150+ New Judai Shayari In Hindi [2024] | प्रेमिका से बिछड़ने की शायरी | दर्दे मोहब्बत दर्दे जुदाई शायरी | जुदाई शायरी स्टेटस

Judai Shayari In Hindi : दोस्ती और प्यार में जुदाई एक ऐसा पल है जो किसी के भी दिल को बुरी तरह से तोड़ सकती है। जब कोई अपने प्रिय से जुदा होता है, तो यह एक बेहद दर्दनाक अनुभव होता है जिसे शब्दों में बयाँ करना मुश्किल है। जुदाई एक ऐसा अनुभव है जो अक्सर हर प्रेमी को कभी न कभी सहना पड़ता है, चाहे वह कितना भी अपने साथी के साथ रहने की कोशिश करे। कोई भी अपने प्रियजन से दूर नहीं होना चाहता, लेकिन कई बार परिस्थितियाँ ऐसी हो जाती हैं कि इंसान को जुदाई का सामना करना ही पड़ता है।

जुदाई का दर्द इतना गहरा होता है कि यह दिल और दिमाग दोनों को प्रभावित करता है। जिस व्यक्ति से हम दिल से जुड़े होते हैं, उससे जुदा होने का ख्याल ही हमें कमजोर बना देता है। लेकिन कभी-कभी, हालात ऐसे होते हैं कि हमें जुदाई का कड़वा घूंट पीना ही पड़ता है। चाहे वह परिवार की वजह से हो, नौकरी की मजबूरी हो, या फिर कुछ अन्य कारण, जुदाई एक ऐसा सच है जिससे भागना मुश्किल होता है।

अगर आप भी प्यार में जुदाई के दर्द को महसूस कर रहे हैं और अपने दिल की बातों को शायरी के जरिए बयां करना चाहते हैं, तो आप बिलकुल सही जगह पर आए हैं। हम आपके लिए जुदाई से जुड़ी शायरी और इमेजेज का बेहतरीन संग्रह लेकर आए हैं। ये शायरियां आपके दिल के दर्द को शब्दों में पिरोने का काम करेंगी और शायद आपके दिल का बोझ थोड़ा हल्का हो।

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 Judai Shayari In Hindi

अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो

उनसे जुदा होकर भी,
गुफ़्तगू उनसे रोज होती है,
सवाल भी हमारे होते हैं,
और जवाब भी।

तेरी जुदाई का शिकवा करूँ भी तो किससे करूँ,
यहाँ तो हर कोई अब भी मुझे तेरा समझता है।

तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं,
तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं।

दर्द जुदाई का सहते सहते है
दर्द सहने में भी आनन्द आने लगता है।

हम क्या कहे तेरे बारे में मेरी धड़कने बयान करती है,
तू मुझसे जुदा होक भी हर पल मेरे साथ रहती है,

बदन में जैसे लहू ताज़ियाना हो गया है
उसे गले से लगाए ज़माना हो गया है

सर्द रातों में सताती है जुदाई तेरी,
आग बुझती नहीं सीने में लगाई तेरी,
तू तो कहता था बिछड़ के सुकून पा लेंगे,
फिर क्यों रोती है मेरे दर पे तन्हाई तेरी।

हिज्र में तेरे हमने इसको भी हुनर जाना,
हर सुबह को जी उठना हर रात को मर जाना।

जुदा होकर भी जुदाई नहीं होती इश्क
उम्र कैद है प्यारे इसमें रिहाई नहीं होती

आँखों से दूर न हो, दिल से भी दूर मत होना,
ये ज़रूरी नहीं हर पल पास रहो,
मोहब्बत दिल से होती है, बस मुझसे जुदा मत होना।

कभी इस दर्द से गुजरो तो मालूम हो तुमको
जुदाई वो बीमारी है। जो की कैंसर से भी भारी है।

उनसे जुदा होते देख सपनो में भी मेरे आस्क निकल पड़े,
अब जाके महसूस हुआ मोहब्बत क्या चीज होती है,

आपकी आहट दिल को बेकरार करती है,
नज़र तलाश आपको बार-बार करती है,
गिला नहीं जो हम हैं इतने दूर आपसे,
हमारी तो जुदाई भी आपसे प्यार करती है।

हर किसी से दिल लगाना हमारा काम नहीं,
जिसपे दिल आ जाये वही अंजाम नहीं,
हर कोई समझ नहीं सकता मेरे इस दर्द को,
तेरे सिवा कोई मेरे दिल के करीब नहीं।

