Mausam Shayari In Hindi : दोस्तों, मौसम हमारे जीवन में विशेष संकेत लाता है। एक सुहाना मौसम हमें कितनी खुशी और सुकून प्रदान करता है, इसका अनुभव हम सभी ने किया है। जब मौसम सुहावना हो और आपके साथ आपका प्रिय हो, तो दिन सचमुच यादगार बन जाता है। इस तरह के मौसम में अपने प्रियजन से मिलना एक अलग ही आनंद देता है। इंसान मन ही मन सोचता है, “काश! ऐसा मौसम हमेशा बना रहे और मेरे साथ मेरा साथी भी हमेशा हो।”
अगर आप भी इस पल को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना चाहते हैं, तो हमने आपके लिए यहाँ पर मौसम पर आधारित कुछ बेहतरीन शायरियाँ और शायरी इमेजेस लाये हैं। जिन्हे आप अपने दोस्तों को भेज सकते हैं और इस सुहाने मौसम की मिठास को उनके साथ बाँट सकते हैं।
तो चलिए इस मौसम की खूबसूरत मौसम का आनंद ले और अपने रिश्तों को और भी मजबूत बनाएं Mausam Shayari In Hindi के माध्यम से।
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तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे
मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे
ये मौसम बहुत खूबसूरत है,
इसे हम दोनों की जरूरत है।
“कहीं फिसल न जाओ जरा संभल के चलने का,
मौसम बारिश का भी है और मोहब्बत का भी।”
कितने दिलों को तोड़ती है ये कमबख्त फरवरी,
यूं ही नहीं इसके, दिन घटाए हैं।
बारिश से ज़्यादा तासीर है तेरी यादों मे
हम अक्सर बंद कमरे मे भी भीग जाते हैं
रिमझिम फुहारों में दिल की बात हो
तेरे साथ बिताए वो हसीन रात हो
हर बूंद में महसूस हो तेरी मौजूदगी
इस बारिश में बस प्यार की बरसात हो !
“आँखों में अपने समंदर समेटा हूँ,
ऐ बादल तू मुझ पर मत बरस।”
शाम ढलते ही एक नई कहानी लिखी जाती है,
मौसम बदलते ही नई जवानी खिली जाती है।
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था..!!
यह मौसम कहीं गुजर न जाए,
तुझे जी भर के देख लो बरसात से पहले
मेरी ख्वाइश आज मुझसे पूछती है,
तेरी ख्वाइश क्या है?
बैठे बैठे फेंक दिया है आतिश-दान में क्या क्या कुछ
मौसम इतना सर्द नहीं था जितनी आग जला ली है
“बारिश की बूंदें जब जमीं पे गिरें,
हर बूंद में सजें, सपनों के घिरे।
इस मौसम की मिठास, दिल को भाए,
हर धड़कन में नई उमंग जगाए।”
जरा ठहरो कि बारिश है…
ये थम जाये तो चले जाना,
किसी का तुमको छू जाना
मुझे अच्छा नहीं लगता।
वो बारिश की ही तो पहली याद थी ,
जो तुम्हारा कहा मुझे कुछ सुनाने आयी थी।
कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है !
“तू मुझसे मेरी इश्क़ की इंतहा ना पूछ,
मेरे आंसू तुम्हें सैलाब बन कर बहा ले जायेंगे।”
मौसम का मज़ा तब आता है,
जब दोस्तों का साथ होता है।
बारिश की बूंदों में बसी है एक अदा,
मौसम की इस चाल में बसी है सादगी की सदा।
सुनी निगाहों में जब तुम समाए हो तो
मौसम का हसीन होना लाज़मी है..!!
बारिश की तरह आती है तुम्हारी याद,
जो मेरे दिल को छू कर दुखा देती हैं..!
बिल्कुल, यादें तूफ़ान लाती हैं।
मौसम की जानकारी का मुझे कोई अंजाम नहीं है,
लेकिन ये जानता हूँ कि यादें तूफ़ान लाती हैं।
तुम्हारे साथ ये मौसम फ़रिश्तों जैसा है
तुम्हारे बाद ये मौसम बहुत सताएगा।
वो आग बुझी तो हमें मौसम ने झिंझोड़ा
वर्ना यही लगता था कि सर्दी नहीं आई
“काश आज ऐसी बारिश बरसे,
जो तेरी यादों को भी बहा ले जाए।”
अब कौन से मौसम से हम आस लगायें,
बरसात में भी याद न जब उनको हम आये।
कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते,
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है।
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था !
