Best 175+ Chahat Shayari In Hindi [2024] | बेपनाह चाहत शायरी 2 Line | चाहत शायरी इन हिंदी

Chahat Shayari In Hindi : दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हम लेकर आए हैं कुछ बेहद खूबसूरत चाहत शायरी। अगर आप किसी को अपने दिल की गहराइयों से प्यार करते हैं, तो ये शायरी आपके भावनाओं को बेहतर तरीके से व्यक्त करने में मदद करेगी। जब हम किसी से प्यार करने लगते हैं, तो यह समझ पाना बहुत मुश्किल होती हैं की हमारी चाहत कब गहरी हो जाए , कई बार हमारी चाहत का अंदाजा खुद हमें भी नहीं होता।

इसीलिए, हम आपके लिए लाए हैं बेहतरीन चाहत शायरी और चाहत शायरी की इमेजेज़, जिन्हें आप अपने दोस्तों या फिर अपने खास व्यक्ति, जैसे कि आपकी गर्लफ्रेंड, को भेज सकते हैं। ये शायरी आपके दिल की गहराइयों को शब्दों में पिरोकर, आपके प्रेमी या प्रेमिका को आपकी भावनाएं समझाने का काम करेगा।

तो इस पोस्ट में दिए गए चाहत शायरी और इमेजेज़ को देखें और अपनी भावनाओं को शब्दों में ढालें। हमें उम्मीद है कि ये शायरी आपके दिल की बात को खूबसूरती से व्यक्त करेगी और आपके प्यार को एक नई ऊँचाई पर ले जाएगी।

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Chahat Shayari In Hindi

उनकी चाहत में हम कुछ यूँ बँधे है
वो साथ भी नही और हम अकेले भी नही

अब हिचकियाँ आती हैं तो पानी पी लेते हैं,
ये वहम छोड़ दिया है कि कोई याद करता है..

चाहत से फतेह कर लो नजरों से करम फरमाओ
इश्क़ इबादत है मेरी हर दुआ में तुम नज़र आओ

कैसी गहराई है तेरी चाहत में और मेरी मोहब्बत में
न डूबा हूँ अब तक, न सतह की कोई उम्मीद नज़र आती है

अगर मेरी बात बुरी लगी हो तो,
अपनी दुआ में मेरे लिए खुदा से मौत मांग लेना..!!

अगर तुम समझ पाते मेरी चाहत की
इन्तहा तो हम तुमसे नही तुम हमसे मोहब्बत करते.

एक चाहत होती है जनाब अपनों के साथ जीने की 
वरना पता तो हमें भी है कि ऊपर अकेले ही जाना है।

तेरी चाहत मे हम जमाना भूल गये
किसी और को हम अपनाना भूल गये
तूम से मोहब्बत हे साारे जहान को बताया
बस एक तूझे ही बताना भूल गये

हर दर्द का इलाज नहीं दवाखाने में,
कुछ दर्द चले जाते है, दोस्तो के साथ मुस्कुराने में.

मेरी चाहत देखनी है तो, मेरे दिल पर अपना दिल रखकर देख।
तेरी धडकने न बढ़ जाये दिलबर, तो मेरी महोब्बत ठुकरा देना।

हर पल उस से मिलने की चाहत क्यों होती है, 
हर पल उसकी ज़रूरत क्यों होती है, 
जिसे हम पा नहीं सकते, 
खुदा जाने उसी से मोहब्बत क्यों होती है.

मज़ा आ जाए गर हो जाए इतना अबकी बारिश में
हमारी चाहत के आँसू तुम्हारी छत पे जा बरसे

मुझे परखना हो तो मेरे पास चले आना
ये यहाँ वहाँ की खबरें तुम्हें गुमराह कर देंगी

उनकी चाहत में हम कुछ यूँ बंधे हैं 
कि वो साथ भी नहीं और हम अकेले भी नहीं

अपनी चाहत का यूं पता देना 
जब सामना हो तो मुस्कुरा देना 

ढूढने चला था एक शख्स की चाहत
खुद को भी खो दिया उसकी मोहब्बत मे

उनकी चाहत में हम कुछ यूँ बंधे हैं 
कि वो साथ भी नहीं 
और हम अकेले भी नहीं

बहुत गुमनाम से है चाहत के रास्ते
तू भी लापता, मैं भी लापता

मेरी भी एक चाहत थी, मरते दम तक तेरे साथ चलने
की, वरना मोहब्बत तो किसी-से भी हो सकती है