इंतज़ार भी रहेगा
आप वाफीस आओ या न आओ
आपसे प्यार फिर भी रहेगा।

जुदाइयों के जख्म
दर्द-ए-जिंदगी ने भर दिए,
तुझे भी नींद आ गई
मुझे भी सब्र आ गया।

है चाँद का मुँह भी उतरा उतरा,
तारों ने चमकना छोड़ दिया,
जिस दिन से जुदा वो हमसे हुए,
इस दिल ने धड़कना छोड़ दिया।

कभी याद आती है, कभी दिल तड़पता है,
तेरी तस्वीर को सीने से लगा कर रोता हूँ,
अकेले में जब तेरा नाम लेकर सोता हूँ।

दिल है कोई पत्थर नहीं कि
की हर कोई आता है दिल लगा कर
छोड़ जाता है।

तुझे से जुदा हुए तो थक हर के फिर से सो गए,
अब इन आँखों को किसी खवाब की खवाहिश ही नहीं रही ,

जुदा हो कर भी जी रहे हैं मुद्दत से,
कभी कहते थे दोनों कि जुदाई मार डालेगी।

कभी हमें भी याद कर लिया करो,
अपने दिल के किसी कोने में बसा लिया करो,
और कोई नहीं इस दिल में हमारे सिवा,
बस हमें अपना बनाकर समझ लिया करो।

उस वक़्त तो खुदा भी सोच में पड़ गया,
जब मेने खुशियां उस के लिए और दुःख अपने लिए मांग लिया।

मंजिल न मिली जिंदगी में तो कोइ बात नहीं,
जुदा हो के तुमसे मुझे जीना ही नहीं,

कट ही गई जुदाई भी कब ये हुआ कि मर गए,
तेरे भी दिन गुजर गए मेरे भी दिन गुजर गए।

भले लाख कर लूँ कोशिश भी मगर,
दिल की बात कही न जाएगी मुझसे,
ऐ मेरे हमदम न होना जुदा कभी,
तेरी जुदाई न सही जाएगी मुझसे।

तेरी जुदाई ने मुझे आज ये सबक सिखा दिया,
प्यार सच्चा हो तो ज़िन्दगी भी पराई लगती है।

न खेल दिल से मेरे न जज़्बातों से,
ऐसे तो में भी खिलाड़ी अच्छा था।
पर अब डर लगता है इश्क की बातों से।

दूर रहके जुदाई का गम बहोत आसान है साहेब,
जुदाई का गम तो तब होता है जब कोइ पास हो के भी दूर होता है,

दिल जुड़ा हो तो मुलाक़ात से फिर क्या हासिल,
यूं तो सेहरा भी समंदर से मिला करते हैं।

दिल को मेरे ये एहसास भी नहीं है,
कि अब मेरा मेरा यार मेरे पास नहीं है,
उसकी जुदाई ने वो ज़ख्म दिया हमें,
जिंदा भी न रहे और लाश भी नहीं है।

जब तुम्हं अकेले में मेरी याद आएगी
आसुओं की बारिश में
तुम भी भीग जाओगे।

अपनी चुप्पी में न जाने, क्या-क्या खो दोगे ?
हमने जिसे चाहा उसे तो खो दिया क्या अब हम खुद को भी खो देंगे।

उसकी जुदाई में आज यादें तड़पाती हैं,
याद में उसकी अब तो रातें गुजर जाती हैं,
कभी नींद नहीं आती है आँखों में,
तो कभी नींद से आँखें ही मुकर जाती हैं।

जुदा होके भी
तू मुझमें कहीं बाकी है
पलको में बनके आंसू
तू चली आती है।

ना भूले है ना उनको भूल पाएंगे।
हम ने सच्ची मोहब्बत की है।
उस के छोड़ जाने के बाद भी हम निभायेंगे।

कोइ हमसे बस ये कहके जुदा हो गया,
के हम तेरे नहीं तेरे चहरे के दीवाने थे,

फुर्सत मिली जब हमको तो तन्हाई आ गई,
ग़म भी आया साथ में रुसवाई आ गई,
इन सबसे मिलने आँख में आँसू भी आ गए,
जब याद मेरे दिल को तेरी जुदाई आ गई।

कोई वादा नहीं फिर भी इंतज़ार है,
जुदाई के बावजूद भी हमें तुझसे प्यार है,
तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गवाही,
मुझसे बिछड़ कर तू भी बेकरार है।

जुदाई में हर दिन एक सदी लगती है,
तेरे बिना हर घड़ी भारी लगती है।
दिल की आवाज़ अब तो सुन लो,
तेरे बिन ये ज़िंदगी अधूरी लगती है।

