद वो अब किसी और से प्यार करने लगे हैं।
चुपचाप चल रहे थे जिंदगी के सफर में,
तुम पर नजर पड़ी और गुमराह हो गए।
जानता हूँ मैं की मुझसे गलती हुई है,
पर मुझे इस तरह नजरअंदाज कर इतनी बड़ी सजा तो मत दे।
आज के जमाने में लोग ना जाने ऐसा क्यों करते है,
किसी शक्श से मतलब पूरा होते ही वह फिर उसे नजरअंदाज करते है।
तुम्हें टालकर तेरे इश्क को दिल से निकाल कर,
हम मुस्कुराते हैं मेरी जाॅं हंसी हवा में उछालकर।
जिस सक्श के दिल में सिर्फ मतलब पूरा करने की भावना हो,
उस इंसान को तुम हमेशा नजर अंदाज़ करो।
जिन्दगी आसान नही होती है इसे आसान बनाना पड़ता है,
कुछ को नजरअंदाज करके कुछ को बर्दास्त करके।
तुम्हारी याद ऐसे महफूज है मेरे दिल मे,
जैसे किसी गरीब ने रकम रखी हो तिजोरी मे।
मेरा दिल उस दिन सबसे ज्यादा रोया था
जिस दिन तूने इसे बड़ी शिद्दत से नजरअंदाज किया था।
बड़े-बड़े आशिकों की डूब जाती है नैया,
जब लड़की बोलती है थैंक्यू भैया।
दिल ही दिल में आज भी वो मुझसे इश्क करता है,
गैरों के कहने पर वो मुझे नजरअंदाज करता है।
एक बार मोहब्बत की थी,
उसके बाद सौ बार तौबा किया।
जिसने सच्चे मोहब्बत को इग्नोर कर दिया,
उसने अपने दामन में सिर्फ दर्द भर लिया।
नज़रे मिली और नज़रे झुकी,
इतनी सी बात और हम बर्बाद।
तुम क्या समझोगी कितनी सिद्दत से मैंने मोहब्बत की,
नजरअंदाज करके जिंदगी भर के लिए गम की सजा दी।
इसलिए करते है कम जिक्र तुम्हारा,
कही तुम खास से आम ना हो जाओ।
दरिया जज्बातों का उमड़ता तो बहुत है,
पर भावनाओं में आजकल बहता कोन है।
इग्नोर करके वो हमारा दिल दुखाते हैं,
सामने से दिल पर खंजर क्यों नहीं मारते
में कतरा कतरा फना हुआ में जर्रा जर्रा बिखर गया,
ए जिंदगी तुझसे मिलते मिलते मे अपने आप से बिछड़ गया।
मेरे अंदर एक बहुत खास खूबी हैं जो लोग मेरे लायक नहीं होते
उन्हें में हमेशा नजरअंदाज करना ही बेहतर समझता हूँ।
इश्क कोई घाव नही जो भर जाएगा रिवाज है साहब,
हीर के बगैर रांझा तो मर ही जायेगा।
राह की धूप बड़ी काम आई,
छांव होती तो सो गए होते।
मेरे एहसासों को में भी अल्फाज देना चाहता हूं,
में दिल से काम लेता हु बस यही हार जाता हूं।
किसी को इतना इग्नोर न करो,
की वो तुम्हें मानाने के बजाये
तुम्हारे बिना रहना सीख ले.
ऐसे मेरे ग़मों में अकेला हूं मैं,
वैसे मेरी कहानी में सौ आदमी हैं।
हम जिनसे प्यार करते है
उनका “गुस्सा” और “नाराज़गी”
देखा जा सकता है लेकिन इग्नोरेंस नहीं..
रेत हो कर भी हमे इश्क हुआ समंदर से,
उपर तो सिमटे रहे बस बिखर गए अंदर से।
बहुत नजर अंदाज करने लगे हो अब तुम,
लगता हैं कोई नया आ गया हैं ज़िन्दगी में.
लोग तो मुझे मेरी खूबियां गिनाते हैं
फिर क्यों मेरे यार को मुझमें सिर्फ़ कमियां ही नज़र आती हैं।
सुना है उसने भी मुझे पाने की दुआ मांगी है इस तरह,
ए खुदा वो मेरा हो जाए में उसकी हु जिस तरह।
किसी पर इतना गौर ना करो ..
की वो आपको इग्नोर करने लगे ..
उसकी यादें हर पहर नज़र रखने लगी है ऐसे,
चांदनी रात में चकोर का संग हो जैसे।
तुम अपने प्यार का गुल्लक यूँ ही खुला रखना,
मैं अपनी मोहब्बत का सिक्का डालता रहूँगा।
मुझे नही मतलब कौन किसके साथ कैसा है ,
जो मेरे साथ अच्छा है वो मेरे लिए अच्छा है।
इश्क़ के समंदर में उनसे गहरा उतरा नहीं जाता,
वो दिल तक आ जाते हैं उनसे ठहरा नहीं जाता।
सब्र कर जरा ए दिल ख़ुशी का पहर भी आएगा,
ढूँढ़ता रहा तू जिसको उसका शहर भी आएगा।
वो किताब लुटाने का बहाना तो लाखो में था,
लोग ढूंढते रहे सबूत पैगाम तो आंखो में था।
खामोशियां कभी बेवजह नहीं होती,
कुछ दर्द ऐसे भी होते है जो आवाज़ छीन लेती है।
“अगर आप सोचते हो कि कोई रूठे ना तुमसे
तो हमेशा मेहनत करो और अपना काम करो”
हवा से उल्टा चलेंगे हरदम नदी की धारा नहीं बनेंगे,
अगर बने तो बनेंगे सागर मगर किनारा नहीं बनेंगे।
“उन्हे क्या पता हम क्या थे उनके लिए
तभी तो वो मुझसे अलग – अलग रहते है”
जैसे कदम महफिलों मैं बढ़ाती जाओगी,
दूरियां अपने रिश्तों मैं खुद लाती जाओगी।
“तुझी से सीखा था जीने का सलीका
वरना लोग तो हमे कब का भुलाये बैठे है”
जब इकरार ए मोहब्बत आंखो से बयान होता है,
तब जुबान बेजुबान और दिल बेकाबू होता है
“हाले दिल बयां कैसे करे हम
जिनके अपना समझते थे
वो बेगाना कर गये हमे”
तुझे पाने की कोशिश मे इतना कुछ खो चुका हूँ मैं,
कि तू अगर मिल भी जाए तो अब मिलने का भी ग़म होगा।
“इगनोर ना करो मुझे कोई मुझसा ना मिलेगा तुम्हे
भीड तो रहेगी तुम्हारे जीवन मे पर मै ना मिलुंगा तुम्हे”
कहा अब वो पहले जैसी यारियां है,
सब के सर पर सिर्फ जिमेदारिया है।
“हम दर दर की ठोकरे खाते रहे तुम्हारे लिए
पलट कर ना देखा कि कहां जाते रहे हम”
खामोशी से सीख लिया मैंने खुद खामोश रहना
लफ्जो से भर आते हैं अक्सर खुद के मेरे नैना
सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम,
कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं।
“अकेले रहने की आदत डालो
दुनिया नसीहत देती है साथ नही”
उनके मुताबिक तो हम अच्छे थे,
अपने मुताबिक हुए तो तोहमते मिल रही है।