चिरागों से अगर अँधेरा दूर होता
तो चांदनी की चाहत क्यूँ होती
कट सकती अगर ये ज़िन्दगी अकेले
तो साथी की जरूरत ही क्यूँ होती

इश्क़ का जहर भी पिया जाए और मौत भी
ना आए, ऐसी चाहत हो तो कोई इश्क़ कर लो हमसे

वादे वफ़ा के और चाहत जिस्म की
अगर ये मोहब्बत है तो फिर हवस किसे कहते है

इतनी चाहत के बाद भी तुझे एहसास ना हुआ।
जरा देख तो ले दिल की जगह पत्थर तो नहीं।

चाहत वो नहीं जो जान देती है
चाहत वो नहीं जो मुस्कान देती है
ऐ दोस्त चाहत तो वो है
जो पानी में गिरा आंसू पहचान लेती हैं

सिलसिला ये चाहत का दोनो तरफ से था
वो मेरी जान चाहती थी और मैं जान से ज्यादा उसे

इंसान की चाहत है, उसे उड़ने के लिए पर मिले
और परिंदे सोचते है उन्हें रहने के लिए घर मिले

जनाब ये इश्क मेरा उसे रास ना हुआ
उड़ाया था मजाक जिसने मेरा
उसे ही मेरी चाहत का एहसास ना हुआ.!!

तेरी चाहत के सिवा अब ना कोई आरज़ू रही
तू रहा, तेरी ख़्वाहिश रही और बस तेरी आशिकी रही

तुझे पाने की उम्मीद नहीं फिर भी इंतज़ार है।
चाहत अधूरी ही सही पर तेरे लिए बेशुमार है।।

हर कोई पाने की ज़िद में हैं
शायद मुझे कोई आज़माने की ज़िद में है
जिसकी चाहत है मुझे बेइंतेहा
वो मुझे भूल जाने की ज़िद में है

तेरी चाहत मेरे संग अगर पूरी नही
तो मेरी चाहत भी तेरे बिना अधूरी नही..!

तुम्हारे शहर का मौसम 
बड़ा सुहाना लगे 
मैं एक शाम चुरा लूँ 
अगर बुरा न लगे..!!

कई बार ये सोच के दिल मेरा रो देता है
कि तुझे पाने की चाहत में मैंने खुद को भी खो दिया

चाहते होती है जहां
दिल मिल ही जाते है वहां
ये तो प्यार के फूल है जो
पत्थर पर भी खिल जाते है..!

इश्क दो जिंदगी का अफसाना हैं !
इश्क का अपना ही एक तराना हैं !
पता हैं सब को मिलेंगे सिर्फ आंसू पर
न जाने दुनियाँ में हर कोई क्यूँ इश्क का ही दीवाना हैं !!

अगर दुनिया में जीने की चाहत ना होती
तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती
लोग मरने की आरज़ू ना करते
अगर मोहब्बत में बेवाफ़ाई ना होती

कैसी गहराई है तेरी चाहत में और मेरी
मोहब्बत में न डूबा हूँ अब तक न सतह
की कोई उम्मीद नज़र आती है !

अपनी जुबान से किसी की बुराई मत करो !
क्योंकि बुराईयाँ तुममें भी हैं और ज़ुबान दूसरों के पास भी है !!

मैं कुछ लिखू और तेरा ज़िक्र न हो
वो तो मेरी चाहत की तौहीन होगी

बिन बात के ही रूठने की आदत है
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है
आप खुश रहें मेरा क्या है मैं तो आइना हूँ
मुझे तो टूटने की आदत है।

तड़प के देखो किसी की चाहत में !
तो पता चले कि इंतज़ार क्या होता है !
यूँ ही मिल जाये अगर कोई बिना तड़पे !
तो कैसे पता चले के प्यार क्या होता है !!

वो छा गये है कोहरे की तरह मेरे चारो तरफ
न कोई दूसरा दिखता है ना देखने की चाहत है

हमारे बाद नहीं आएगा तुम्हें चाहत का
ऐसा मज़ा तुम लोगों से कहते फ़िरोगे
मुझे चाहो उस की तरह !

कब उनकी पलकों से इज़हार होगा !
दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा !
गुज़र रही है रात उनको यादो में !
कभी उनको भी हमारा इंतज़ार होगा !!

चाहत के ये कैसे अफ़साने हुए
खुद नज़रों में अपनी बेगाने हुए
अब दुनिया की नहीं कोई परवाह हमें
इश्क़ में तेरे इस कदर दीवाने हुए

आप जिस पर आंख बन्द कर के भरोसा करते है !
अक्सर वही आप की आंखे खोल जाता है !!