तेरी बिन अब सोचा भी नहीं जाता,
ये बारिश मुझे तेरे बिन परेशान किए जा रही।
हर मौसम की अपनी एक कहानी होती है,
कुछ खट्टी कुछ मीठी, ज़िंदगी भी सुहानी होती है।
बारिश के मौसम में तेरी यादें सब कुछ
भुला देती हैं फिर भी मेरी आँखों
से बहते हुए आँसू नहीं रुकते…
कुछ तो तेरे मौसम ही मुझे रस कम आए
और कुछ मेरी मिट्टी में बगावत भी बहुत थी
जान ये मौसम तो कुछ लम्हों में बदल जाएगा,
वादा करो तुम नहीं बदलोगे।
होली है या फिर फूलों का मौसम है
सब के चेहरों पे रंग है ख़ुशबू भी है
तपिश और बढ़ गई इन चंद बूंदों के बाद,
काले स्याह बादल ने भी बस यूँ ही बहलाया मुझे।
उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नही…
भीगने वालो को क्या क्या परेशानी हुई…
तेरी यादों की बारिश में भीगते हैं हम
हर बूँद में तेरा अक्स देखते हैं हम
ये मौसम, ये बारिश, तेरी याद दिलाए
हर पल में तुझसे मिलने की चाहत जगाए !
लोग करते होंगे Romance की बातें,
इन बारिश में हम तो बस चाय कि चुस्की लेते हैं।
सर्द हवाओं में भी गर्मी का एहसास,
मौसम के बदलने का ये है खास अंदाज़।
आज मौसम कितना खुश गंवार हो गया ख़तम सभी का
इंतजार हो गया.. बारिश की बूंदे गिरी कुछ इस तरह से
लगा जैसे आसमां को ज़मीं से प्यार हो गया..!!
हमें क्या पता था, ये मौसम ऐसे रो पड़ेगा
हमने तो आसमान को बस अपनी कहानी सुनाई है
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे
मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे।
“कुछ लोगों के लिए बारिश सुकून लाती है,
तो कुछ के लिए पुरानी यादों का तूफान।
बारिश हर किसी को अलग-अलग कहानी सुनाती है।”
मत झटका करो गीले बालों से पानी की वो बूंदे,
ये कंबख्त बादल भी बरसने से इनकार कर देते है।
उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं
भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई !
पहले बारिश होती थी तो याद आते थे,
अब याद आते हो तो बारिश होती है
कोई तो बारिश ऐसी हो जो तेरे साथ बरसे
तन्हा तो मेरी आँखें हर रोज़ बरसाती है !
अब बादल घिर कर आ गया है सर पे लगता है,
अब बरसात जोरदार होगी।
मौसम की तरह है ये दिल का हाल, कभी धूप,
कभी छांव, कभी बारिश का सवाल।
बारिश का मौसम मुझे इसीलिए भाता है
अंदर और बाहर का मौसम एक सा हो जाता है..!!
तुम्हारे शहर का मौसम बहुत खूबसूरत लगे
मैं एक शाम छीन लूँ अगर बुरा न लगे
कम से कम अपनी जुल्फे तो बाँध लिया करो।
कमबख्त. बेवजह मौसम बदल दिया करते हैं।।
“बारिश अधूरी ख़्वाहिशों की तरह है,
ज़मीन को तरसाती है, पर पूरी तरह से कभी नहीं भरती।”
कुछ तो हवा भी सर्द थी
कुछ था तेरा ख़याल भी,
दिल को ख़ुशी के साथ साथ
होता रहा मलाल भी।
बारिश जैसे है फूलों के लिए, वैसे ही मेरे लिए हो तुम।
कि तुम्हारे आने से खिल सी जाती हूँ मै।
बारिश और मोहब्बत दोनों ही यादगार होते हे
बारिश में जिस्म भीगता हे और मोहब्बत में आँखे !
तुझ में और बारिश में एक खास बात है,
दोनों ही कभी-कभी बेवजह ज़ोर से बरसते है।
बदलते मौसम के साथ बदलते हैं नजारे,
पर दिल का मौसम कभी नहीं बदलता प्यारे।
जब बारिश की बूंदें तुम्हारी यादों के साथ गिरती हैं,
तो दिल में तन्हाई की आहट सी सुनाई देती है…!
सुहाने मौसम में दिल भी कहीं भटक जाता है
उस गली में ही कहि फिर से दिल अटक जाता है
“शहर की सड़कें बारिश में बहते हुए आँसू हैं,
जो गंदगी और मायूसी को बहा ले जाना चाहते हैं।”
बारिश जैसे है फूलों के लिए, वैसे ही मेरे लिए हो तुम।
कि तुम्हारे आने से खिल सी जाती हूँ मै।
उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं
भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई
खुद भी रोता है मुझे भी रुलादेता है
ये बारिश का मौसम उसकी याद दिला देता है !