दूरियों से फर्क नही पड़ता,
बस तोड़ा सा याद कर लिया करो।

जिनसे जुदाई लिखी हो जिंदगी भर,
कसम रब की उनकी यादें कमाल की होती हैं,

जुदा भी हो के वो एक पल कभी जुदा न हुआ,
ये और बात है कि देखे उसे ज़माना हुआ।

ख्वाबों में तुमसे मिल लेते हैं,
जुदाई में भी खुद को संभाल लेते हैं।
यादों की चादर ओढ़ लेते हैं,
तेरी यादों में हम जी लेते हैं।

मैं यह सोच कर दिल को तसल्ली दे लेता हूं की
पहली मोहब्बत तो कान्हा के नसीब में भी नही थी
तो मैं तो एक साधा सा इंसान हूं।

तुमने जुदाई का गम न समझा कभी और नहीं कभी समझना चाहा,
हम चाहते भी क्या थे सनम एक तुम्हारे इलावा,

वो हमसफर था मगर उससे हमनवाई न थी,
कि धूप छाँव का आलम रहा जुदाई न थी।

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तेरी जुदाई में हम बर्बाद हो गए,
तेरे बिना ये दिल वीरान हो गए।
अब ना उम्मीद है ना कोई आरज़ू,
तेरे बिना हम बस नाम के इंसान हो गए।

शायद हमारा साथ मुकद्दर मे था ही नही।
तभी तो इतनी चाहत के बाद भी मोहब्बत अधूरी रही।

दुनियां में आये तो जीने का हुनर भी सिख लिया,
दुश्मनों से तो कोइ खतरा न था बस अपनों पे भरोसा कर लिया,

ये ठीक है नहीं मरता कोई जुदाई में,
खुदा किसी को किसी से मगर जुदा न करे।

जुदाई का दर्द कुछ इस तरह है,
जैसे दिल से कोई सांस दूर हो गई हो।
हर एक लम्हा तुझे सोचते हैं,
तेरे बिना जिंदगी बेमानी हो गई हो।

तू फ़िक्र ना कर, हम जी लेंगे।
तेरे साथ न सही पर तेरी यादों के साथ जी लेंगे।
हम इस जुदाई का दर्द हंसते हंसते पी लेंगे।

जब कभी मेरे दिल को वो रिहाई देगा,
मेरे अंदर कोई तूफ़ान सुनाई देगा,
उस से मिलते ही यह एहसास हुआ था,
मुझको यही शख्स लम्बी जुदाई देगा।

तेरी यादों में ये दिल खो गया,
तेरे बिना जीना सिखने लगा।
हर एक सांस में तुझे महसूस करता हूँ,
जुदाई का दर्द अब समझने लगा।

महोब्बत करोगे तो टूटना पड़ेगा।
मोहब्बत के दर्द को सहना पड़ेगा
यह मोहब्बत है जनाब इसे करोगे
तो घुट घुट कर जीना पड़ेगा।

उसने कहा वजह पूछोगे जुदाई की तो उम्र बीत जाएगी,
बस तेरे साथ नहीं रहना तो नहीं रहना,

जुदाई की रातों में हम तारे गिनते हैं,
तेरी यादों में आंसू बहाते हैं।
हर पल बस यही सोचते हैं,
तुम कब लौटोगे, हम बस यही चाहते हैं।

मेरी पहली मोहब्बत थी और सायद आखरी।
और उसकी मोहब्बत की कोई गिनती नहीं थी।

तेरे बिना ये दिल उदास है,
हर पल तुझसे मिलने की आस है।
जुदाई का दर्द कुछ ऐसा है,
जैसे बिना धड़कन के सांस है।

जुदा होकर भी तेरा इंतजार करते हैं,
हर पल बस तुझे याद करते हैं।
दिल को समझाने की कोशिश करते हैं,
पर ये दिल हर बार तुझे पुकारते हैं।

जब तुम जान पाओगे
तब तक बड़ी देर हो जायेगी।
किसी गलत इंसान से तुम्हे सच्ची मोहब्बत हो जायेगी।

तेरे पास होक में खुद को मुकम्मल समझता हु,
रब के बाद में बस तुझसे ही मोहब्बत करता हूँ,

तेरे बिना ये आलम उदास है,
हर तरफ बिछी खामोशियों की बांस है।
जुदाई का दर्द हमसे ना सहा जाता,
तेरे बिना ये दिल हमेशा उदास है।

बेबसी का ये आलम ना पूछिए,
हम कह रहे है हमे मोहब्बत का दर्द है
हम से दर्द न पूछिए।