तेरी चाहत तो मुक़द्दर है, मिले न मिले
राहत ज़रूर मिल जाती है, तुझे अपना सोच कर

एक ख्वाब एक ख़याल एक हकीक़त है तू,
जिंदगी में पाने वाली हर ज़रूरत है तू,
जिसको रोज़ प्यार करने का दिल करे,
अरे यार वही प्यारी सी चाहत है तू…!!

आधे दुःख गलत लोगो से उम्मीद रखने से होते है !
और बाकी आधे सच्चे लोगो पे शक करने से होते है !!

अनजाने में तुझसे मुलाकात सी हो गयी
दोस्ती करने चले थे और तुझसे चाहत सी हो गयी
अपने वजूद में तुझे तलाश करते है
हमे तुमसे मोहब्बत सी हो गयी

जरूरी नही तुम मेरा हर कहना मानो,
दहलीज पर रख दी चाहत अब आगे तुम जानो।

वो चाहते है जी भर के प्यार करना और हम सोचते है !
वो प्यार ही क्या जिससे जी भर जाए !!

अगर तुम समझ पाते मेरी चाहत की इन्तहा
तो हम तुमसे नही, तुम हमसे मोहब्बत करते

इस महफिल में किसी को महसूस मत होने देना। 
कि तुम्हारी चाहत से मेरी साँसे चलती है।

तेरे ख़त की इबारत की मैं स्याही बन गया
होता तो चाहत की डगर का मैं भी राही बन गया होता !

सोचने लगा हूँ की बना लू अपनी एक कहानी !
पर डर लगता हैं की कही रह न जाए हमारी अधूरी कहानी !!

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तेरे गम को अपनी रूह में उतार लूँ
जिन्दगी तेरी चाहत में सवार लूँ
मुलाकात हो तुझ से कुछ इस तरह
तमाम उमर बस इक मुलाकात में गुजार लूँ

तेरी चाहत के सिवा अब ना कोई आरज़ू रही तू रहा,
तेरी ख़्वाहिश रही और बस तेरी आशिकी रही

अगर एक हारा हुआ इंसान हारने के बाद भी मुस्करा” दे तो !
जितने वाला भी जीत की खुशी खो देता हैं ये है मुस्कान की ताकत !!

उतर के देख मेरी चाहत की गहराई में
सोचना मेरे बारे में रात की तन्हाई में
अगर हो जाए मेरी चाहत का एहसास तो
मिलेगा मेरा अक्स तुम्हे अपनी ही परछाई में

चाहता तो हूँ कि अब चूम लूँ तुम्हारे इन गालों को मैं,
पर अपने ही लबों से ख़ुद जल भी तो मैं ही जाता हूँ।

दुनिया का सबसे कठिन सवाल होता है और बताओ !
और उससे भी कठिन सवाल उसका जवाब होता है !
सब बढ़िया…तुम बताओ !!

सीख जाओ वक्त पर
किसी की चाहत की कदर करना
कहीं कोई थक ना जाये
तुम्हें एहसास दिलातें दिलाते

मैं कुछ लिखू और तेरा ज़िक्र न हो,
वो तो मेरी चाहत की तौहीन होगी |

मेरे दिल मे तेरी चाहत बस जाए बन के धड़कन
पल भर ना भूल पाऊ,ऐसी तड़प जगा दे

ना जाने क्यों तुझे देखने के बाद भी।
तुझे ही देखने की चाहत रहती है।।

बड़े मगरूर थे गुनाह करते रहे !
सीसे के टुकड़े टुकड़े करते रहे !
ज़मी पर पैर रखने का शौक नहीं !
फिर भी गरीबो को पैरों कुचलते रहे !!

प्यार है मुझसे तो सारी खुशियाँ समेट लो मेरी
गमों का क्या है, ये चाहत से खुशियों में बदल जायेंगे

मेरी मौत पर तुम भी आना,
में अपने जनाज़े पर रौनक चाहता हूँ।

किसी की चाहत मे इतने पागल ना हो
हो सकता हे वो तुम्हारी मंज़िल ना हो
उसकी मुस्कुराहट को मोहब्बत ना समझो
कहीं ये मुस्कुराना उसकी आदत ना हो

चाहत बन गये हो तुम या आदत बन गये
हो तुम हर सांस में यू आते जाते हो जैसे
मेरी इबादत बन गये हो तुम।