सुहाना मौसम और दिल का हाल,
तेरे बिना सब लगता है बेहाल।
भीगा रही है बारिशें इश्क़ में मुझे
ये मौसम दुआओं सा कहीं बदल न जाए..!!
उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नही…
भीगने वालो को क्या क्या परेशानी हुई…
मेरे दिल की जमीन बरसों से बंजर पडी है
मै तो आज भी बारिश का इन्तेजार कर रहा हूँ
कही फिसल ना जाओ,ज़रा संभल के रहना
मौसम बारिश का भी है और मोहब्बत का भी है
कोई इस तरह भी वाकिफ हो मेरी जिंदगी से
की मैं बारिश में भी रोऊँ और वो मेरे आँसूं पढ़ ले !
मुझे ऐसा ही जिन्दगी का हर एक पल चाहिए
प्यार से भरी बारिश और संग तुम चाहिए !
हम भीगते हैं जिस तरह से तेरी यादों में डूबकर
इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे ख्यालों जैसी
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बारिश की बूंदें जब जमीं पे गिरें
हर बूँद में सजें, सपनों के घिरे
इस मौसम की मिठास, दिल को भाए
हर धड़कन में नई उमंग जगाए !
आज आसमां भी मेरे साथ कुछ उदास सा था,
बेवजह की बारिश लगातार होती जा रही है।
सुहाना मौसम और तेरा ख्याल,
हर शाम लगे एक खूबसूरत मिसाल।
बारिश और मोहब्बत दोनों ही, यादगार होते है
बारिश में जिस्म, भीगता है और मोहबत में आंखे..!!
सुहाना मौसम भी बिगड़ जाता है
आँधियों के चलने से
धोखेबाज भी बदल जाते है
धोखेबाजियों के चलने से
“बारिश टूटे हुए सपनों के टुकड़ों की तरह गिरती है,
ज़मीन पर बिखर कर नई उम्मीदें जगाती है।”
बारिश की बूंदों में झलकती है उसकी तस्वीर,
आज फिर भीग बैठे है उसे पाने की चाहत में।
बारिश से ज़्यादा तासीर है तेरी यादों मे
हम अक्सर बंद कमरे मे भी भीग जाते हैं !
किसको सुनाता फिरूं मैं काबिलियत अपनी,
मैं बरसने वाला बादल हूँ गरजने वाला नहीं।
तपिश और बढ़ गई इन चंद बूंदों के बाद,
काले स्याह बादल ने भी बस यूँ ही बहलाया मुझे।
गुजारिश करता हूं कि उससे अकेले में मुलाकात हो,
ख्वाहिश ए दिल है जब भी हो बरसात हो !
आज मौसम कितना खुशगवार हो गया
ख़तम सभी का इंतजार हो गया
बारिश की बूंदे गिरी कुछ इस तरह से
लगा जैसे आसमां को ज़मीं से प्यार हो गया !
पहले बारिश में हम तुम मिलते थे,
अब तुम्हारी याद आती है तो आँसूओ कि बारिश होती है।
इस सुहाने मौसम में तेरा नाम,
जैसे होठों पर बसी एक प्यारी सी मुस्कान।
कभी भीगते थे संग तेरे हम सावन की रिमझिम बारिश में,
आज अकेला ही भीगता हूँ मैं अपने आंसुओं की बारिश में।
विचार हो जैसा वैसा मंजर होता है,
मौसम तो इंसान के अंदर होता है.
“आँखों में उदासी हो तो बारिश का हर बूंद आँसू लगता है,
खुशी हो तो मोती बन जाता है।”
पता था मुझे बारिश होंगी,
बादलो को दुख जो सुनाया था मैंने।
तमाम रात नहाया था शहर बारिश में
वो रंग उतर ही गए जो उतरने वाले थे !
किस मुँह से इल्ज़ाम लगाएं बारिश की बौछारों पर
हमने ख़ुद तस्वीर बनाई थी मिट्टी की दीवारों पर !