बैठे थे बेखौफ तेरे जुदाई से हम,
दिले कम्बख्त ने फिर से तुझे याद कर लिया,

जुदाई में तुझे भुला न सके,
तेरी यादों को दिल से मिटा न सके।
तू बसी है मेरी रग-रग में,
तुझे दिल से कभी जुदा न कर सके।

इस से ज़्यादा क्या गुज़रेगी हम पर
हम ने मोहब्बत में जुदाई देखी है।

तेरी जुदाई में हम रोते हैं,
तेरे बिना ये दिन-रात सोते हैं।
दिल की हालत कोई समझ न सका,
तेरे बिना ये आँखें भी खोते हैं।

मोहब्बत अधूरी ना हो तो
मोहब्बत का मज़ा ही नहीं आता …

जुदा होने से पहले वो हमसे कहा करते थे,
भूलना और भूलना तो दिमाग का काम होता है,
तू तो मेरे सांसो में रहता है,

जुदाई में तुझसे दूर हो गए,
तेरे बिना हम मजबूर हो गए।
दिल से तुझे कभी जुदा न कर सके,
तेरे बिना हम अधूरे हो गए।

तुम जिंदगी को जियो।
हमारी तो जिंदगी ही हमे छोड़ के चली गई।

तेरे बिना ये आलम सुना सा है,
तेरी जुदाई का दर्द सता सा है।
हर पल बस तुझे सोचते हैं,
तेरे बिना ये दिल तड़पता सा है।

रोक रहे थे हम उन्हे।
लेकिन जाने वाले को कौन रोक पाया है?
हम भी उन्हें जाने से रोक न सके।
वह दिल तोड़ के चले गए।
वह हमे छोड़ के चले गए।

जब से वो हमसे जुदा हुए उनसे वक़्त मांगना ही छोड़ दिया,
क्या पता उनके पास इंकार करने का भी वक़्त न हो,

मेरा दिल अमिर था पर मैं गरीब
शायद इस लिए उस ने छोड़ दिया।

समुन्दर से लहरें कभी जुदा नहीं होती,
समुन्दर हज़ारो बार फेकता है बाहेर की तरफ,
लहरे लौट के समुन्दर में समां जाती हैं,

मोहब्बत अधूरी रही तो क्या हुआ,
हम ने प्यार तो सच्चा किया था।

सब कुछ होते हुए भी तन्हाई मिलती है,
यादों में भी गमे परछाई होती है,
जितनी दुआ करते है उन्हें पाने कि,
उतनी ही उनसे जुदाई मिलती है

हमने जो की थी मोहब्बत आज भी है।
वह तो छोड़ के चली गई पर उस से मोहब्बत आज भी है।

वफाएं जंजीर से डर लगता है,
मुझे अपनी ही तकदीर से डर लगता है,
जो तुझे मुझसे जुदा करती है,
हाथ के उसी लकीर से डर लगता है,

धूम्रपान जानलेवा है…
लेकिन इश्क तो जान ले ही लेता है।

ख्वाहिश इश्क़ की हम भी रखते हैं,
किसी दिल में हम भी धड़कते हैं,
हम मिलना चाहे तो बहुत है आप से,
पर मिलने के बाद बिछड़ने से डरते हैं

हां इश्क के दर्द का कोई इलाज नही
इश्क में बिछड़ने वाले आज तक मिले नही।

आंसुओं को खबर कैसे हुए तेरे जुदाई की,
शायद खुद ही निकल गए तेरे तलाश में,

खामोशियां बोल देती हैं जिनकी बातें नहीं होती।
ऐसा नहीं है की उन के बीच का प्यार खत्म हो गया है।

मुँह से निकली हर बात सच्ची नही होती।
जिंदगी की पहली मोहब्बत सेहत के लिए अच्छी नही होती।

उन्ही उम्मीद दिलाते हैं ज़माने वाले,
कब लौट के आते हैं जाने वाले,

शायर शायरी लिखते है।
हम तो दीवाने है जो दर्द लिखते है।

सुन ए जाने वाले एक बात तो बता,
क्या इस जुदाई में हम याद आयेंगे कभी,

बिछड़ते वक्त,एक दर्द और दे गई
अपनी यादों को वह दर्द के तौर पर दे है।

हमारी छोड़ो हम खुद को संभाल लेंगे,
तुम हमें याद कर के परेशान मत होना,

मैं बस अपना अकेलापन लिखता हूं
कुछ लोग उसे बिछड़ने का गम कहते है।

कल रात मेरा दिल मुझे सताता रहा,
की आप जाते जाते अपनी निशानी न मांगले

मुमकिन नहीं है मिलन हमारा,
अब नही रहा एक दूसरे का सहारा।

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