इंसान की चाहत कि उङने को पर मिले
और परिंदे सोचते है कि रहने को घर मिले

दिल में चाहत का होना जरूरी है जनाब,
याद तो उधार लेने-देने वाले भी करते हैं।

एक चाहत होती है जनाब अपनों के साथ जीने की 
वरना पता तो हमें भी है कि ऊपर अकेले ही जाना है।

रिहा कर ख़ूबसूरत दिखने की चाहत से मुझे
ऐ आईने तू मेरी सादगी को ज़मानत दे दे

तुमसे इश्क की चाहत में सब कुछ सहे जा रहे है
मोहब्बत के अल्फ़ाज समंदर में बहे जा रहे है

मेरी चाहत का एहसास भी ना होगा उसे
उसकी हर अदा पसन्द आई, बेवफाई के सिवा

हमने तो एक ही शख्स पर चाहत ख़त्म कर दी
अब मोहब्बत किसको कहते है मालुम नही

तुम खुद उलझ जाओगे मुझे गम देने की चाहत में
मुझमें हौसला बहुत है मुस्कुराकर निकल जाऊगा

वो शमा की महफिल ही क्या
जिसमें दिल खाक न हो
मज़ा तो तब है चाहत का
जब दिल तो जले पर राख न हो

वो खुद पे इतना गुरूर करते हैं तो इसमें हैरत की बात नहीं,
बाबू जिन्हें हम चाहते हैं वो आम कभी हो ही नहीं सकते।

दिल की धड़कन और मेरी सदा हो तुम
मेरी पहली और आखिरी वफ़ा हो तुम
मैंने चाहा है तुम्हे चाहत से बढ़कर क्युकी
मेरी चाहत और चाहत की इन्तेहाँ हो तुम

तुम्हारी चाहत को में इनकार नही कर सकता हद है,
जो प्यार की उसे कभी पार नही कर सकता ।।

उनकी चाहत में हम कुछ इस तरह बंधे है
की वो साथ भी नहीं और हम अकेले भी नहीं है

काश की तुम कभी समझ जाओ मेरी चाहत की इन्तहा को
हैरान रह जाओगे तुम अपनी खुश-नसीबी पर

कुछ तो है कहीं, ये जो थोड़ा प्यार-सा है
नशा है तेरा, चाहत या इक ख़ुमार-सा है

तुम्हारी पसंद हमारी चाहत बन जाये
तुम्हारी मुस्कुराहट दिल कि राहत बन ज़ाये
खुदा खुशियो से इतना खुश कर दे आपको
कि आपको खुश देख़ना हमारी आदत बन जाये

बिन बात के ही रूठने की आदत है
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है
आप खुश रहें, मेरा क्या है
मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है

कोई शर्त नहीं है कोई शिकायत नहीं है तुमसे,
बस सीधी सी मुहब्बत है दीदार की चाहत है तुमसे।

होगी कितनी चाहत उस दिल में
जो खुद ही मान जाये कुछ पल खफा होने के बाद

उनकी चाहत में हम कुछ यूँ बंधे हैं 
कि वो साथ भी नहीं और हम अकेले भी नहीं

कभी नफरत कभी चाहत से मुझे देखता है
देखने वाला ज़रूरत से मुझे देखता है

हमारी खुशियों में वो शामिल होतें हैं जिसे हम चाहतें हैं,
लेकिन हमारे दुःखों में वो शामिल होतें है जो हमे चाहते है।

बुराई बड़ी मीठी है, उसकी चाहत कम नहीं होती
सच्चाई बड़ी कड़वी है, सबको हजम नहीं होती

लत भी कमाल की चीज़ है
ना चाहते हुए भी चाहत बन जाती है

दूर होना किस्मत में था
अलग होना चाहत थी तुम्हारी

एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए
तू आज भी बेखबर है कल की तरह

दिल में चाहत का होना जरूरी है, वरना
याद तो रोज दुश्मन भी करते हैं

ज़माना हो गया देखो मगर चाहत नहीं बदली
किसी की ज़िद नहीं बदली मेरी आदत नहीं बदली

एक चाहत होती है
किसी के साथ जीने की जनाब
वरना पता तो हमें भी है
की मरना अकेले है

पता है तकलीफ क्या है ….??
किसी को चाहना……
फिर उसे खो देना
और खामोश हो जाना

एक चाहत होती है
दोस्तों के साथ जीने की जनाब,
वरना पता तो हमें भी है कि
मरना अकेले ही है !!

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