खो गया हूं इस मौसम में,
बिन बारिश मुझे भीगाए जा रही है।
बंजर सा लगने लगा है ये समां,
अब बरस जाओ न पहली बारिश कि तरह।
मौसम का असर है या तेरे प्यार की बात,
हर ओर महकता है तेरा नाम और तेरी याद।
बारिश की बूंदें और तेरा साथ,
इस मौसम में हर पल है जैसे एक नई शुरुआत।
तकलीफ तो होती होगी उन बादलों को,
जिनसे बून्द बिछड़ कर ज़मीन पर आ गिरती है।
तेरा इश्क़ मेरे जीवन में आंधी सी आई,
आंसू बूंदें बन कर सैलाब बनी और सब बहा कर ले गई।
शान्त बैठा था खुले आसमान के नीचे तभी बारिश होने लगी,
मैं समझ गया मेरे दर्द को सुनकर येबादल भी रोने लगा।
रुका हुआ है अज़ब धुप छाँव का मौसम,
गुज़र रहा है कोई दिल से बादलों की तरह..!!
“बारिश से मोहब्बत मुझे कुछ इस कदर है,
वो बरसता उधर है, और मेरा दिल
आपके लिए धड़कता इधर है!”
हवा भी रूक जाती है कहने को कुछ तराने
बारिश की बूंदे भी उसे छूने को करती है बहाने !
तेरे प्रेम की बारिश हो,मैं जलमगन हो जाऊं,
तुम घटा बन चली आओ,मैं बादल बन जाऊं !
सुनी निगाहों में जब तुम समाए हो तो
मौसम का हसीन होना लाज़मी है !
कैद न रखा कर खुद को,
सावन में बाहर बारिश में थोड़ा भीग जाया कर।
ये बारिश का मौसम और तुम्हारी याद
चलो फिर मिलते हैं एक कप चाय के साथ !
जो आना चाहो हज़ारों रास्ते
न आना चाहो तो हज़ारों बहाने।
मिज़ाज-ऐ-बरहम , मुश्किल रास्ता
बरसती बारिश और ख़राब मौसम।।
“ऐ बारिश, तुझसे शुक्रिया इन कलियों ने कहा है,
एक तुझसे मिलने के लिए सूरज की गर्मी को सहा है।”
किया न करो मुझसे इश्क़ की बाते
बिन बारिश के ही भीग जाती हैं राते !
सांस बन कर तुम मेरे दिल में समा जाते हो
जब भी तुम्हे याद करता हूं बरसात बन के आ जाते हो !
शान्त बैठा था खुले आसमान के नीचे तभी बारिश होने लगी,
मैं समझ गया मेरे दर्द को सुनकर येबादल भी रोने लगा।
सुहानी शाम और तेरा साथ,
इस मौसम में हर पल है जैसे एक ख्वाब।
ये रात क्यों गुजरती नहीं,
अब ये तेरी याद मुझे क्यों सताती नहीं,
और ऊपर से ये बरसात क्यों जाती नहीं।
जैसे-जैसे यह बारिश का मौसम आ रहा है,
वैसे-वैसे हम तेरे दीवाने होते जा रहे हैं।
कुछ तो हवा भी सर्द थी
कुछ था तेरा ख़याल भी,
दिल को ख़ुशी के साथ साथ
होता रहा मलाल भी।
“उस जहां में ग़ुनाह की सज़ा कुछ और है,
बिन मौसम के बारिश का मज़ा कुछ और है।”
सुनो ये बादल जब भी बरसता है,
मन तुझसे ही मिलने को तरसता है।
तेरे प्यार की बारिश में भीग रहा है दिल,
इस मौसम में बस तू ही तू है शामिल।
कौन है वह, कैसा है, यह नहीं पता, पर जो भी है,
इस बारिश की तरह है, पूरे माहौल को खुशनुमा कर जाता है।
मौसम का मिजाज समझ में नही आता है,
यह भी इंसानों की तरह बेवफा हो जाता है.
“मत झटका करो गीले बालों से पानी की वो बूंदे,
ये कंबख्त बादल भी बरसने से इनकार कर देते है।”
खुद भी रोता है मुझे भी रुला देता है
ये बारिश का मौसम उसकी याद दिला देता है
ये रात क्यों गुजरती नहीं,
अब ये तेरी याद मुझे क्यों सताती नहीं,
और ऊपर से ये बरसात क्यों जाती नहीं।
शान्त बैठा था खुले आसमान के नीचे तभी बारिश होने लगी,
मैं समझ गया मेरे दर्द को सुनकर येबादल भी रोने लगा।
अपने किरदार को मौसम से बचाए रखना !
लौट कर फूलों में वापस नहीं आती खुशबू.”
“कहीं फिसल न जाओ, जरा संभल के चलना।
मौसम बारिश का भी है और मोहब्बत का भी।”
मुझे ऐसा ही जिन्दगी का हर एक पल चाहिए,
प्यार से भरी बारिश और संग तुम चाहिए !!
इंतज़ार में है ये नदियाँ ये घटा ये धरा और मैं,
अब बरस भी जा ए गगन।